'भारत माता' के सर से मुकुट हटाकर नमाज़ पढ़वाने का वायरल दावा भ्रामक है
मूल वीडियो में भारत माता के रूप में नज़र आती बच्ची के सामने हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म का किरदार निभाते बच्चे बारी-बारी से अपने-अपने धर्मों की प्राथना करते हैं.
लखनऊ के एक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूली बच्चों द्वारा सांप्रदायिक सद्भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किये गए एक नाटक के आधे-अधूरे वीडियो को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. वायरल वीडियो के साथ दावा किया गया है कि भारत माता के सर का मुकुट हटा कर हिजाब पहना कर और उनसे नमाज़ पढ़वाई जा रही है.
वायरल वीडियो में एक बच्ची भारत माता के किरदार में नज़र आती है. उसने अपने सिर पर मुकुट लगाया हुआ है. कुर्ता-पजामा और सर पर टोपी लगाकर मुस्लिम समाज का किरदार निभाते हुए कुछ बच्चे स्टेज पर आते हैं. फिर वे भारत माता के सिर पर लगे मुकुट को उतार कर उनके सिर पर हिजाब जैसा एक सफेद रंग का कपड़ा बांध देते हैं. इसके बाद भारत माता को घुटने पर बैठा कर नमाज अदा कराई जाती है.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो असल में एडिट किया गया है. मूल वीडियो लखनऊ के शिशु भारतीय विद्यालय का है जहां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चार अलग-अलग धर्मों के छात्र सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'भारत माता' के साथ अपने-अपने धर्मों की प्रार्थना करते नज़र आते हैं.
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सुदर्शन न्यूज़ ने अपने वेरिफ़ाईड ट्विटर हैंडल से वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि "भारत माँ के सर का मुकुट हटाकर पहना दिया हिजाब."
ट्वीट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
सुदर्शन न्यूज़ ने फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ आधे-अधूरे को शेयर किया.
क्रिएटली मीडिया ने भी वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया था कि भारत माता का मुकुट हटा दिया गया और उन्हें झुककर नमाज़ अदा करते दिखाया गया था. हालांकि, बाद में ट्वीट डिलीट कर दिया गया. ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखें.
इस वीडियो को भाजपा नेता अभिजीत मिश्रा और पत्रकार हेमेंद्र त्रिपाठी ने भी लखनऊ पुलिस और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए ट्वीट किया और जांच की मांग की. बाद में, इन दोनों ने अपने ट्वीट डिलीट कर दिए.
फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ वायरल हुए वीडियो को यहां, यहां और यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो के साथ किये जा रहे दावे की सत्यता का पता लगाने के लिए सबसे पहले लखनऊ के बाज़ार खाला के एसीपी सुनील कुमार शर्मा से संपर्क किया. उन्होंने हमें लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट द्वारा किया गया ट्वीट देखने के लिए निर्देशित किया.
लखनऊ पुलिस ने ट्वीट करते हुए अपने स्टेटमेंट में कहा कि "सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो प्राप्त हुआ है, जिसमें एक लड़की के सर से भारत माता का मुकुट हटाकर नमाज़ पढ़ना बताया गया है. उस वीडियो की जाँच की गई तो पाया गया कि उक्त वीडियो शिशु भारतीय विद्यालय, मालवीय नगर थाना बाज़ार खाला का है. इस संबंध में स्कूल प्रबन्धक से वार्ता कर सम्पूर्ण वीडियो देखा गया तो यह पाया गया कि स्कूल के बच्चों द्वारा एक नाटक का मंचन किया गया था, जिसमें बच्चों द्वारा धर्म के नाम पर झगड़ा फ़साद ना करने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने का संदेश दिया गया है. ट्वीटकर्ता द्वारा आधे-अधूरे हिस्से को ट्वीट करके भ्रम फैलाने का कार्य किया गया है, जिनके विरुद्ध अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है."
जांच के दौरान हमें लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट द्वारा शेयर किया गया एक एक और ट्वीट मिला जिसमें पूरे नाटक का वीडियो उपलोड किया गया था. वीडियो में भारत माता के रूप में नज़र आती बच्ची के सामने हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म का किरदार निभाते बच्चे बारी-बारी से अपने-अपने धर्मों की प्राथना करते हैं.
जांच के दौरान हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया के पत्रकार अरविंद चौहान का एक ट्वीट मिला जिसमें स्कूल नाटक का पूरा वीडियो अपलोड किया गया था.
2 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक स्कूली बच्ची मंच पर 'भारत माता' के रूप में नज़र आती है. इसके बाद हिन्दू समुदाय का किरदार निभाते बच्चे मंच पर आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. इस बीच बैकग्राउंड में शंख और घंटी बजने की आवाज़ सुनाई पड़ती है.
कुछ देर बाद मुस्लिम समुदाय का किरदार निभाते बच्चे मंच पर आते हैं और 'भारत माता' का मुकुट हटाकर साथ में नमाज़ अदा करते हैं. इस बीच बैकग्राउंड में अज़ान सुनाई पड़ती है.
इसी के अगले हिस्से में सिख धर्म का किरदार निभाते और फिर ईसाई धर्म का किरदार निभाते बच्चे मंच पर आते हैं और 'भारत माता' के हाथों को क्रॉस करके यीशु मसीह का रूप देते हैं.
इस पूरे वीडियो को देखने पर हम पाते हैं कि स्कूली नाटक के वीडियो से मुस्लिम वाले हिस्से को काटकर वायरल किया गया.
ट्वीट में ही अगले वीडियो में स्कूल की एक शिक्षिका की टिप्पणी है. वीडियो में, खुद को प्रगति निगम बताने वाली शिक्षिका स्पष्ट करती हैं कि क्रॉप किया गया वीडियो भ्रामक है. "वायरल वीडियो फ़र्ज़ी है. मेरा उद्देश्य चारों धर्मों को एक साथ लाना था. मेरा इरादा किसी भी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं था. मैं सभी से पूरा वीडियो देखने की अपील करती हूं."
इस पूरे मामले पर टिप्पणी के लिए स्कूल प्रबंधन से तुरंत संपर्क नहीं किया जा सका.
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