राजस्थान के जवाई बांध के कंट्रोल रूम का वीडियो पंजाब में बाढ़ की साजिश के दावे से वायरल
बूम ने पाया कि जवाई बांध के गेट खोलने के दौरान बीजेपी विधायक और किसान नेता के बीच हुई अनौपचारिक बातचीत का वीडियो गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है.

राजस्थान के जवाई बांध के कंट्रोल रूम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस भ्रामक दावे से वायरल है कि राजस्थान और हरियाणा के कुछ बांध कर्मचारी कह रहे हैं कि डैम के सभी गेट खोल दिए जाए ताकि पूरा पंजाब पानी में डूब जाए.
बूम ने जांच में पाया कि वीडियो को गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है. पूरे वीडियो को देखने से पता चलता है कि यह राजस्थान के जवाई बांध के कंट्रोल रूम का वीडियो है. पिछले दिनों बारिश और पानी के बढ़ते जलस्तर के कारण जवाई बांध के गेट खोल दिए गए थे. इसी दौरान बीजेपी विधायक की एक किसान नेता के साथ हल्के फुल्के अंदाज में की गई बातचीत का वीडियो वायरल कर दिया गया.
इसके अलावा इस बांध से निकला जवाई नदी का पानी आगे जाकर लूणी नदी में मिलता है जो थार रेगिस्तान से होते हुए दक्षिण-पश्चिम की ओर गुजरात में कच्छ के रण के दलदली क्षेत्र में जाकर विलुप्त हो जाता है. इस नदी और बांध के पानी का पंजाब से कोई संबंध नहीं है.
सोशल मीडिया पर क्या है दावा ?
एक्स पर एक यूजर ने अंग्रेजी कैप्शन में लिखा, ‘एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें राजस्थान और हरियाणा से संबंधित बांध के कुछ कर्मचारी यह कहते हुए देखे जा सकते हैं कि बांध के सभी गेट खोल दो ताकि पूरा पंजाब पानी में डूब जाए.’
इंस्टाग्राम पर एक यूजर ने यह वायरल वीडियो शेयर की है. इस वीडियो में दिए गए टेस्क्ट में लिखा, ‘नहीं हो तो एक साथ सारे गेट खोल दो, ना रहेगा बास ना बजेगी बांसुरी. आहोर विधायक के शब्दों पर आप टिप्पणी लिखिए. इसके साथ ही पंजाबी में लिखा गया, ‘पंजाब के साथ षड्यंत्र चल रहा है'.
फेसबुक पर एक यूजर ने इसी वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'पंजाब को बाढ़ में डुबाने के साथ साथ ही राजस्थान के लिए बीजेपी द्वारा रची गई साजिश का वीडियो तेजी से वायरल, जिस साजिश की बदबू फिजाओं में फैल रही थी वह सामने आ चुकी है. बीजेपी नेता डैम स्टाफ को आदेश दे रहे हैं कि डैम के सारे गेट एक साथ खोल दो, ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी. पंजाब में बाढ़ लायी गई और लाखों लोगों की जान को खतरें में डाला गया.'
कई अन्य यूजर (यहां और यहां) ने भी विधायक छगन सिंह पर इसी तरह के आरोप लगाए कि उन्होंने सबकुछ खत्म कर देने के लिए एक साथ सभी गेट खोल देने का ऐसा विवादित बयान दिया है.
बूम को यह वीडियो पंजाब के भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के स्टाफ की बातचीत के दावे से टिपलाइन (+917700906588) पर भी प्राप्त हुआ.
पड़ताल में क्या मिला :
बूम ने दावे की पड़ताल की तो पाया कि यह दावा भ्रामक है. हमें गूगल सर्च करने पर इससे संबंधित कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं जिसमें वायरल वीडियो भी मौजूद था.
विधायक की अनौपचारिक बातचीत का वीडियो वायरल
दैनिक भास्कर की 8 सितंबर 2025 की रिपोर्ट में बताया गया कि राजस्थान के जालोर के आहोर से विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने एक किसान नेता के जवाई बांध के सभी गेट खोलने के सवाल पर जवाब दिया था जो वायरल हो रहा है.
दरअसल 6 सितंबर को राजस्थान के सबसे बड़े बांध जवाई के 8 गेट खोलकर पानी की निकासी की गई थी. इस दौरान राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत, आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित, किसान नेता जेलेंद्र सिंह समेत कई अधिकारी भी मौजूद थे.
इस दौरान विधायक ने कहा था कि जालोर के निवासी काफी समय से बांध खोलने की मांग कर रहे थे अगर पहले ही सुन लिया जाता तो जलस्तर बढ़ने की नौबत न आती और जालोर के लोगों को इस पानी का फायदा मिलता.
इसी बात के जवाब में वहां मौजूद किसान नेता जेलेंद्र सिंह ने मजाक में कहा कि आपके लिए अब सभी गेट खोल देते हैं.
इस पर छगनसिंह ने कहा, “आप तो यही चाहते हैं कि सभी गेट एक साथ खोलें और आगे वाले पानी के साथ बहकर चले जाए, ताकि ना रहेगा बांस और न बजेगी बांसूरी.”
अन्य लोकल मीडिया रिपोर्ट (यहां और यहां) में भी बताया गया कि इसी अनौपचारिक बातचीत के वीडियो को किसी ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर गलत संदर्भ में शेयर कर दिया.
वायरल वीडियो के साफ वर्जन वाले इस वीडियो में इसी पूरी बातचीत को सुना जा सकता है.
जलस्तर बढ़ने से राजस्थान के जवाई बांध के गेट खोले गए थे
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, 6 सितंबर 2025 की दोपहर लगभग 2 बजकर 15 मिनट पर जवाई बांध के 8 गेट खोले गए थे.
राजस्थान पत्रिका की रिपोर्ट में बताया गया कि जवाई बांध में पानी की आवक तेज होने पर एक-एक कर आठ गेट को पांच पांच फीट तक खोले गए थे. पत्रिका की 6 सितंबर 2025 की रिपोर्ट में जल संसाधन विभाग के हवाले से लिखा गया कि 2,3,4,5,6,9,8,10, नंबर गेट को पांच-पांच फीट तक खोलकर पानी की निकासी की जा रही है.
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, लगातार बारिश के चलते जलस्तर बढ़ने के कारण करीब 8 साल बाद जवाई बांध के गेट खोलने पड़े जिनसे करीब 54 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं एहतियात बरतते हुए इस मौके पर कई शेल्टर होम भी बनाए गए.
जवाई बांध का पंजाब से कोई संबंध नहीं
जवाई नदी राजस्थान में उदयपुर जिले की अरावली पहाड़ियों में गोरिया गांव के पास से निकलती है और पाली और जालौर जिलों से होते हुए बाड़मेर में लूणी नदी में मिल जाती है. वहीं लूणी नदी जो थार रेगिस्तान से होते हुए दक्षिण-पश्चिम की ओर गुजरात में कच्छ के रण के दलदली क्षेत्र में जाकर समाप्त हो जाती है.




