सांप्रदायिक रंग देकर फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल किया गया साढ़े आठ साल पुराना वीडियो
वीडियो में दावा किया गया है की एक मुस्लिम नौकरानी ने अपने मालिक के खाने में पेशाब मिलाया | बूम ने पता लगाया की वीडियो में दिख रही महिला मुस्लिम समुदाय की नहीं है
साढ़े-आठ साल पुराने एक घटना को साम्प्रदायिक जामा पहना कर सोशल मीडिया पर पिछले दिनों काफ़ी शेयर किया गया है | वायरल पोस्ट में एक सीसीटीवी फ़ुटेज - जो की वर्ष 2011 से है - सांप्रदायिक कैप्शन के साथ शेयर किया गया है | वर्ष 2011 का ये सीसीटीवी फ़ुटेज एक बेहद विचलित कर देने वाला दृश्य दिखाता है | फ़ुटेज में एक महिला को पानी के कंटेनर में पेशाब मिलाते देखा जा सकता है | पोस्ट के साथ कैप्शन में इस महिला को मुस्लिम समुदाय का बताया गया है |
वायरल वीडियो के साथ दिए कैप्शन में लिखा है: भोपाल में मुकेश सूरी जी ने 'हसीना' नामक मुस्लिम नौकरानी को काम पर रखा और नौकरानी ने अपने इस्लामी मज़हब के अनुसार आचरण करना शुरू कर दिया!! अपने थूक और पेशाब से बना कर खिलाती थी खाना |
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बूम ने अपनी जांच में पता लगाया की यह कैप्शन पूरी तरह से फ़र्ज़ी है और सीसीटीवी फ़ुटेज में दिख रही महिला मुस्लिम समुदाय से नहीं है |
लगभग ढाई मिनट लंबे इस क्लिप में पहले एक न्यूज़ एंकर को बोलते दिखाया गया है | उसके बाद एक सीसीटीवी फ़ुटेज देखने को मिलता है जिसमें एक महिला एक ग्लास में पेशाब करती देखी जा सकती है | इसी ग्लास को वो कुछ देर बाद एक पानी के कंटेनर में पलट देती है |
आप वायरल वीडियो नीचे देख सकते हैं तथा इसके आर्काइव्ड वर्शन को यहां और यहां देख सकते हैं |
भोपाल में मुकेश सूरी जी ने 'हसीना' नामक मुस्लिम नौकरानी को काम पर रखा और नौकरानी ने अपने इस्लामी मज़हब के अनुसार आचरण करना शुरू कर दिया!! अपने थूक और पेशाब से बना कर खिलाती थी खाना! pic.twitter.com/G68jAyHE8J
— राजबहादुर मौर्य (@121rajbahadur) April 8, 2020
यही क्लिप ट्विटर पर भी काफ़ी वायरल है | हालाँकि ट्विटर में मुकेश सूरी की जगह श्रीवास्तवजी नाम का इस्तेमाल किया गया है |
फ़ैक्ट चेक
वीडियो के बायीं तरफ ऊपरी कोने में दिख रहे टाइम व डेट स्टाम्प से साफ़ पता चलता है की घटना 17 अक्टूबर 2011 की है | बूम ने इसके बाद कीवर्ड्स सर्च के सहारे वीडियो की सच्चाई जानने की कोशिश की |
हमें दैनिक जागरण और टाइम्स ऑफ़ इंडिया के आर्टिकल्स मिलें जिससे पता चलता है की वीडियो में दिख रही औरत का नाम दरअसल आशा कौशल है |
रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश सूरी नामक शख्स ने अपने घर में तब सीसीटीवी कैमराज़ लगवाए जब उसकी बीवी ने उसे घर की चीज़ो के गायब होने के बारे में जानकारी दी | इसी दौरान किचन में लगे सीसीटीवी कैमरा पर घर की नौकरानी आशा कौशल पीने के पानी में पेशाब मिलाती देखी गयी |
दैनिक जागरण के रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है की आशा कौशल ने अपने मालिक से बदला लेने के गरज से ये कदम उठाया था | कौशल ने कथित तौर पर पुलिस को बताया था की सूरी उसकी नातिन पर गलत नज़र रखता था |
बूम को यही वीडियो फ़ेसबुक पर एक दूसरे कैप्शन के साथ भी मिला | इसे वर्ष 2015 में अपलोड किया गया था | वीडियो के साथ का कैप्शन कहता है: नौकरानी की करतूत का पद्द्दफश। देखिये कैसे खाने मैं अपना पेशाब मिलाती है।
ये वीडियो मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ फ़ैलाये जा रहे फ़र्ज़ी खबरों में एक और कड़ी है | हाल ही के समय में मुस्लिमों को टारगेट करते हुए काफ़ी फ़र्ज़ी खबरें फैलायीं गयी हैं जिनमे दावा किया गया है की इस समुदाय विशेष के लोग देश भर में नावेल कोरोना वायरस फ़ैला रहे हैं |