एन राम और तमिलनाडु के मंत्री की तस्वीर सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में वायरल
वायरल फ़ोटो में जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस कांत बताया जा रहा है, असल में वे द हिंदू के पूर्व संपादक एन राम और तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी त्यागराजन हैं.
डाइनिंग टेबल पर बैठे कुछ लोगों को दिखाती एक तस्वीर सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ साझा की जा रही है कि इसमें सुप्रीम कोर्ट के जज सूर्यकांत और जेबी पारदीवाला एनडीटीवी के संस्थापक सदस्यों प्रणय रॉय और राधिका रॉय, कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात के साथ खाना खाते हुए देखे जा सकते हैं.
बूम ने वायरल हो रहे दावे को झूठा पाया है. जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत वायरल फ़ोटो में मौजूद नहीं है,बल्कि फ़ोटो में द हिंदू के पूर्व प्रधान संपादक एन राम, मरियम राम, तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी त्यागराजन, दीपाली सिकंद, प्रणय रॉय, राधिका रॉय, प्रकाश करात और वृंदा करात मौजूद हैं.
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बूम ने इस दौरान फ़ोटो में मौजूद एन राम से भी संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि फ़ोटो में जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत मौजूद नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मैं इसकी पुष्टि करता हूं कि इस तस्वीर में न तो न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न ही न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला हैं. मैं यह भी पुष्टि करता हूं कि हम उनसे नहीं मिले.
बता दें कि भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ़ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद अलग अलग जगहों पर उनके ख़िलाफ़ दर्ज हुए एफ़आईआर को क्लब करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी. इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान 1 जुलाई 2022 को जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत ने आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए नूपुर शर्मा को फटकार लगाई और हालिया दिनों में उपजे तनाव जिसकी वजह से उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या हुई, उसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया.
वायरल फ़ोटो को फ़ेसबुक पर अंग्रेजी कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसका हिंदी अनुवाद है, "देखिए सुप्रीम कोर्ट के जज जिन्होंने फैसला सुनाया वे किसके साथ लंच कर रहे हैं. रॉय की बाईं ओर वाली महिला वह है जिसने दिल्ली में बुलडोजर रूकवाया है. रिनिता मजूमदार और फिर 2 एससी जज, #सूर्यकांत और #परदीवाला नक्सलगैंग के साथ. प्रणब रॉय और राधिका रॉय भी वहां हैं."
फ़ेसबुक और ट्विटर पर यह तस्वीर इसी दावे के साथ वायरल हो रही है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए फोटो को ध्यान से देखा, तो हमें जस्टिस कांत और जस्टिस पारदीवाला फ़ोटो में नहीं दिखे.
इसके बजाय हमें फ़ोटो में द हिंदू के पूर्व प्रधान संपादक एन राम दिखे. हमने जब राम के ट्विटर हैंडल को खंगाला तो पाया कि उन्होंने वायरल हो रहे दावे का खंडन करते हुए एक बयान ट्वीट किया था.
एन राम ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि वायरल पोस्ट्स में जिन दो लोगों को जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस कांत बताया जा रहा है, दरअसल ख़ुद वो और तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी. त्यागराजन हैं.
उन्होंने बूम से बात करते हुए भी इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा "यह फ़ोटो हमारी अनुमति से 1 जुलाई, 2022 को ली गई थी, जब हम ऊटी के नज़दीक माइंडएस्केप्स नाम के रेस्टोरेंट में लंच (मंत्री पी त्यागराजन के साथ एक शेफ़ का टेबल सत्र) कर रहे थे. इस रेस्टोरेंट से केटी घाटी का शानदार दृश्य दिखता है. वित्त मंत्री पीटीआर कोयंबटूर से वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) की यात्रा पर थे, जहां उन्हें लेक्चर देने के लिए बुलाया गया था. मेरी पत्नी मरियम राम और मैंने ने माइंडएस्केप में लंच के दौरान उनसे मिलने की व्यवस्था की थी. हमने इस दौरान नीलगिरी में मौजूद हमारे दोस्त प्रकाश करात, बृंदा करात, प्रणय रॉय और राधिका रॉय को भी आमंत्रित किया था.
इसके अलावा हमने वायरल फ़ोटो को रिवर्स इमेज सर्च के माध्यम से भी खोज़ा तो हमें यह 'माइंडएस्केप्स' के 3 जुलाई 2022 के एक ट्वीट में मिला.
ट्वीट का कैप्शन अंग्रेजी में है, जिसका अनुवाद है, "तमिलनाडु के वित्त मंत्री के साथ एक शेफ का टेबल सत्र, श्री पी त्यागराजन, डॉ प्रणय रॉय और श्रीमती राधिका रॉय, श्रीमती वृंदा करात और श्री प्रकाश करात, श्री एन राम और दीपाली सिकंद."
नहीं, यह वीडियो तेलंगाना में पीएम मोदी की रैली में शराब बांटते नहीं दिखाता