CCTV तोड़ते पुलिसकर्मियों का पुराना वीडियो संभल हिंसा से जोड़कर वायरल
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल वीडियो फरवरी 2020 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. न्यूज रिपोर्ट में इसे CAA विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के खुरेजी खास का बताया गया है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों को एक पेट्रोल पंप के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ते हुए देखा जा सकता है. यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि संभल हिंसा के बाद पुलिस सबूत मिटाने के लिए सीसीटीवी कैमरे को तोड़ रही है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. वायरल वीडियो संभल हिंसा से बहुत पहले से इंटरनेट पर मौजूद है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वायरल वीडियो फरवरी 2020 का दिल्ली के खुरेजी खास का है.
उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने सात एफआईआर दर्ज की हैं. इसमें सपा सांसद और विधायक के बेटे समेत 6 नामजद और 2750 अज्ञात शामिल हैं. वहीं 27 लोगों अरेस्ट किया जा चुका है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'आप खुद देख ले, कैसे संभल की पुलिस अपना दहशत छुपाने के लिए कैमरे तोड़ रही है. इन पुलिस वालों पर कार्रवाई की जगह प्रमोशन और पुरस्कार से नवाजा जा रहा है.' (आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो पुराना है
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए जब इनविड टूल की मदद से वीडियो के अलग अलग कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यूट्यूबर ध्रुव राठी के फेसबुक पेज पर 26 फरवरी 2020 को अपलोड किया गया यह वीडियो मिला.
इसका कैप्शन था, 'दिल्ली पुलिस सीसीटीवी कैमरे क्यों नष्ट कर रही है? ऐसा बार-बार हुआ है. वे क्या छिपाना चाहते हैं? क्या वे खुद दंगे भड़काने में शामिल थे?'
इससे हमें पता चला कि यह वीडियो संभल हिंसा से बहुत पहले से इंटरनेट पर मौजूद है.
इसके बाद हमने इससे जुड़े कीवर्ड को जब गूगल पर सर्च किया तो हमें न्यूज वेबसाइट TheQuint की 26 फरवरी 2020 की रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो कथित तौर पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खुरेजी खास में चल रहे सीएए के विरोध प्रदर्शन स्थल का है.
उस वक्त TheQuint ने वायरल वीडियो में दिख रहे पेट्रोल पंप के आसपास के दुकानदारों से बात की थी, जिन्होंने कंफर्म किया था कि पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरे को तोड़े थे.
इसके अलावा न्यूज वेबसाइट EditorJi के यूट्यूब चैनल पर भी वायरल वीडियो को देखा जा सकता है. इसमें भी दावा किया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के बीच खुरेजी खास में दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर सीसीटीवी कैमरों के साथ तोड़फोड़ की.
साथ ही न्यूज वेबसाइट Scroll.in ने भी इस घटना पर खबर प्रकाशित की थी.
सीएए विरोध प्रदर्शन के बाद भड़का था दंगा
दिसंबर 2019 में संसद में नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) पास होने के कुछ दिन बाद ही 15 दिसंबर 2019 से दिल्ली के शाहीन बाग में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. इसके बाद धीरे-धीरे यह प्रदर्शन कई अन्य जगहों पर फैल गया. धीरे-धीरे यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली के कई हिस्सों में शुरू हो गया.
इसके बाद फरवरी 2020 में दिल्ली में कई जगहों पर दंगे भड़क गए थे. 23 फरवरी से 26 फरवरी 2020 के बीच हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी. 13 जुलाई 2020 को हाईकोर्ट में दायर दिल्ली पुलिस के हलफनामे के मुताबिक, मारे गए लोगों में से 40 मुसलमान और 13 हिंदू थे.
इस दंगे में सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा जैसे इलाकों थे.