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फैक्ट चेक

पुलिस वैन में रखी भगवान गणेश की मूर्ति की तस्वीर के साथ भ्रामक दावा वायरल

बूम को बेंगलुरु सेंट्रल के डीसीपी ने बताया कि हिंदू संगठन भगवान गणेश की मूर्ति लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, जिसे पुलिस ने लेकर वैन में रख दिया. बाद में पुलिस ने विधि-विधान से उस मूर्ति का विसर्जन किया.

By - Jagriti Trisha |
Published -  15 Sept 2024 12:26 PM
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    Fact Check on Bengluru police detain lord Ganesha idol claim
    CLAIMकर्नाटक में गणेश पूजन पर रोक लगा दी गई और कर्नाटक पुलिस ने भगवान गणेश की मूर्ति को गिरफ्तार कर लिया.
    FACT CHECKबूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. असल में बेंगलुरु में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी भगवान गणेश की मूर्ति लेकर पहुंचे थे, वहां विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी. इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेते समय गणेश कि प्रतिमा उनसे लेकर वैन में रख दी. बूम को बेंगलुरु पुलिस ने बताया कि बाद में पुलिस ने रिवाज के मुताबिक भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया.

    कर्नाटक के मांड्या में गणेश चतुर्थी के जुलुस में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बीच पुलिस वैन में रखी भगवान गणेश की प्रतिमा वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर छाई हुई है. यूजर्स इसे कर्नाटक का बताकर कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं. उनका दावा है कि पुलिस ने गणेश की प्रतिमा को डिटेन किया और गणेश उत्सव मनाने से रोका.

    बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. तस्वीर बेंगलुरु में मांड्या हिंसा के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान की है. असल में 13 सितंबर को कुछ हिंदू संगठनों के लोग बेंगलुरु के टाउन हॉल के सामने प्रदर्शन के दौरान गणेश की प्रतिमा लेकर पहुंचे थे, जहां प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी. इसलिए पुलिस प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने पहुंची, वहां उनके साथ गणेश की प्रतिमा देखकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से वह प्रतिमा ले ली और पुलिस वैन में रख दी.

    गौरतलब है कि बीते 11 सितंबर को कर्नाटक के मांड्या स्थित नागमंगला में गणेश चतुर्थी के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई. इस हिंसा में अब तक 55 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

    इसके बाद से सोशल मीडिया पर इससे संबंधित तस्वीरें और वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं. दूसरी तरफ बीजेपी लगातार इस घटना के बाद से कांग्रेस पर निशाना साध रही है. बता दें कि वर्तमान में कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है.

    वायरल कोलाज में तीन तस्वीरें हैं. पहली दो तस्वीरों में पुलिसकर्मी गणेश की प्रतिमा उठाए हुए हैं और तीसरी तस्वीर में गणपति की मूर्ति एक पुलिस वैन के अंदर रखी नजर आ रही है.

    फेसबुक पर इस कोलाज को शेयर करते हुए एक यूजर ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और लिखा, 'कर्नाटक पुलिस ने गणेश भगवान की मूर्ति को गिरफ्तार किया...गणेश पूजन से धार्मिक सद्भावना बिगड़ती है. शाबाश हिंदुओं... तुम्हारे पूजन पर तो रोक लग गई, कसम से एक बार और चुन लेना कांग्रेस तुम्हारी नस्ल का क्या होगा फिर पूजन की जरूरत ही न पड़ेगी.'

    पोस्ट का आर्काइव लिंक.

    यह कोलाज बूम की हेल्पलाइन नंबर पर भी ऐसे ही सांप्रदायिक दावों के साथ प्राप्त हुआ, जिसमें कहा गया कि कर्नाटक पुलिस ने गणेश की प्रतिमा को गिरफ्तार कर लिया है.


    फैक्ट चेक: बेंगलुरु पुलिस ने गणेश पूजा पर रोक नहीं लगाई

    हमने तस्वीर से संबंधित कीवर्ड्स सर्च किए तो हमें ऐसी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें वायरल तस्वीरें मौजूद थीं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक घटना 13 सितंबर की है. असल में कुछ लोग मांड्या सांप्रदायिक हिंसा की जांच की मांग को लेकर बेंगलुरु टाउन हॉल के पास प्रदर्शन करने पहुंचे थे. वहां प्रदर्शन की इजाजत नहीं थी.

    नियम के मुताबिक बेंगलुरु में सिर्फ फ्रीडम पार्क में ही विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति है. लिहाजा पुलिस प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के लिए वहां पहुंची. वहां प्रदर्शनकारी के हाथ में गणेश की मूर्ति थी, जिसे पुलिस ने लेकर एक खाली वैन में रख दिया. इसके बाद वह मीडिया के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया.

    टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पुलिस उसके तुरंत बाद ही मूर्ति को पुलिस जीप में लेकर चली गई.


    डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, टाउन हॉल के सामने विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहे लगभग 40 प्रदर्शनकारियों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया.

    इसके बाद प्रदर्शनकारियों से लेकर वैन में रखी मूर्ती की तस्वीरें भगवान गणेश के अनादर के रूप में वायरल हो गईं. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष विजेयेंद्र येदियुरप्पा, सांसद तेजस्वी सूर्या, स्मृति ईरानी समेत कई भाजपा नेताओं ने इसकी कड़ी आलोचना की और इसे कांग्रेस की विफलता करार दिया.

    भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन रीति-रिवाज से किया गया: डीसीपी

    पूरे मामले की पुष्टि के लिए हमने बेंगलुरू पुलिस से भी संपर्क किया. बेंगलुरु सेंट्रल के डीसीपी Shekhar H Tekkannavar ने बूम को बताया कि "यह 13 सितंबर 2024 की घटना है, जब हिंदू संगठनों ने नागमंगला गणेश जुलूस की घटना को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए बेंगलुरु के टाउन हॉल में विरोध प्रदर्शन किया, जबकि विरोध प्रदर्शन को फ्रीडम पार्क तक ही सीमित कर दिया गया था. उनमें से कुछ प्रदर्शनकारी गणपति की मूर्ति के साथ थे, जिसके चलते सार्वजनिक उपद्रव हुआ."

    उन्होंने आगे बताया, "पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया. बाद में पुलिस अधिकारियों ने धार्मिक रीति-रिवाजों और औपचारिकताओं के साथ गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया."

    डीसीपी शेखर ने बूम से गणेश प्रतिमा के विसर्जन की तस्वीरें भी शेयर कीं.


    मांड्या में कैसे उपजी सांप्रदायिक हिंसा!

    आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के मांड्या स्थित नागमंगला में गणेश चतुर्थी का जुलूस एक मस्जिद के सामने से गुजर रहा था. जुलुस को मस्जिद के सामने ज्यादा देर तक रोक दिया गया. जिसके चलते दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया. कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस दौरान जुलुस पर पथराव भी किया.

    इसके बाद मामले में पुलिस ने हस्तक्षेप किया. भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्च का सहारा भी लिया. लाठीचार्ज के बाद लोगों ने थाने के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान सड़क के किनारे स्थित बाइक और दुकानों पर भी आगजनी हुई.

    Tags

    Communal ViolenceKarnataka newsBengaluruFact Check
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    Claim :   कर्नाटक पुलिस ने भगवान गणेश की मूर्ति को गिरफ्तार कर लिया.
    Claimed By :  Social Media Posts
    Fact Check :  Misleading
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