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फैक्ट चेक

2019 की घायल व्यक्ति की फ़ोटो हालिया RRB-NTPC विरोध प्रदर्शन से जोड़कर वायरल

बूम ने पाया कि ये तस्वीर वर्ष 2019 से ऑनलाइन प्लैटफ़ॉर्म्स पर वायरल है.

By - Dilip Unnikrishnan |
Published -  1 Feb 2022 5:43 PM IST
  • 2019 की घायल व्यक्ति की फ़ोटो हालिया RRB-NTPC विरोध प्रदर्शन से जोड़कर वायरल

    एक व्यक्ति की फ़ोटो जिसकी पीठ बुरी तरह से घायल है, RRB-NTPC परीक्षा के आवेदकों द्वारा 25 जनवरी को प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में किये गए विरोध प्रदर्शन से जोड़कर, गलत कैप्शन के साथ वायरल हो रही है.

    बूम ने पाया कि ये तस्वीर 2019 से ही इंटरनेट पर मौजूद है और इसके साथ किए जा रहे दावे पूर्ण रूप से गलत हैं.

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    इस फ़ोटो को बिहार और उत्तर प्रदेश के छात्रों के द्वारा बड़े स्तर पर किये गए विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में शेयर किया जा रहा है. छात्रों के आरोप हैं कि RRB-NTPC परीक्षा के नतीजे सही तरीके से जारी नहीं किये गए हैं. नतीजन अभ्यर्थियों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया और इसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

    'द इंडियन एक्सप्रेस' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार परीक्षा 28 दिसंबर, 2020 और 31 जुलाई, 2021 के बीच आयोजित की गई थी और इसका परिणाम 15 जनवरी, 2022 को घोषित किया गया था. हालिया हिंसा के बाद अगले स्तर की परीक्षा स्थगित कर दी गई है.

    हिन्दी अखबार दैनिक जागरण ने 28 जनवरी के प्रयागराज संस्करण में इसी तस्वीर को 'पुलिस की पिटाई से घायल बलिया के रजनीश भारती' कैप्शन के साथ छापा था. जागरण ने इस तस्वीर का क्रेडिट 'रिश्तेदारों' को दिया.


    हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स के रिपोर्टर अनूप पांडे ने भी 27 जनवरी को यह फ़ोटो ट्वीट की थी. हालांकि उन्होंने बाद में ट्वीट को हटा दिया. आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

    कई यूज़र्स ने फ़ेसबुक पर इस तस्वीर को पोस्ट किया, जिसके कैप्शन में लिखा, 'नौकरी ले के का कीजिएगा, अभी काशी मथुरा बाकी है।'

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    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने गूगल और यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि यह तस्वीर कम से कम जुलाई 2019 से सोशल मीडिया पर वायरल है.

    इसके अलावा हमने पाया कि कुछ बांग्लादेशी फ़ेसबुक पेजों ने भी 17 जुलाई, 2019 को एक युवक के पैर में चोट दिखाते हुए एक अन्य तस्वीर के साथ यही तस्वीर साझा की थी.


    बांग्ला में पोस्ट के साथ एक कैप्शन लिखा था जिसका अनुवाद है 'प्यार में पड़ना आसान है. लेकिन लड़की के माता-पिता से बचना आसान नहीं है. इस्लाम ज़िना, अवैध यौन संबंधों को प्रतिबंधित करता है. इसका बांग्ला में मतलब है अफेयर होना. अगर सभी को जो इस तरह के रिश्ते में, उन्हें लड़की के माता-पिता द्वारा पीटा जाए, तो सभी लड़के और लड़कियां नेक रहेंगे'.

    बूम बांग्ला ने इससे पहले मार्च 2020 में एक वायरल दावे का फ़ैक्ट चेक किया था जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद इस तस्वीर को झूठे कैप्शन के साथ फिर शेयर किया गया, जिसमें दावा किया गया कि राजस्थान में लॉकडाउन के दौरान जब एक युवक अपनी मां के लिए दवा खरीदने के लिए निकला तो पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटा था.

    बूम स्वतंत्र रूप से इस फोटो की उत्पत्ति की पुष्टि नहीं कर सका।

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    Tags

    RRB NTPC examUP policeStudents protestFAKE NEWSFact CheckViral Photo
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    Claim :   नोकरी ले के का कीजियेगा। अभी काशी मथुरा बाकी है।
    Claimed By :  Social media posts
    Fact Check :  False
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