बांग्लादेश में अवामी लीग की नेता पर हमले का वीडियो गलत दावे से वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो अवामी लीग की नेता पर हुए हमले का है. उनका नाम कोहिनूर अख्तर है और वह मुस्लिम समुदाय से हैं. वीडियो 10 नवंबर 2024 को अवामी लीग के सदस्यों पर हुए हमले का है.
सोशल मीडिया पर बांग्लादेश की महिला पुलिस के एक घायल लहूलुहान महिला को ले जाने का वीडियो वायरल है. सोशल मीडिया यूजर इस वीडियो को लेकर दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में 35 मुस्लिमों ने एक हिंदू महिला का रेप किया और बर्बर तरीके से उसकी पिटाई की.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल सांप्रदायिक दावा गलत है. महिला का नाम कोहिनूर अख्तर है जो शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की सदस्य हैं. वायरल वीडियो 10 नवंबर 2024 को अवामी लीग के सदस्यों पर हुए हमले का है, जिसमें वह घायल हो गई थीं. कोहिनूर मुस्लिम समुदाय से हैं.
फेसबुक पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार जारी है. इन्हें देखिए इस महिला का बांग्लादेश में अच्छा खासा बिजनेस था पर गलती ये कि इसने अपने मकान में मुस्लिम किरायेदार रखे थे. कल उन्हीं किरायेदार मुसलमानों ने कुछ अन्य मुसलमानों को बुला कर इसके घर पे ना केवल कब्जा कर लिया बल्कि लगभग 35 मुस्लिमों ने इनके साथ रेप भी किया.'
एक्स पर एक यूजर ने यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'बांग्लादेश हिंदुओं पर अत्याचार जारी है. एक महिला पर ये कैसी क्रूरता. मानवता को शर्मसार कर देनी वाली घटना.'
बांग्लादेश हिंदुओं पर अत्याचार जारी है।
— हम लोग We The People 🇮🇳 (@ajaychauhan41) November 12, 2024
एक महिला पर ये कैसी क्रूरता ! pic.twitter.com/ITye8mjEu0
फैक्ट चेक
बांग्लादेश में मुस्लिमों के एक हिंदू महिला के साथ गैंगरेप का दावा गलत है. वायरल वीडियो अवामी लीग की नेता कोहिनूर अख्तर पर हुए हमले का है.
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो के कीफ्रेम लेकर गूगल लेंस से सर्च किया. इस दौरान हमें यूट्यूब पर कुछ वीडियो मिले जिसमें एक वीडियो के टाइटल में इसे बांग्लादेश किसान लीग की राष्ट्रीय समिति की सदस्य कोहिनूर बेगम पर हुए हमले का वीडियो बताया गया.
इसी से संकेत लेकर बांग्ला कीवर्ड्स से गूगल और फेसबुक पर सर्च करने पर हमें इस घटना की जानकारी मिली. बांग्लादेश के (কৃষক লীগের ডায়েরি - Diary of Krishak Leagu) नाम से एक फेसबुक पेज पर महिला को किसान लीग की सदस्य बताते हुए उनका नाम कोहिनूर बताया गया. पोस्ट में कोहिनूर की फेसबुक प्रोफाइल भी टैग की गई थी.
बांग्लादेश अवामी लीग के फेसबुक पेज पर इस वीडियो को शेयर करते हुए बताया गया कि 10 नवंबर के हमलों में अवामी लीग के कार्यकर्ता घायल हो गए. गौरतलब है कि किसान लीग अवामी लीग का ही एक संगठन है.
Krishna Gopal Paul नाम के एक फेसबुक यूजर ने 11 नवंबर 2024 की अपनी पोस्ट में इसे गुलिस्तान के बंगबंधु एवेन्यू में 10 नवंबर 2024 को हुए हमले का वीडियो बताया. इसके साथ ही M E Ekattur नाम के अन्य फेसबुक यूजर ने एक और घायल व्यक्ति के साथ इसी महिला की दूसरी तस्वीर शेयर करते लिखा कि बांग्लादेश किसान लीग के दो सदस्य रशीद और कोहिनूर बंगबंधु एवेन्यू सेंट्रल पार्टी कार्यालय के सामने घायल हो गए.
हमने इस घटना की मीडिया रिपोर्ट सर्च कीं तो पाया कि अवामी लीग ने 10 नवंबर 2024 को नूर हुसैन दिवस के मौके पर राजधानी ढाका में गुलिस्तान के जीरो प्वाइंट इलाके में 'अलोकतांत्रिक ताकतों को हटाने और लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करने' की मांग को लेकर एक रैली का आह्वान किया था. इसके बाद भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन और कुछ अन्य राजनीतिक दलों ने अवामी लीग के इस कार्यक्रम के विरोध की घोषणा की थी.
ढाका ट्रिब्यून की 10 नवंबर 2024 की रिपोर्ट में बताया गया कि बांग्लादेश नेशलिस्ट पार्टी (BNP) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 23 बंगबंधु एवेन्यू पर स्थित अवामी लीग के केंद्रीय कार्यालय के सामने नारे लगाए और विरोध प्रदर्शन किया. Prothomalo ने इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस के सामने ही भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की पिटाई के मामले को रिपोर्ट किया.
Channel I Online की रिपोर्ट में बताया गया कि बीएनपी और उसके छात्र संगठन जुबो दल और कई अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अवामी लीग के कार्यक्रम का विरोध करने के लिए 9 नवंबर 2024 की रात से ही बंगबंधु एवेन्यू पर मोर्चा संभाल लिया था. 10 नवंबर 2024 को इन कार्यकर्ताओं ने बंगबंधु एवेन्यू में अवामी लीग से जुड़े होने के संदेह में दो महिलाओं की पिटाई कर दी और उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया.
अधिक स्पष्टिकरण के लिए बूम बांग्लादेश की टीम ने The Daily Naya Diganta के रिपोर्टर शहादत हुसैन रिफत से संपर्क किया. घटना के चश्मदीद रहे रिफत ने बूम से पुष्टि करते हुए बताया, "वीडियो में दिख रही महिला कोहिनूर अख्तर हैं, वह मुस्लिम हैं और वह बांग्लादेश अवामी लीग की सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता हैं."
रिफत ने बताया, "यह किसी भी तरह से रेप की कोई घटना नहीं हैं. कोहिनूर पर उनके राजनीतिक विरोधियों ने हमला किया था. बाद में पुलिस ने उन्हें बचाया और सुरक्षित हिरासत में ले लिया था."
(बूम बांग्लादेश की अतिरिक्त रिपोर्टिंग के साथ)