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      फैक्ट चेक

      मिस्र में हुए प्रदर्शन का पुराना वीडियो इज़रायल-हमास संघर्ष से जोड़कर ग़लत दावे से वायरल

      बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो 2013 का है, जब मिस्र के काहिरा में अल-अज़हर विश्वविद्यालय में मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

      By - Rohit Kumar |
      Published -  1 Nov 2023 5:15 PM IST
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      मिस्र में हुए प्रदर्शन का पुराना वीडियो इज़रायल-हमास संघर्ष से जोड़कर ग़लत दावे से वायरल

      सोशल मीडिया पर विरोध प्रर्दशन का एक पुराना वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग मृतक की तरह पड़े हुए नज़र आ रहे हैं. वीडियो में लाश की तरह पड़ा एक व्यक्ति अपनी नाक भी खुजाते हुए दिख रहा है और आसपास में कुछ और लोग भी दिखाई दे रहे हैं. वीडियो को इज़राय़ल-हमास संघर्ष से जोड़ते हुए इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा कि न्यूज़ आउटलेट अलजज़ीरा हमास के जिंदा लोगों को मरा हुआ दिखा रहा है.

      बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो 2013 का है, जब मिस्र के काहिरा में अल-अज़हर विश्वविद्यालय में मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी से जुड़े छात्र देश में हुए तख्तापलट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे.

      ग़ौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को इज़रायल-हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद अब तक उग्रवादी समूह हमास के हमलों में लगभग 1,400 से ज्यादा इज़रायली लोगों की मौत हुई है. मीडिया रिपोर्टस में वहीं ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया गया है कि ग़ाज़ा पट्टी में अब तक 8300 से अधिक फिलिस्तीनी लोगों की मौत हो गई है. ग़ाज़ा में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं. इसी संदर्भ से जोड़ते हुए ये दावा वायरल किया जा रहा है.

      कई दक्षिणपंक्षी X यूज़र्स ने ये वीडियो शेयर किया है. एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "अलजजीरा ने कमाल की शूटिंग की है हमास का मुर्दा भी खुजली कर रहा है कैमरे की गर्मी के कारण...!



      फे़सबुक पर एक अन्य यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "अलजजीरा ने कमाल की शूटिंग की है, हमास के मुर्दे भी खुजली कर रहे हैं कैमरे की गर्मी के कारण 🙄😁"



      फै़क्ट चेक

      बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो 2013 का है, जब मिस्र के काहिरा में अल-अज़हर विश्वविद्यालय में मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी से जुड़े छात्र देश में हुए तख्तापलट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे.

      बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो के कीफ्रेम से रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें मिस्त्र के समाचार आउटलेट अल-बदिल अखबार( جريدة البديل ) के यूट्यूब चैनल पर 28 अक्टूबर 2013 को अपलोड किया गया एक न्यूज़ वीडियो मिला. वीडियो को अरबी शीर्षक के साथ प्रकाशित किया गया है, जिसका हिंदी अनुवादित शीर्षक है, "अल-अजहर विश्वविद्यालय के अंदर शवों का चित्रण".

      वीडियो के विवरण में अरबी भाषा में बताया गया है कि मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े कई छात्रों ने अल-अज़हर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने प्रतीकात्मक लाशों के साथ एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया.

      विवरण में आगे बताया गया कि छात्रों ने सेना और पुलिस के खिलाफ नारे भी लगाये. अल-अज़हर विश्वविद्यालय में कई ब्रदरहुड प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के क्लिनिक पर धावा बोलकर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में घुसने की कोशिश की. कई अन्य छात्रों ने मोमबत्तियाँ जलाईं और हवाई फायरिंग भी की.

      वीडियो के विवरण से संकेत लेकर हमने गूगल पर सम्बंधित कीवर्ड्स से सर्च किया. हमें तुर्किए समाचार एंजेसी Anadolu Ajansı की वेबसाइट पर 28 अक्टूबर 2013 को अंग्रजी भाषा में प्रकाशित की गई एक और न्यूज़ रिपोर्ट मिली, जिसमें लोकतंत्र समर्थक अल-अज़हर विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा कैंपस में किए गए इसी विरोध प्रदर्शन के बारे में बताया गया है.

      आर्टिकल में बताया गया कि मिस्र के अल-अज़हर विश्वविद्यालय में लोकतंत्र समर्थक छात्रों ने 3 जुलाई को निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को सेना द्वारा सत्ता से हटाने की निंदा करते हुए प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किए गए साथियों की रिहाई की मांग की. सोमवार को उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, छात्र प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के बाहर यातायात अवरुद्ध कर दिया और इस दौरान प्रदर्शनकारी सार्वजनिक बसों पर भी चढ़ गए.

      हमें वॉल स्ट्रीट जर्नल के यूट्यूब चैनल पर भी 31 अक्टूबर 2013 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसका शीर्षक है "मुस्लिम ब्रदरहुड प्रदर्शनकारियों ने यूनिवर्सिटी पर धावा बोल दिया"

      वीडियो के विवरण में लिखा है, "एक अन्य सीनियर नेता की गिरफ्तारी के बाद मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थकों ने काहिरा में अल-अज़हर विश्वविद्यालय पर गुस्सा जाहिर किया."

      दरअसल, 3 जूलाई 2013 को मिस्र की सेना ने देश के राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी से सत्ता छीन ली थी और संविधान को निलंबित कर दिया था. तब मोहम्मद मुर्सी और उनकी सत्ताधारी पार्टी मुस्लिम ब्रदरहुड ने सेना की कार्रवाई को तख्तापलट का नाम दिया था.

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      Tags

      Al JazeeraHamasIsrael-PalestineFact Check
      Read Full Article
      Claim :   अलजज़ीरा हमास के जिंदा लोगों को मरा हुआ दिखा रहा है.
      Claimed By :  Facebook and X Users
      Fact Check :  False
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