गाज़ियाबाद में पुलिसकर्मी की पिटाई का दो साल पुराना वीडियो फिर से वायरल
बूम ने गाज़ियाबाद पुलिस से बात की और पुष्टि की कि घटना उनके ज़िले की थी ना कि बरेली की, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है.
उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में एक महिला द्वारा एक पुलिसकर्मी की चप्पल से पिटाई की लगभग दो साल पुरानी वीडियो फिर से वायरल है. सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया है कि यह घटना हाल ही में हुई है और उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई है. वायरल वीडियो के साथ कैप्शन में घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई है.
बूम ने पाया कि यह घटना 2018 की है और यूपी के गाज़ियाबाद में हुई थी। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, इस मामले में दोहों युवकों - राशिद और इस्माइल को गिरफ़्तार किया गया था. हमने गाज़ियाबाद पुलिस से भी संपर्क किया, पुलिस ने पुष्टि की कि यह घटना पुरानी है.
वायरल वीडियो में एक महिला को एक पुलिसकर्मी को चप्पल से मारते हुए दिखाया गया है जबकि दूसरा पुलिसकर्मी हस्तक्षेप करने की कोशिश करता है. महिला के आसपास खड़े लोग पुलिसकर्मी पर हमला करने की कोशिश करते हैं जबकि महिला को अपशब्दों का प्रयोग करते सुना जा सकता है.
हमनें टीका लगवा लिया था: टुमकुर स्वास्थ्य अधिकारियों ने वायरल वीडियो को बताया भ्रामक
बूम ने वीडियो में अपशब्दों का प्रयोग होने के कारण यहां क्लिप को शामिल नहीं किया है. हालांकि, वीडियो यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखा जा सकता है.
ट्विटर पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "बरेली सिविल लाईन्स न्यूज पुलिस द्वारा चालान काटने पर मुसलमानो ने उनकी पिटाई की,जो कानून को चुनौती है,यह विडियो बताता है कि आगे हिन्दुस्तान मे क्या क्या होगा,कौन देश चलाएगा,सबका भविष्य क्या होगा,सच यह है कि देश को बाहर से ज्यादा अन्दर से ज्यादा खतरा है."
पोस्ट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
मधु पूर्णिमा किश्वर ने इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, "कोई हैरानी नहीं कि देश भर में पुलिस अफसर मुस्लिम इलाकों में जाने में डरते है! हजारों मिनी पाकिस्तान बनने दिए हमारे हुक्मरानों ने. भारत के टुकड़े करने कि तैयारी पूरी है और हमारी सरकार में हिम्मत नहीं जों खुल के यह खतरा स्वीकार भी कर सकें."
ट्वीट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ वीडियो बड़ी तादाद में वायरल है.
हैदराबाद में हुए इस मर्डर का वीडियो दिल्ली बताकर किया गया वायरल
फ़ैक्ट चेक
वायरल ट्वीट के कमेंट सेक्शन पर नज़र डालने पर हमने बरेली पुलिस के अधिकारिक ट्विटर हैंडल का एक कमेंट देखा, जिसमें कहा गया था यह घटना दो साल पुरानी है और गाज़ियाबाद में घटित हुई थी.
बरेली पुलिस के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से कमेंट में बताया गया, 'उपरोक्त वीडियो की जाँच के मद्देनजर, हमने पाया कि यह वीडियो लगभग दो साल पुराना है और गाजियाबाद से संबंधित है.'
हमने इससे हिंट लेते हुए वीडियो के स्क्रीनशॉट को रिवर्स इमेज पर सर्च किया और 'गाज़ियाबाद पुलिस' कीवर्ड के साथ खोजा. हमें घटना के बारे में कई समाचार रिपोर्ट और यूट्यूब वीडियो मिले.
28 अगस्त 2018 को हिंदी दैनिक पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है, यह घटना गाज़ियाबाद के लोनी में एक एसबीआई बैंक में हुई. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि बैंक के बाहर पीसीआर वाहन में तैनात एक पुलिसकर्मी और महिला के बीच बहस हुई जब उसने पुलिस पर हमला किया.
28 अगस्त, 2018 को इंडिया.कॉम में प्रकाशित एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला ने पुलिसकर्मियों की पिटाई की थी क्योंकि उसने आधार कार्ड नामांकन के दौरान बैंक में विवाद के दौरान उसके भाई को थप्पड़ मार दिया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि दो व्यक्तियों -इस्माइल और रशीद को मामले के सिलसिले में गिरफ़्तार किया गया था.
क्या गुड मॉर्निंग मेसेज भेजने पर लगने जा रहा है 18 प्रतिशत GST?
हमें वही वीडियो आजतक के यूट्यूब चैनल पर 29 अगस्त, 2018 को अपलोड हुआ मिला.
बूम ने तब गाज़ियाबाद पुलिस से संपर्क किया, जिसमें पुलिस ने पुष्टि की कि वीडियो पुराना है. पुलिस नियंत्रण कक्ष, गाज़ियाबाद ने हमें 27 अगस्त, 2018 का एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा जारी एक बयान भेजा, जिसमें उन्होंने मामले में की गई दो गिरफ़्तारियों की पुष्टि की थी.
जर्मनी के गुरुकुल के रूप में वायरल यह तस्वीर असल में कहां की है?