क़तर द्वारा 8 भारतीयों की मौत की सज़ा को रद्द करने का झूठा दावा वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि क़तर द्वारा आठ भारतीयों को दी गई मौत की सज़ा को रद्द करने की घोषणा करते हुए कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है.
सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़ोटो के साथ एक पोस्ट काफ़ी वायरल हो रही है, जिसमें लिखा है कि क़तर ने 8 लोगों की मौत की सज़ा रद्द करने की घोषणा की है. पोस्ट में लिखा है कि क़तर ने कहा है कि भारत की दोस्ती अधिक महत्वपूर्ण है. पोस्ट को सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि क़तर ने जासूसी करने के आरोपी पूर्व नौसेना अधिकारियों की सज़ा को रद्द कर दिया है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि क़तर द्वारा आठ भारतीयों को दी गई मौत की स़जा को रद्द करने का दावा गलत है. क़तर ने सज़ा को रद्द करने की घोषणा करते हुए कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
ग़ौरतलब है कि 26 अक्टूबर 2023 को क़तर की एक अदालत ने सात पूर्व नौसेना अधिकारियों और एक नाविक सहित आठ भारतीयों को मौत की सज़ा सुनाई थी. यह भारतीय नागरिक निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम कर रहे थे. इन आठ भारतीयों को पिछले साल अगस्त में इज़राइल की ओर से एक पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित तौर पर जासूसी करने के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था.
भारत ने इसे गंभीर रूप से चौंकाने वाला फैसला बताया है और इस मामले में सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है. मौत की सज़ा के ख़िलाफ़ एक अपील दायर की गई है. क़तर की एक उच्च अदालत ने याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसकी सुनवाई 1 दिसंबर 2023 को हुई और अगली सुनवाई 7 दिसंबर 2023 को होगी.
दुबई में आयोजित हो रहे COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर 1 दिसंबर 2023 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने क़तर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ मुलाकात कर बातचीत की थी.
एक X यूज़र ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "ताजा खबर* कतर ने 8 लोगों की मौत की सजा रद्द करने की घोषणा की: कहा कि भारत की दोस्ती अधिक महत्वपूर्ण है। जलवा है भाई 👇"
फेसबुक पर एक यूज़र ने लिखा, "कतर ने 8 भारतीयों (पूर्व नेवी ऑफिसर) की फांसी की सजा रद्द किया.... ये है नये भारत की विदेश नीति का प्रभाव"
कई अन्य यूज़र्स ने भी इसी दावे के साथ ये पोस्ट शेयर किया है.
फै़क्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि क़तर द्वारा आठ भारतीयों को दी गई मौत की स़जा को रद्द करने का दावा गलत है. क़तर ने सज़ा को रद्द करने की घोषणा करते हुए कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
हमने दावे से सम्बंधित कीवर्ड्स से सर्च किया. हमें क़तर द्वारा आधिकारिक तौर पर मौत की सज़ा को रद्द करने की घोषणा करने वाली कोई भी विश्वसनीय न्यूज़ रिपोर्ट या कोई आधिकारिक बयान नहीं मिला जो वायरल पोस्ट में किए गए दावे की पुष्टी करता हो.
हमें इस मामले को कवर कर रहे दैनिक भास्कर के पत्रकार अभिनंदन मिश्रा की प्लेटफॉर्म X पर 1 दिसंबर 2023 की एक पोस्ट मिली, जिसमें उन्होंने बताया कि मामले की सुनवाई 30 नवंबर 2023 को हुई थी और पहली बार पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को अदालत में बोलने का मौका दिया गया.
बूम ने अभिनंदन मिश्रा से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि क़तर की अदालत ने फैसले को रद्द करने की कोई घोषणा नहीं की है. मिश्रा ने कहा, "जहां तक मुझे जानकारी है, यह सच नहीं है. मामले की सुनवाई अभी भी अदालत में चल रही है."
मिश्रा ने यह भी कहा कि मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर 2023 को होनी है.
The next hearing has been scheduled for 7 December. Indian officials, meanwhile, will be meeting the eight Indians soon. https://t.co/sNRSn86iFG
— Abhinandan Mishra (@mishra_abhi) December 2, 2023
इसके अलावा, हमें 1 दिसंबर 2023 की हिंदुस्तान टाइम्स की एक न्यूज़ रिपोर्ट भी मिली, जिसमें भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार के हवाले से कहा गया कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है कि क़तर में मौत की सज़ा पाए पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को वापस लाया जाए. पूर्व नौसेना अधिकारी वरिष्ठ और अनुभवी हैं. हम उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं."
बूम ने ईमेल के माध्यम से क़तर के विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है, जवाब मिलने पर स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा.
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