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फैक्ट चेक

क्या जय शाह मामले में द वायर ने सुप्रीम कोर्ट में माफ़ीनामे की पेशकश की?

जय शाह ने आरोप लगाया था कि द वायर ने उनके व्यापार संबंधी मामलों पर एक समाचार रिपोर्ट के द्वारा उन्हें बदनाम किया था और आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था

By - Anmol Alphonso |
Published -  20 March 2021 7:25 PM IST
  • क्या जय शाह मामले में द वायर ने सुप्रीम कोर्ट में माफ़ीनामे की पेशकश की?

    द वायर (The Wire) ने शनिवार को उस दावे को ख़ारिज कर दिया जिसमें कहा गया था उसने (द वायर) समाचार वेबसाइट के ख़िलाफ़ दायर आपराधिक मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट में गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह (Jay Shah) से माफ़ी मांगने की पेशकश की थी. वायरल दावे में यह भी कहा गया है कि द वायर केस हार गया है, जबकि ट्रायल अभी तक गुजरात कोर्ट में शुरू नहीं हुआ है.

    जय शाह ने आरोप लगाया था कि द वायर ने उनके व्यापार संबंधी मामलों पर एक समाचार रिपोर्ट के द्वारा उन्हें बदनाम किया था. शाह ने इस सिलसिले में वेबसाइट पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा भी दायर किया था

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    बूम ने द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से बात की, जिन्होंने दावे को ख़ारिज करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई अभी ट्रायल कोर्ट में शुरू नहीं हुई है.

    भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और पूर्व सांसद हरिओम पांडेय सहित कई प्रमुख ट्विटर हैंडल ने ग़लत दावे से ट्वीट किया कि मीडिया ऑर्गनाइज़ेशन ने केस हारने के बाद जय शाह से माफ़ी की पेशकश की थी.


    ट्वीट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

    पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट में कहा गया कि, "अमित शाह जी के बेटे पर झूठा आरोप लगाने पर "The Wire" ने केस हारने के बाद sc में माफीनामे की पेशकश की है."


    ट्वीट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

    ट्विटर पर वायरल

    इसी दावे के साथ ट्विटर पर बड़े पैमाने पर ट्वीट किये गए हैं.


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    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने इन दावों को ख़ारिज करते हुए कहा, "यह पूरी तरह से बकवास है, ट्रायल शुरू भी नहीं हुआ है, मुझे नहीं पता कि उन्होंने यह क्यों और किस आधार पर गढ़ा है, लेकिन सत्य का तत्त्व शून्य प्रतिशत है."

    "दोनों सिविल मानहानि और आपराधिक मानहानि के मुक़दमें ट्रायल कोर्ट के पास हैं और हम तारीख़ों का इंतज़ार कर रहे हैं. पिछले डेढ़ साल से कोई मूवमेंट नहीं हुआ है," वरदराजन ने कहा.

    जनवरी 2018 में द वायर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था, जब गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था कि आपराधिक मानहानि का मुक़दमा ख़ारिज कर दिया जाए जो कि जय शाह द्वारा दायर किया गया था. शाह द्वारा दायर मानहानि मामले में 2017 की द वायर की उस रिपोर्ट का हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के एक साल बाद जय शाह की कंपनी का राजस्व बड़े पैमाने पर बढ़ा है.

    पत्रकार रोहिणी सिंह, उस रिपोर्ट की लेखिका जिस पर शाह ने मामला दर्ज किया था, ने ट्विटर हैंडल '@ThePushpendra_' के ट्वीट को ख़ारिज करते हुए कहा कि अदालत में मुकदमा शुरू नहीं हुआ है.

    उन्होंने ट्वीट में लिखा. "पत्रकारिता के साथ साथ आपने 'तथ्य और सत्य' को भी कोसों दूर छोड़ दिया. ट्रायल कोर्ट में अभी सुनवाई शुरू भी नहीं हुई है और आपने फ़ैसला भी सुना दिया। अब Whatsapp University के माध्यम से भक्त मंडली इस झूठ को फैलाएगी. कल Whatsapp के डाउन होने का सबसे बुरा असर भक्त इकोसिस्टम पर पड़ा."

    पत्रकारिता के साथ साथ आपने 'तथ्य और सत्य' को भी कोसों दूर छोड़ दिया।

    ट्रायल कोर्ट में अभी सुनवाई शुरू भी नहीं हुई है और आपने फ़ैसला भी सुना दिया। अब Whatsapp University के माध्यम से भक्त मंडली इस झूठ को फैलाएगी।

    कल Whatsapp के डाउन होने का सबसे बुरा असर भक्त इकोसिस्टम पर पड़ा। https://t.co/CT7N2KrXN7

    — Rohini Singh (@rohini_sgh) March 20, 2021

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    Tags

    Amit ShahSiddharth VardarajanThe WireFake NewsFact CheckViral ImageViral Tweets
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    Claim :   द वायर ने अमित शाह के बेटे पर झूठा आरोप लगाने के लिए केस हारने के बाद सुप्रीम कोर्ट माफ़ीनामे की पेशकश की है.
    Claimed By :  Hari Om Pandey
    Fact Check :  False
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