लेंस कवर लगे कैमरे से चीतों की फ़ोटो खींचते पीएम मोदी की एडिटेड तस्वीर वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल फ़ोटो एडिटेड है और साथ ही यह वास्तविक फ़ोटो का मिरर इमेज भी है.
सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी से जुड़े से कई अकाउंट्स ने प्रधानमंत्री मोदी की एक तस्वीर शेयर किया है, जिसमें पीएम मोदी एक डीएसएलआर कैमरे से फ़ोटो खींचते नज़र आ रहे हैं, लेकिन कैमरे के लेंस पर कवर लगा हुआ है. फ़ोटो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि उन्होंने लेंस पर कवर लगे कैमरे से ही नामीबिया से आए चीतों की फ़ोटो खींची.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल फ़ोटो एडिटेड है और साथ ही यह वास्तविक फ़ोटो का मिरर इमेज है. वास्वतिक फ़ोटो में प्रधानमंत्री मोदी बिना लेंस कवर वाले कैमरे से फ़ोटो खींचते नज़र आ रहे हैं.
दरअसल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को रिलीज किया. इस दौरान उन्होंने डीएसएलआर कैमरे से चीतों की फ़ोटो भी खींची.
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महाराष्ट्र कांग्रेस सेवादल ने प्रधानमंत्री मोदी की वायरल तस्वीर को अपने वेरीफाईड ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है और लिखा है "1980 के डिजिटल कैमरे में लेंस कवर नहीं रहा होगा।" इसके अलावा भी कांग्रेस पार्टी से जुड़े कई अन्य प्रमुख ट्विटर हैंडल ने इस तस्वीर को शेयर किया है, जिसे आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता उदित राज ने भी इस तस्वीर को शेयर किया है. वहीं कांग्रेस नेता व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी अपने वेरिफ़ाईड ट्विटर एकाउंट्स से इस तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में फ़ोटो के एडिटेड होने का शक जताया है.
फ़ेसबुक भी प्रधानमंत्री मोदी की यह तस्वीर काफ़ी वायरल है. फ़ेसबुक पर वायरल तस्वीर से जुड़े पोस्ट्स को देखने के लिए आप यहां, यहां और यहां क्लिक करें.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल हो रहे फ़ोटो की पड़ताल के लिए लिए उस तस्वीर को ज़ूम किया तो हमें कई तरह की खामियां दिखी, जो इसके एडिटेड होने की तस्दीक कर रही थी.
सबसे पहले हमने देखा कि लेंस कवर पर 'Canon' लिखा हुआ और कैमरे पर 'Nikon' लिखा हुआ है. इसके अलावा हमने यह भी पाया कि कैमरे पर 'Nikon' उल्टे तरीके से लिखा हुआ है जबकि लेंस कवर पर 'Canon' सामान्य तरीके से ही मौजूद है.
इससे यह प्रतीत हो रहा था कि हाथ में कैमरा पकड़े प्रधानमंत्री मोदी की इस तस्वीर को मिरर इमेज के लिए उलट दिया गया है और बाद में Canon लिखे लेंस कवर को अलग से जोड़ दिया गया है.
इस दौरान हमने यह भी पाया कि कैमरे पर लिखे हुए Nikon की क्वालिटी काफ़ी ख़राब है जबकि लेंस कवर पर लिखे हुए Canon की क्वालिटी अच्छी है. जबकि आमतौर पर इस तरह का अंतर एक ही फ़ोटो में देखने को नहीं मिलता है.
हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए वायरल फ़ोटो में दिख रहे दृश्य की मदद से कीवर्ड सर्च किया तो हमें कई न्यूज़ वेबसाइट्स और वेरिफ़ाईड सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रधानमंत्री मोदी की असल फ़ोटो मिली, जिसमें वे निकोन कंपनी के कैमरे से फ़ोटो खींचते नज़र आ रहे हैं. जबकि कैमरे के लेंस पर कोई कवर मौजूद नहीं है.
बीजेपी की गुजरात ईकाई ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कूनो नेशनल पार्क में चीतों की तस्वीरें खींचते प्रधानमंत्री मोदी की वह फ़ोटो शेयर की है, जिसको उलट कर और एडिट करके वायरल किया जा रहा है.