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फैक्ट चेक

असंबंधित तस्वीर को जेएनयू से जोड़कर फ़र्ज़ी दावा वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है, तस्वीर में दिख रहे दूसरे व्यक्ति का जेएनयू से कोई संबंध नहीं है.

By - Sachin Baghel |
Published -  12 Dec 2022 2:52 PM IST
  • असंबंधित तस्वीर को जेएनयू से जोड़कर फ़र्ज़ी दावा वायरल

    सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज काफ़ी वायरल है, जिसमें दो लोग दिख रहे हैं. पहला व्यक्ति काफ़ी हष्ट-पुष्ट और गले में कुछ मालाएं तथाउसके शरीर पर जनेऊ दिख रहा है वहीं दूसरी तस्वीर में महिला की भेषभूषा में एक अन्य व्यक्ति दिख रहा है. तस्वीर में शारीरिक रूप से दूसरे व्यक्ति की तुलना पहले व्यक्ति से करते हुए कहा जा रहा है कि जनेऊ पहनने वालों और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पढ़ने वालों में इतना अंतर होता है.

    दरअसल, हाल ही में जेएनयू की दीवारों पर ब्राह्मण-विरोधी नारे लिखे होने का मामला सामने आया था. इसके बाद से ही जेएनयू के सम्बन्ध में तरह-तरह की तस्वीरें और दावे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. यह तस्वीर भी इसी सन्दर्भ में जेएनयू में पढ़ने वालों का मजाक उड़ाते हुए वायरल है.

    बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल कोलाज के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है, तस्वीर में दिख रहे दूसरे व्यक्ति का जेएनयू से कोई संबंध नहीं है.

    अपने होने वाले दामाद से शादी करने की बात कहती महिला का यह वीडियो स्क्रिप्टेड है

    फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने कोलाज को शेयर करते हुए लिखा,'जनेऊ और JNU में फर्क अब आप स्वयं समझ सकते हैं ज्यादा लिखने की आवश्यकता नहीं है'.


    फ़ेसबुक पर इसी दावे से अनेक पोस्ट वायरल हैं, जिन्हें यहां,यहां और यहां देखा जा सकता है.

    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने सबसे पहले वायरल कोलाज को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो जनेऊ पहने व्यक्ति के बारे में कई रिपोर्ट्स सामने आयीं. 'नईदुनिया' की 23 अप्रैल 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक ये व्यक्ति ओडिशा में स्थित जगन्नाथपुरी धाम के पुजारियों में से एक हैं जिनका नाम अनिल गोछिकर है. अनिल गोछिकर मंदिर में पुजारी के साथ-साथ बॉडीबिल्डर भी हैं और वह सात बार मिस्टर ओडिशा भी रह चुके हैं. साल 2017 और 2019 में उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप गोल्ड और साल 2018 में सिल्वर मेडल जीता था.


    इसके बाद कुछ और अलग कीवर्ड्स से सर्च किया तो कोलाज में दिख रहे दूसरी तस्वीर के सम्बन्ध में कई रिपोर्ट्स मिलीं. न्यूज़ 18 हिंदी की 25 नवम्बर 2019 की रिपोर्ट में यह तस्वीर शामिल थी. रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार द्वारा लाये जा रहे 'ट्रांस बिल' के विरोध में बड़ी संख्या में एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) समुदाय के लोगों ने दिल्ली में मार्च निकाला. उन्होंने बिल को विशेष समिति में भेजने की मांग भी की. रिपोर्ट में मार्च (परेड) की कई तस्वीरों में यह तस्वीर भी शामिल थी.


    बूम ने तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति से संपर्क किया तो उन्होंने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि वायरल तस्वीर में वही हैं. 'क्या जेएनयू से उनका कोई सम्बन्ध है?' यह पूछने पर उन्होंने इसे नकारते हुए कहा,'मैंने अपनी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन मुंबई से की है. जेएनयू से मेरा कोई लेना देना नहीं है. 2018 के बाद से ही मैंने पढ़ना बंद कर दिया और अभी मैं एक कंसल्टैंट (consultant) के रूप में काम करता हूँ.

    मथुरा के आश्रम की तस्वीर राजस्थान में 'भारत जोड़ो यात्रा' से जोड़कर वायरल

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    JNUFake claimFact Check
    Read Full Article
    Claim :   जनेऊ और JNU में फर्क
    Claimed By :  Facebook Posts
    Fact Check :  False
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