पंजाब में मारपीट का वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ AAP से जोड़कर वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है.
पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के जीत के बाद बुधवार को भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने राज्य के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल रहा जिसमें दावा किया गया कि पठानकोट में भीड़ ने आरटीओ (RTO) अधिकारी पर जानलेवा हमला कर दिया. इसे पंजाब में बने नए सरकार से जोड़ कर फैलाया जा रहा है.
वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि कई व्यक्ति मिल कर लाठी, लात घूसों और पत्थर से एक शख्स की पिटाई कर रहे हैं. वीडियो में एक व्यक्ति जान से मारने की नीयत से उस शख्स के सर पर एक वजनी पत्थर से वार करता हुआ भी दिख रहा है. मारपीट करने के बाद सभी व्यक्ति वहां से भाग खड़े होते हैं और पीड़ित सड़क किनारे के गड्ढे में लुढ़क जाता है.
'पंजाब में बदलाव' बताकर शेयर किया गया यह वीडियो असल में पुराना है
इस वीडियो को सोशल मीडिया यूज़र्स के अलावा कई न्यूज पोर्टल ने भी शेयर किया है.
भाजपा नेता नवीन जिंदल ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा 'पंजाब में गुंडाराज शुरू हो गया है। भीड़ ने आरटीओ अधिकारी पर जानलेवा हमला किया… अब भगवान ही बचाए पंजाब को'.
वहीं हिंदी अख़बार पंजाब केसरी हिमाचल ने अपने फ़ेसबुक पेज से इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा 'पठानकोट: देखिए कैसे रोड पर बुरी तरह पीट दिया RTO, पत्थर से फोड़ा सिर'.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल हो रहे वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले उसके की फ्रेम से रिवर्स इमेज सर्च और मुख्य कीवर्ड से इस खबर को तलाशना शुरू किया. हमें कोई ख़ास जानकारी नहीं मिली. हमने पठानकोट के कई लोकल न्यूज़ पोर्टल से भी बात की तो उन्होंने इस घटना के वहां से संबंधित होने से साफ़ इंकार किया.
इसके बाद हमने पंजाब के कुछ स्थानीय अख़बारों और पोर्टलों के पत्रकारों से संपर्क किया. इस दौरान हमने रोज़ाना स्पोक्समैन के पत्रकार भगवंत सिंह रूपल से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उन्हें पंजाबी कैप्शन के साथ शेयर किए गए कई फ़ेसबुक पोस्ट मिले जिसमें आरटीओ के साथ मारपीट होने का दावा किया गया था.
साथ ही उन्हें एक फेसबुक पोस्ट मिला जिसमें एक व्यक्ति ने कमेंट करते हुए बताया कि यह घटना कुलियां लुबाना गांव की है. उस व्यक्ति ने जिस गांव में मारपीट होने का दावा किया वह होशियारपुर जिले के हाजीपुर थाने के अंतर्गत आता है. रूपल ने इस मामले से जुड़ी कई अहम जानकारी भी हमारे साथ साझा की.
इसके बाद हमने रूपल की मदद से हाजीपुर थाने में संपर्क किया तो वहां के मुंशी ने बताया कि यह घटना दो गुटों के बीच 5 मार्च को हुई थी और 7 मार्च को मामला दर्ज किया गया था. साथ ही उन्होंने हमें एफ़आईआर (FIR) की वह कॉपी भी उपलब्ध कराई.
एफ़आईआर के अनुसार उत्तरप्रदेश के बिजनौर के रहने वाले सुरिंदर सिंह के साथ मुकेरियां के रहने वाले दलजीत सिंह और उसके साथियों ने मारपीट की. आरोपियों ने सुरिंदर सिंह की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की. पीड़ित ने आरोपियों पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है. हमने रूपल की मदद से पीड़ित से भी बात करने की कोशिश की. लेकिन हमारी बात उनके भाई से हो पाई और उन्होंने हमें बताया कि कुछ लोगों ने हाजीपुर के पास सुरिंदर से मारपीट की.
पुलिस और पीड़ित के भाई से बात करके हमें पता चला कि यह मामला दो गुटों की लड़ाई का था ना कि कोई राजनैतिक मसला.
इसलिए हमारी पड़ताल में सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा गलत निकला. क्योंकि यह घटना 5 मार्च को हुई जबकि राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए गए.
UP में बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा मारपीट बताकर शेयर किया गया पुराना वीडियो