यूपी में नाबालिग से रेप के आरोपी पिता, चाचा और दादा के मुस्लिम होने का दावा गलत है
बूम को औरैया के एडिशनल एसपी आलोक मिश्रा ने बताया कि नाबालिग से रेप के तीनों आरोपी हिंदू धर्म से है. वारदात के साथ सांप्रदायिक दावा गलत है.
उत्तर प्रदेश के औरैया में बीते दिनों नाबालिग के साथ रेप का एक विचलित करने वाला मामला सामने आया था. रेप के आरोपी पिता, चाचा और दादा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. सोशल मीडिया यूजर इस वारदात को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर रहे हैं और आरोपी को मुस्लिम धर्म से संबंधित बता रहे हैं.
बूम ने जांच में पाया कि सांप्रदायिक दावा गलत है. बूम से बातचीत में औरैया के एडिशनल एसपी आलोक मिश्रा ने बताया कि तीनों आरोपी हिंदू हैं जिन्हें गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. घटना में भारतीय न्याय संहिता (BNS) और पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वेरिफाइड यूजर ने 'द लल्लनटॉप' न्यूज वेबसाइट के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, 'पापा का नाम सादिक, चाचा का नाम तारिक और बाबा का नाम सद्दाम है. '
लल्लनटॉप के ग्राफिक कार्ड में लिखा है, 'यूपी: नाबालिग से रेप के आरोप में पापा, चाचा और दादा गिरफ्तार, दो महीने की प्रेग्नेंट हो गई लड़की, कमेंट बॉक्स पर पूरी जानकारी'
फैक्ट चेक
सोशल मीडिया पर औरैया में नाबालिग के साथ रेप के आरोपी पिता, चाचा और दादा को मुस्लिम समुदाय से बताया जा रहा है. बूम ने पाया कि दावा गलत है. बूम से औरैया के पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि की.
मामले में BNS और पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस
बूम को 'द लल्लनटॉप' के फेसबुक पेज पर 29 दिसंबर 2024 को किया गया वायरल पोस्ट मिला. इसके कमेंट सेक्शन में खबर का लिंक भी मौजूद था.
लल्लनटॉप की रिपोर्ट में पूरे मामले का जिक्र था हालांकि इसमें आरोपियों के नाम का खुलासा नहीं हुआ था. बूम को औरैया की इस वारदात की अन्य मीडिया रिपोर्ट भी मिलीं .
दैनिक जागरण की 29 दिसंबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, औरैया के बिधूना कोतवाली के एक गांव निवासी 14 साल की किशोरी ने दादा (60), पिता (40) और चाचा (35) पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है. पुलिस ने केस दर्ज कर तीनों को अरेस्ट कर लिया है.
रिपोर्ट में बताया गया कि किशोरी की मेडिकल जांच कराई गई जहां उसके दो महीने की गर्भवती होने की पुष्टि हुई. किशोरी ने आरोप लगाया कि करीब एक साल पहले दादा उसके साथ खेतों में अश्लील हरकत करते थे. चाचा जबरन कमरे में घुसकर उसके साथ गलत काम करते थे. इतना ही नहीं पिता भी उसके हाथ-पैर बांधकर रेप करते थे और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देते थे.
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता किसी तरह वहां से भागकर दिबियापुर अपनी मौसी के पास पहुंच गई जिसके बाद पूरा मामला बिधूना कोतवाली पहुंचा. यहां किशोरी ने तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसके पिता, बाबा और चाचा उसकी मां का शारीरिक शोषण भी करते थे. उसने पुलिस को बताया कि पिता किसानी करते हैं जबकि बाबा और चाचा बकरियां चराते हैं.
नवभारतटाइम्स.कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ साल पहले पीड़िता के माता-पिता में झगड़ा हुआ था जिसके बाद मां पीड़िता को लेकर दिल्ली चली गई थी. चार साल पहले पिता और चाचा उसे गांव लेकर आ गए और एक साल से उसके साथ हैवानियत की जा रही थी.
इस मामले में औरैया पुलिस के एक्स हैंडल पर एडिशनल एसपी आलोक मिश्रा की बाइट भी मिली. इसमें उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 64 (एफ), 65(1) और 232 (2) के तहत केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा पॉक्सो ऐक्ट की संबंधित धाराओं को भी जोड़ा गया है.
हिंदू परिवार से हैं आरोपी और पीड़िता
आरोपियों के बारे में जानकारी के लिए बूम ने औरैया के स्थानीय पत्रकार सुमित शर्मा से संपर्क किया. उन्होंने बताया, "पीड़िता और आरोपी दोनों ही हिंदू धर्म से हैं. इसे सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है. आरोपी फिलहाल जेल में हैं और उनका डीएनए सैंपल भी लिया गया है."
सुमित ने बूम को पीड़िता द्वारा दी गई तहरीर और केस की एफआईआर कॉपी उपलब्ध कराई. इसमें आरोपियों के नाम से पुष्टि होती है कि वे हिंदू धर्म से हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत हम यहां नाम उजागर नहीं कर रहे हैं जिससे पीड़िता की पहचान जाहिर हो सकती है.
अधिक जानकारी के लिए बूम ने औरैया के एडिशनल एसपी आलोक मिश्रा से भी बात की. उन्होंने बताया, "पीड़िता और आरोपी हिंदू परिवार से हैं. बच्ची की मां की एक-डेढ़ महीने पहले मौत हो चुकी है. तीनों आरोपी 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर जेल चले गए हैं. लड़की का मेडिकल (टेस्ट) हो गया है जिसे कोर्ट के समक्ष पेश किया जा रहा है. आगे जो भी कोर्ट का आदेश होगा उसके आधार पर कार्रवाई होगी."