स्पूफ़ वीडियो फ़ॉक्सवैगन का एड होने के फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल
यह स्पूफ़ यानी मज़ाकिया वीडियो यूनाइटेड किंगडम के दो एड फ़िल्म बनाने वालों ने 2005 में बनाया था |
कई दक्षिणपंथी ट्विटर हैंडल एवं फ़ेसबुक पेजों ने जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) दिल्ली के प्रवक्ता तजिंदर पल सिंह बग्गा शामिल हैं, एक 15 साल पुराना स्पूफ़ यानी मज़ाकिया वीडियो शेयर कर फ़र्ज़ी दावा कर रहे हैं कि फ़ॉक्सवैगन (Volkswagon) ने 'आतंकवादियों'(Terrorist) के बारे में एक विज्ञापन (Commercial ad) बनाया है |
इस वीडियो में एक शख्स सुसाइड बॉम्बिंग का प्रयत्न करते हुए खुद को उड़ा देता है |
बूम ने पाया कि यह वीडियो 2005 में बनाया गया था जो एक मज़ाक यानी स्पूफ़ था | फ़ॉक्सवैगन ने इस विज्ञापन से कोई भी सम्बन्ध को नकारा है और इस विज्ञापन को बनाने वालों के ख़िलाफ़ कंपनी द्वारा कानूनी कार्यवाही की जा रही है |
नहीं, यह फ़्रांस की संसद में क़ुरान पर चर्चा नहीं है
वीडियो, जो एक विज्ञापन की तरह दिखता है, दर्शाता है कि एक व्यक्ति फ़ॉक्सवैगन कार में बैठकर शहर में घूमता है और एक रेस्टोरेंट के सामने रुक कर रिमोट की बटन दबाता है पर एक बड़े धमाके की जगह कार के अंदर ही धमाका रुक जाता है एवं परिणामस्वरूप वह ख़ुदको ख़त्म कर देता है |
इसके बाद एक स्लोगन दिखता है, "पोलो: स्मॉल बट टफ" जो यह दिखाता है कि व्यक्ति दरअसल सुसाइड बॉम्बिंग करने की कोशिश कर रहा था पर वह खुद मारा गया | वीडियो में दिख रहा व्यक्ति फ़लीस्तीनी वेश में है एवं एक चेकधारी स्कार्फ़ पहने हुए है जो यासीर अराफ़ात के पहनने पर प्रख्यात हुआ है | अराफ़ात फ़लीस्तीनी लिबरेशन मूवमेंट के लीडर थे |
बग्गा ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है: "फ़ॉक्सवैगन द्वारा आतंकवादी व्यावसायिक विज्ञापन, दिलचस्प?"
आर्काइव यहां देखें |
बग्गा ने यही वीडियो फ़ेसबुक पर भी शेयर किया जिसके बाद यह जल्द ही वायरल हो गया |
यही वीडियो हिंदी दावों के साथ भी वायरल है |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले 'Volkswagen Terror advertisement' कीवर्ड्स के साथ खोज की और सामान वीडियो के बारे में कई न्यूज़ आर्टिकल पाए जो 2005 में प्रकाशित हुए थे |
यूनाइटेड किंगडम के एक न्यूज़ प्रकाशन द गार्डियन के एक लेख के मुताबिक़ यह एक स्पूफ़ यानी मज़ाकिया वीडियो था जो 'मेवरिक एडवरटाइजिंग वॉनाबी' ने बनाया था | इसी लेख में फ़ॉक्सवैगन का एक बयान था जिसमें कंपनी द्वारा इस विज्ञापन के बनाए जाने से इंकार था |
द गार्डियन द्वारा प्रकाशित फॉक्सवैगन का बयान यूँ है: "फ़ॉक्सवैगन यूके और इसकी एजेंसियों ने सख्ती से इनकार करती हैं कि एक वायरल विज्ञापन के निर्माण में उनकी कोई भागीदारी है जो कि फ़ॉक्सवैगन पोलो के भीतर होने वाले विस्फोट का चित्रण इंटरनेट के माध्यम से देखा जा सकता है।"
लेख ने आगे एक जांच के हवाला दिया जो साइट के डिजिटल विंग, mediaguardian.co.uk द्वारा की गई एक जांच थी | इस जांच में वीडियो के निर्माताओं को ट्रैक किया गया था । लेख के अनुसार, फिल्म निर्माता 'ली' ने तब leeanddan.com नामक वेबसाइट चलाते थे | लेख के अनुसार ली ने "स्पूफ़ विज्ञापन के लिए माफ़ी मांगी, और उन्होंने कहा कि विज्ञापन गलती से जारी हो गया था"।
हमने वेबसाइट leeanddan.com के लिए एक खोज की और पाया कि जबकि साइट बंद है, इसका एक आर्काइव मौजूद है, जहां दोनों खुद का वर्णन, "वायरल ब्रांड संचार में मान्यता प्राप्त लीडर" के रूप में करते हैं |
बाद में द गार्डियन के लेखों ने फिल्म के निर्देशक की पहचान स्टुअर्ट फ्रायर के रूप में भी की। हमने फिर उसी के लिए एक खोज चलाई और फ्रायर द्वारा संचालित एक वेबसाइट मिली, जहां उसने संदेश के साथ यही वीडियो अपलोड किया, "इंटरनेट पर यह विस्फोट हुआ। अब भी यह सबसे बड़ी वायरल फिल्मों में से एक, इसने मुझे उस वक़्त कुछ अजीब स्थितियों में डाला था । मात्र £ 360 ($ 500) के लिए बनायी गयी यह फ़िल्म ने मुझे ब्रिटेन में उत्पादन कंपनियों के साथ अनुबंधित किया। कुछ एजेंसियों द्वारा इसे पसंद करने और कुछ से नफरत करने के साथ, फिल्म अभी भी राय विभाजित करती है।"