टी राजा सिंह का पुराना वीडियो जेल के अंदर भोजन करने के दावे से वायरल
बूम ने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो पुराना है और यह हैदराबाद के नामपल्ली कोर्ट का दृश्य है.
तेलंगाना के चेरलापल्ली सेंट्रल जेल में बंद निलंबित भाजपा विधायक टी राजा सिंह से जोड़कर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति बेंच पर बैठ कर खाना खाते हुए दिख रहा है. वायरल वीडियो को हालिया बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि बेंच पर बैठकर टी राजा सिंह को खाना खाते दिखाता यह वीडियो पुराना है.
बीते 23 अगस्त को तेलांगना पुलिस ने पैगंबर मुहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने को लेकर हैदराबाद के गोशमहल से विधायक टी राजा सिंह को गिरफ़्तार किया था. जिसके बाद भाजपा ने विवादित टिप्पणी को लेकर राजा सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया. पुलिस ने विधायक राजा सिंह को नामपल्ली कोर्ट में पेश किया, हालांकि कोर्ट ने उसी दिन राजा सिंह को तुरंत रिहा करने का आदेश किया.
इसके बाद 25 अगस्त को पुलिस ने टी राजा सिंह को फ़िर से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने यह गिरफ़्तारी प्रिवेंटिव डिटेंशन एक्ट के तहत की और उन्हें वर्तमान में चेरलापल्ली सेंट्रल जेल में रखा गया है.
संविधान जलाने का पुराना वीडियो एमपी की हालिया घटना बताकर वायरल
वायरल हो रहे इस वीडियो में एक व्यक्ति बेंच पर बैठकर खाना खाते हुए दिख रहा है. इस वीडियो को तेलुगु, अंग्रेज़ी और हिंदी कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, जिसमें वीडियो में दिख रहे शख्स को टी राजा सिंह बताया जा रहा है. इस वीडियो को हालिया घटनाक्रम से जोड़कर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है और कई पोस्ट्स में इसे चेरलापल्ली सेंट्रल जेल का भी बताया गया है.
फ़ेसबुक पर शेयर किए जा रहे इस वीडियो के साथ मौजूद हिंदी कैप्शन में लिखा गया है, "कट्टर हिन्दू बनना आसान नही जेल की रोटी भी खानी पड़ती है #टी_राजा_सिंह फिर भी शेर के चेहरे पर हंसी".
वायरल दावे वाले अन्य पोस्ट्स को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले कीफ़्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें कोई ख़ास जानकारी हाथ नहीं लगी. इसके बाद हमने राजा सिंह और वायरल वीडियो में दिख रहे दृश्य से संबंधित कीवर्ड का तेलुगु अनुवाद कर फ़ेसबुक पर सर्च किया. इस दौरान हमें एक प्रोफाइल पर 28 अगस्त 2022 को अपलोड किया गया यह वीडियो मिला.
फ़ेसबुक पर वीडियो के साथ मौजूद कैप्शन में वीडियो में दिख रहे व्यक्ति को टी राजा सिंह बताया गया था और साथ ही इस वीडियो के पुराने होने की बात भी कही गई थी. कैप्शन में यह भी बताया गया था कि यह वीडियो टी राजा सिंह के किसी कोर्ट में हाज़िर होने के दौरान का है.
इस दौरान हमने इंटरनेट पर मौजूद राजा सिंह की फ़ोटोज से वायरल वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की तुलना की तो हमें वो व्यक्ति टी राजा सिंह ही लगे.
इसके बाद हमने फ़ेसबुक पर ही राजा सिंह से संबंधित अन्य कीवर्ड का तेलुगु अनुवाद कर वायरल वीडियो को ख़ोजना शुरू किया, तो हमें Golla Raju Hindu Ekkelly नाम के फ़ेसबुक प्रोफाइल पर 7 अगस्त 2021 को अपलोड किया गया यह वीडियो मिला. इस पोस्ट्स में भी उक्त शख्स को राजा सिंह ही बताया गया था.
फ़ेसबुक पोस्ट्स में मौजूद तेलुगु कैप्शन के अनुसार राज्य सरकार बदले की भावना से हिंदू नेताओं पर केस दर्ज कर रही है. गोशमहल से विधायक टी राजा सिंह को सुबह से शाम तक कोर्ट में पेश होना पड़ता है".
वहीं 4 अगस्त 2021 को किए गए एक और फ़ेसबुक पोस्ट्स में भी हमें इसी तरह के कैप्शन के साथ वायरल वीडियो मिला.
इतना ही नहीं टी राजा सिंह के नाम से बने फैन पेज से भी इस वीडियो को 28 जुलाई 2021 को अपलोड किया गया था.
जांच के दौरान हमें एक फ़ेसबुक पोस्ट भी मिला, जिसमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मौजूद था. इस वीडियो में एक जगह हमें पी शैलजा लिखा हुआ दिखाई दिया. इसके बाद हमने प्राप्त जानकारियों के आधार पर संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. जिसमें पी शैलजा को सहायक लोक अभियोजक(APP) बताया गया था. साथ ही इस रिपोर्ट में हैदराबाद के नामपल्ली कोर्ट का जिक्र था.
गूगल सर्च के दौरान ही हमें तेलांगना न्यायिक विभाग की वेबसाइट पर भी पी शैलजा नाम लिखा मिला. यहां भी उन्हें सहायक लोक अभियोजक बताया गया था और मेट्रोपोलिटन कोर्ट हैदराबाद का जिक्र था. प्राप्त जानकारियों से यह प्रतीत होता है कि राजा सिंह का यह वीडियो नामपल्ली कोर्ट का ही है.
हमने अपनी जांच को और पुख्ता बनाने के लिए नामपल्ली कोर्ट के एक वकील से संपर्क किया, तो उन्होंने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि यह वीडियो नामपल्ली कोर्ट का ही है.
हमारी अभी तक की जांच में यह तो स्पष्ट हो गया था कि टी राजा सिंह का यह वीडियो नामपल्ली कोर्ट का है लेकिन हाल का नहीं है. हालांकि हम यह पता लगाने में सफ़ल नहीं हो पाए कि वायरल वीडियो वास्तव में कब का है. लेकिन यह वीडियो काफ़ी पहले का हो सकता है.
जांच के दौरान ही हमें न्यूज़ 18 तेलुगु की वेबसाइट पर पर 29 अगस्त 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जो इसी वीडियो से संबंधित थी. रिपोर्ट के अनुसार चेरलापल्ली जेल प्रशासन ने भी इस वीडियो को जेल का होने से इनकार किया था.
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