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फैक्ट चेक

बांग्लादेश की घटना असम में पुलिस की बर्बरता के रूप में वायरल

बूम ने पाया कि वीडियो छह साल से ज्यादा पुराना है और बांग्लादेश का है।

By - Saket Tiwari |
Published -  4 Jan 2020 3:35 PM IST
  • बांग्लादेश की घटना असम में पुलिस की बर्बरता के रूप में वायरल

    बांग्लादेश में पुलिस द्वारा रात में की गयी एक कार्यवाही का वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ शेयर किया जा रहा है| दावा है की यह घटना असम में हुई थी|

    बूम ने पाया कि यह वीडियो मई 2013 से इंटरनेट पर मौजूद है और यह किसी भी तरह से भारत से संबंधित नहीं है।

    2.26 सेकंड की क्लिप को प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के साथ ग़लत तरीके से जोड़ा जा है।

    पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने हाल ही में इस वीडियो क्लिप को भारत के तंत्र और सरकार को निशाना बनाते हुए पोस्ट किया था| उन्होंने कैप्शन में लिखा था, "भारतीय पुलिस द्वारा उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की तबाही"| हालांकि बूम द्वारा आपत्ति जताने और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ साथ कई यूज़र्स द्वारा इसे फ़र्ज़ी बताने के बाद उन्होंने ट्वीट थ्रेड को डिलीट कर दिया| आर्काइव्ड वर्शन यहाँ उपलब्ध है| इमरान खान के ट्वीट पर इंटरनेट और पुलिस की प्रतिक्रिया पर बूम का लेख यहाँ पढ़ें|

    यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के वीडियो को बताया जा रहा कश्मीर में भारतीय सेना की महिलाओं के प्रति बदसलूकी

    एंटी-रायट गियर पहने और प्रदर्शनकारियों की पिटाई करते हुए यह क्लिप, अलग-अलग कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है।

    बूम को यह वीडियो अपने व्हाट्सएप्प हेल्पलाइन (77009 06111) पर मिला है जिसमें इसकी सच्चाई पूछी गई है।


    फ़ेसबुक पर वायरल

    क्लिप को फ़ेसबुक पर इस दावे के साथ भी शेयर किया गया है कि यह एनआरसी से संबंधित है।


    कई ट्विटर यूज़रों ने इसी तरह के दावे के साथ वीडियो क्लिप शेयर किया है।

    Asam me NRC lagu, logo ko gharoo se uthana shuru ho chuka h.
    News wale aapko ye nahi dekhayegi, kyun ki wo bik chuki h, ab aapki aur humari zimmadari h is video ko ziyada se ziyada share karne ki. pic.twitter.com/MBtUiu3MiP

    — SO SORRY (@dahiashraf701) January 3, 2020

    फ़ैक्टचेक

    बूम ने पाया कि पुलिस की वर्दी पर देखा गया प्रतीक चिन्ह आर.ए.बी या रैपिड एक्शन बटालियन है जो कि बांग्लादेश पुलिस की एक अपराध-रोधी और आतंकवाद-रोधी इकाई है। वायरल वीडियो में प्रतीक को कई बार देखा जा सकता है। एक तुलना नीचे देखी जा सकती है।

    यह भी पढ़ें: सालों पुरानी तस्वीर को भारतीय सेना के ख़िलाफ किया गया इस्तेमाल


    हमनें फिर वीडियो को कीफ़्रेम में तोड़ा और एक रिवर्स इमेज सर्च चलाया और हमने पाया कि यह सात साल पहले एक वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइट डैलीमोशन पर अपलोड किया गया था। वीडियो के साथ विवरण में लिखा गया है कि, 'संयुक्त बल ने 3000 से अधिक निर्दोष हिफाज़त कार्यकर्ताओं को 6 मई को सुबह 2.30 से 4.00 बजे के बीच सोते हुए मार डाला ।'


    फिर हमने "बांग्लादेश पुलिस" और "हिफाज़त ए इस्लाम 2013" जैसे प्रासंगिक कीवर्ड के साथ यूट्यूब पर खोज की और 10 सितंबर, 2013 को प्रकाशित यही वीडियो पाया।

    नोट: परेशान करने वाले दृश्य

    समाचार रिपोर्टों की खोज से पता चला है कि यह घटना 5 मई - 6 मई, 2013 की है, जब पुलिस और धार्मिक कट्टरपंथियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं| धार्मिक कट्टरपंथी प्रदर्शनकारियों ने मजबूत इस्लामी कानूनों की मांग करते हुए ढाका में तोड़-फोड़ की जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाही की थी। हिफाज़त-ए इस्लाम (इस्लाम के रक्षक) समूह के हजारों समर्थकों ने राजधानी के सिटी सेंटर की घेराबंदी की और सख़्त इस्लामी कानूनों की मांग की।

    ऊपर दिए गए वीडियो में पुलिस द्वारा सुबह की छापेमारी का वर्णन दिया गया है। द गार्डियन, बीबीसी और अल-जज़ीरा जैसे कई अंतरराष्ट्रीय समाचार आउटलेट ने भी झड़पों के बारे में बताया था। गार्डियन के अनुसार, सुरक्षाबलों ने आंसू गैस और रबर की गोलियों से लगभग 20,000 प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाल दिया था। वीडियो नीचे देखा जा सकता है।

    बीबीसी के लेख का कुछ हिस्सा नीचे पढ़ें:

    बांग्लादेश में पुलिस और इस्लामवादी प्रदर्शनकारियों के झड़प के बाद कम से कम 27 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए। पुलिस ने रविवार को राजधानी ढाका में समूह हिफाज़त-ए इस्लाम द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन को तितर-बितर करने के लिए अचेत हथगोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। शहर भर के क्षेत्रों में रविवार और सोमवार को संघर्ष जारी रहे। मजबूत इस्लामिक नीतियों का आह्वान करने के लिए शहर में हजारों इस्लामवादी एकत्रित हो गए थे। "



    Tags

    Citizenship Amendment ActNational Register of CitizenAssam ProtestBangladesh2013 video
    Read Full Article
    Claim :   असम में NRC लागू, लोगो को घरो से उठाना शुरू हो चुका है
    Claimed By :  Social media
    Fact Check :  False
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