Fact Check : वायरल तस्वीर सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि देने की नहीं है
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर 41 वर्षीय चीनी डॉक्टर झाओ जू की है, जब 2016 में उनका निधन हो गया था.
वरिष्ठ सीपीएम नेता सीताराम येचुरी के निधन के बाद सोशल मीडिया पर मेडिकल स्ट्रेचर पर रखे शव की तस्वीर वायरल है, जिसके सामने अस्पताल का स्टाफ अपना सिर झुकाए खड़ा है.
सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के डॉक्टरों द्वारा दिवंगत नेता सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के दौरान की है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि दावा गलत है. वायरल तस्वीर चीन के दिवंगत डॉक्टर झाओ जू की डेडबॉडी से संंबंधित है, जिनका 2016 में अपनी सेवाएं देते हुए निधन हो गया था.
गौरतलब है कि 12 सितंबर 2024 को सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था. येचुरी के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनकी इच्छा के अनुसार, अनुसंधान के लिए एम्स को सौंप दिया गया था. इसी संदर्भ में यह तस्वीर वायरल है. येचुरी के निधन के बाद उनसे जुड़े कई फर्जी दावे सोशल मीडिया पर वायरल हुए, बूम ने उन दावों का फैक्ट चेक किया है.
एक्स पर एक यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, 'दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने एक अंग दाता को अंतिम सम्मान दिया. अंग दाता का नाम सीताराम येचुरी है. (फोटो- मयूख बिस्वास).'
फेसबुक पर एक अन्य यूजर ने लिखा, 'दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने एक अंग दाता को अंतिम सम्मान दिया. अंग दाता का नाम कॉमरेड सीताराम येचुरी है. लाल सलाम कॉमरेड.'
फैक्ट चेक : वायरल तस्वीर चीन के डॉक्टर झाओ जू के निधन की है
बूम ने वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए 'रिवर्स इमेज सर्च इंजन' TinEye पर इसे सर्च किया. हमें थाईलैंड स्थित मीडिया आउटलेट Khaosod पर अक्टूबर 2016 का एक न्यूज आर्टिकल मिला, जिसमें इसकी फुल वर्जन वाली तस्वीर शामिल है.
आर्टिकल में इस्तेमाल की गई तस्वीर के लिए CCTV न्यूज को क्रेडिट दिया गया था. आर्टिकल में बताया गया कि यह तस्वीर एक चीनी डॉक्टर की है जिनकी तिब्बत में स्वयंसेवक के रूप में सेवा देते हुए मौत हो गई थी.
हमने इससे संकेत लेकर लेख में शामिल फीचर इमेज को एक बार फिर गूगल लेंस से रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें चीन के स्टेट-कंट्रोल्ड मीडिया आउटलेट चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (CGTN) की एक रिपोर्ट मिली.
सीजीटीएन की 30 सितंबर 2016 की रिपोर्ट में मृतक की पहचान पूर्वी चीन के अनहुइ प्रांत के 41 वर्षीय डॉक्टर झाओ जू (Zhao Ju) के रूप में की गई थी. झाओ अपने निधन से पहले डॉक्टरों की एक टीम के साथ तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शाननान में वॉलनटियर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे.
रिपोर्ट के अनुसार, सेवा के दौरान डॉक्टर झाओ को सिरदर्द और चक्कर आना शुरू हो गए. बाद में उन्हें ब्रेन एन्यूरिज्म से पीड़ित होने का पता चला, जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि डॉक्टर की अंतिम इच्छा उनकी किडनी, लीवर और कॉर्निया को दान करने की थी.
सीजीटीएन की रिपोर्ट में लिखा गया, "अनहुइ प्रांत की राजधानी हेफई शहर के एक अस्पताल में झाओ के साथी डॉक्टर द्वारा नतमस्तक होकर उनको सम्मान देने की तस्वीर क्लिक की गई थी. सोशल मीडिया यूजर्स भी ऐसे व्यक्ति जिसने दूसरों की मदद करने के लिए निस्वार्थ सेवाभाव दिखाया, उसे ऑनलाइन श्रद्धांजलि दे रहे थे.