वायरल वीडियो में रोती बिलखती दिख रही महिला कौन है?
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में यासीन मलिक की पत्नी नहीं बल्कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में 'आज़ादी मार्च' में शामिल हुई एक इमरान खान समर्थक है.
एक रोती बिलखती महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर ग़लत दावे के साथ वायरल है. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह महिला अलगाववादी नेता यासीन मलिक की पत्नी है, जो अपने पति की सज़ा सुनकर रो रही है.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में यासीन मलिक की पत्नी नहीं बल्कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में 'आज़ादी मार्च' में शामिल हुई एक इमरान खान समर्थक है.
अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में NIA की स्पेशल कोर्ट ने उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने यासीन मलिक पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है. बता दें की एनआईए ने यासीन मलिक को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी. वायरल वीडियो इसी पृष्ठभूमि में शेयर किया जा रहा है.
फ़ेसबुक पर वीडियो शेयर करते हए एक दक्षिणपंथी पेज ने कैप्शन दिया, "रोती बिलखती और भारत को कोसती यासीन मलिक की अभागी पत्नी पाकिस्तान से...ये दर्द देख जो पीड़ित परिवार की विधवा मां, बहन जिनको इस ने मारा था समेत समस्त भारतीयों के कलेजे को आज अपार ठंडक मिली है."
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अभिषेक गुप्ता नाम के फ़ेसबुक यूज़र ने वीडियो के साथ कैप्शन लिखा, "चमचों की भौजी रो रही है....रोती बिलखती और भारत को कोसती यासीन मलिक की अभागी पत्नी पाकिस्तान से."
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यासीन मलिक की पत्नी के दावे से वायरल हुए अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.
ट्विटर पर वायरल
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
महिला कांग्रेस वर्कर्स के साथ झूमते शशि थरूर का वीडियो ग़लत दावे से वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. वीडियो में यासीन मलिक की पत्नी नहीं बल्कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में 'आज़ादी मार्च' में शामिल हुई एक इमरान खान समर्थक है.
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो में दिखाई देने वाली महिला और यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक की तस्वीर से मिलाया. हमें दोनों के चेहरे की विशेषताओं में कोई समानता नहीं दिखी.
इसके बाद हमने वीडियो के स्क्रीनग्रैब को निकालकर रिवर्स इमेज सर्च पर चलाया तो यह वीडियो ख़ुद को पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल HUM TV के सीनियर पत्रकार बताने वाले शेरीन ज़ादा के ट्वीट में मिला.
उर्दू में भाषा में किये गए ट्वीट में लिखा है, "डी चौक में फिर से शेलिंग शुरू"
ट्वीट के कमेंट सेक्शन खंगालने पर हमने पाया कि यह ट्वीट पाकिस्तान के इस्लामाबाद में इमरान खान द्वारा आयोजित 'आज़ादी मार्च' के संदर्भ में है.
हमने जियोलोकेशन की मदद से डी चौक को सर्च किया तो पाया कि यह इस्लामाबाद के सबसे संवेदनशील क्षेत्र में से एक है. इस क्षेत्र में पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट, संसद भवन, पीएम हाउस, प्रेसिडेंसी, पाकिस्तान सचिवालय और राजनयिक एन्क्लेव मौजूद हैं.
हमें कई पाकिस्तानी ट्विटर यूज़र्स के ट्वीट मिले जिसमें उन्होंने इस वीडियो को इस्लामाबाद में 'आज़ादी मार्च' के दौरान भड़की हिंसा से जोड़कर शेयर किया था. ट्वीट यहाँ और यहां देखें.
इससे हिंट लेते हुए हमने खोजबीन की तो यही वीडियो पीटीआई के अधिकारिक ऑनलाइन टीवी 'इंसाफ़ टीवी' के फ़ेसबुक पेज पर 26 मई 2022 को अपलोड हुआ मिला.
वीडियो के साथ उर्दू में कैप्शन दिया गया है, "इस्लामाबाद डी चौक पर पुलिस की सबसे बदतरीन गोलाबारी में पीटीआई नेता रहनुमा आलिया हमजा समेत कई महिलाएं और बच्चे पुलिस की गोलाबारी से बेहोश हो गए."
हमें जांच के दौरान ये वीडियो पाकिस्तानी चैनल GNN के यूट्यूब पर मिला. वीडियो के टाइटल में लिखा है – ज़ुल्म की इंतिहा, ख़ातून रो पड़ी. आज़ादी मार्च.
इसी वीडियो पीटीआई आज़ाद कश्मीर के ट्विटर हैंडल से भी शेयर किया गया. ट्वीट में कहा गया है कि फ़ासिस्ट सरकार लोगों के हुज़ूम को देखकर इतना घबरा गई कि औरतों, बच्चों की मौजूदगी में आंसू गैस दागे जा रहे हैं.
बूम स्वतंत्र रूप से यह पता लगाने में असमर्थ था कि वीडियो में दिखाई देने वाली महिला असल में कौन है. लेकिन हम स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि वीडियो में यासीन मलिक की पत्नी नहीं बल्कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में 'आज़ादी मार्च' में शामिल हुई एक इमरान खान समर्थक है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इमरान खान चुनाव की मांग को लेकर अपने समर्थकों के साथ इस्लामाबाद दाखिल हुए. इसे 'आज़ादी मार्च' नाम दिया गया है. इस प्रदर्शन में हज़ारों की तादाद में लोग शामिल हुए थे. इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसा भी हुई. प्रदर्शनकारियों द्वारा कई जगह आग लगाने की भी घटना हुई है. सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर आंसू गैस छोड़कर इमरान समर्थकों को तितर-बितर करने की कोशिश की.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान ने पाकिस्तान की वर्तमान सरकार को असेंबली भंग करने और चुनाव की तारीख़ की घोषणा करने के लिए 6 दिन का समय दिया है. 'आज़ादी मार्च' के दौरान भड़की हिंसा में क़रीब पांच इमरान समर्थकों की मौत हुई जबकि 8 सुरक्षाबल घायल हुए हैं.