मणिपुर हिंसा को लेकर इंडिया टुडे मैगज़ीन का फ़र्ज़ी एडिटेड कवर वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि असल कवर पर पीएम मोदी की नहीं बल्कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की तस्वीर इस्तेमाल की है.
सोशल मीडिया पर इंडिया टुडे मैगज़ीन के कवर की तस्वीर वायरल हो रही है. वायरल कवर पर मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर है. सोशल मीडिया यूज़र्स इसे वास्तविक मानकर पीएम मोदी की आलोचना करते हुए हुए शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल कवर पर पीएम मोदी की तस्वीर एडिटेड है. असल कवर पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की तस्वीर है.
गौरतलब है कि लगभग पिछले 3 महीनों से मणिपुर जातीय हिंसा से जूझ रहा है. 29 जुलाई 2023 की रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रदेश में अबतक कुल 181 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें 113 कुकी और 62 मैतेई समुदाय के लोग शामिल हैं. इसके अलावा 50 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. हाल ही में मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस ने राज्य और केंद्र सरकार की सुस्ती को लेकर आलोचना की है.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र मणिपुर हिंसा को शर्मनाक बताते हुए कवर की तस्वीर पोस्ट की है.
बूम को यह तस्वीर व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर भी फ़ैक्ट चेक के लिए प्राप्त हुआ.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले इंडिया टुडे और मणिपुर से सम्बंधित कीवर्ड्स से सर्च किया तो इंडिया टुडे की वेबसाइट पर 28 जुलाई 2023 का एक लेख मिला. इंडिया टुडे समूह के एडिटर इन चीफ़ अरुण पूरी के इस लेख में आने वाली 7 अगस्त 2023 को जारी होने वाले अंक की तस्वीर मिली, जो वायरल तस्वीर के समान है सिर्फ़ पीएम मोदी के स्थान पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की तस्वीर इस्तेमाल की गयी है.
लेख में लगभग पिछले 3 महीने से मणिपुर में जारी हिंसा के कारणों और वहां के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की कार्यशैली को लेकर प्रश्न उठाये गए हैं.
इंडिया टुडे समूह का 31 जुलाई 2023 का एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने मणिपुर को लेकर मैगज़ीन की कवर स्टोरी के बारे में बताते हुए इस अंक की तस्वीर भी पोस्ट की. तस्वीर में हम स्पष्ट देख सकते हैं कि कवर पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की फ़ोटो इस्तेमाल की गई है.
ट्वीटर पर हमें वह ट्वीट भी मिला जिसने सबसे पहले यह फ़र्ज़ी कवर की तस्वीर पोस्ट की. मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की तस्वीर वाले असल कवर की आलोचना करते हुए एक यूज़र ने यह एडिटेड तस्वीर ट्वीट की. बाद में यही तस्वीर अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हुई.
बूम ने इंडिया टुडे मैगज़ीन के इस अंक की डिजिटल कॉपी प्राप्त कर उसकी तुलना वायरल तस्वीर से की है. नीचे तस्वीर में हम स्पष्ट अंतर देख सकते हैं.
इस सम्बन्ध में बूम ने इंडिया टुडे समूह के पब्लिशिंग एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा से संपर्क किया है, उनका जवाब आते ही स्टोरी को अपडेट कर दी जाएगी.
अर्धनग्न अवस्था में श्रीलंका के बौद्ध भिक्षु की पिटाई का वीडियो हिन्दू संत से जोड़कर वायरल