किसान आंदोलन: पत्रकार मनदीप पूनिया को न्यायिक हिरासत में भेजा गया
बूम ने उनके वकील से संपर्क किया जिन्होंने बताया कि उनकी बेल याचिका 1 फरवरी को सुनी जाएगी.
फ़्रीलांस पत्रकार मनदीप पूनिया को दिल्ली पुलिस ने सिंघु सीमा पर गिरफ़्तार किया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. पूनिया के वकील सरीम नावेद ने बूम को बताया कि सुनवाई रोहिणी न्यायालय में होनी थी पर अब समय से पहले तिहाड़ न्यायालय कॉम्प्लेक्स में शिफ़्ट कर दिया गया है.
इस मामले में बेल सुनवाई 1 फ़रवरी को होगी, नावेद ने कहा. दिल्ली की सिंघु सीमा पर पुलिस के साथ कथित बदसलूकी के कारण पूनिया और एक अन्य पत्रकार धर्मेंद्र सिंह को पुलिस ने 30 जनवरी को गिरफ़्तार किया है.
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गिरफ़्तारी के बाद से ही सोशल मीडिया पर हंगामा मचा है. यूज़र्स कथित तौर पर सुरक्षा कर्मियों द्वारा पूनिया को सीमा पर लगे बेरिकेड्स के पास से खींचकर ले जाते दिखा रहे विज़ुअल्स शेयर कर रहे हैं. हालांकि धर्मेंद्र सिंह को 31 जनवरी की सुबह छोड़ दिया गया है.
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन, दिल्ली, के पूर्व छात्र मनदीप पूनिया पिछले डेढ़ साल से द कारवां और जनपथ के साथ फ्रीलांसिंग कर रहे हैं. धर्मेंद्र सिंह, जिन्हें 31 जनवरी को सुबह 5.30 बजे छोड़ दिया गया, एक यूट्यूब चैनल ऑनलाइन न्यूज़ इंडिया के साथ काम करते हैं.
पूनिया क्यों हिरासत में हैं?
इंडियन एक्सप्रेस की 31 जनवरी को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पूनिया को कथित तौर पर एक स्टेशन हाउस ऑफ़िसर से सिंघु सीमा पर बदसलूकी के आरोप में गिरफ़्तार किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक़, पूनिया रोड ब्लॉक्स और बेरिकेड्स से निकल रहे थे जब कथित घटना हुई. सिंघु सीमा, जहाँ 26 नवंबर से किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं, पर 29 जनवरी को हुई हिंसा के बाद से माहौल तनावपूर्ण हैं. करीब 200 लोगों ने प्रदर्शनस्थल पर किसानों के साथ भारी पुलिस निगरानी के बावजूद कथित मारपीट की.
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पूनिया ने हाल ही में एक फ़ेसबुक लाइव किया था. उन्होंने साथ ही लिखा: "कल किसानों पर किसने हमला किया.. दिल्ली पुलिस का क्या रोल था और मीडिया ने क्या रिपोर्ट किया."
इस वीडियो में पूनिया ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने 29 जनवरी को प्रदर्शनस्थल पर किसानों से मारपीट करने वाले कई लोगों की पहचान की है. द कारवां के एडिटर हरतोष सिंह बल ने पूनिया के खिलाफ़ एफ़.आई.आर को ट्वीट किया और बताया कि उनके खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 186, 332, और 353 के अंतर्गत मामला दर्ज हुआ है.
यह गिरफ़्तारी तब हुई है जब हाल ही में कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पाण्डे, ज़फर आग़ा, परेश नाथ, अनंत नाथ और विनोद के. जोसे के खिलाफ़ देशद्रोह के मामले दर्ज हुए हैं. उक्त लोगों के खिलाफ़ एफ़.आई.आर कथित तौर पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई एक किसान की मृत्यु के सम्बन्ध उनके कथित भ्रामक ट्वीट को लेकर की गयी हैं.