पूजा करती दिख रहीं महबूबा मुफ़्ती की यह फ़ोटो आर्टिकल 370 हटने से पहले की है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर 2016 की है.
सोशल मीडिया पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ़्ती की एक फ़ोटो काफ़ी वायरल हो रही है, जिसमें वह किसी मंदिर में पूजा अर्चना करती दिख रही हैं. वायरल तस्वीर को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद की है.
इस फ़ोटो को एक अख़बार की कटिंग के साथ भी वायरल किया जा रहा है, जिसमें फ़ोटो के नीचे ही एक कैप्शन भी मौजूद है. कैप्शन में इस तस्वीर को श्रीनगर के गांदरबल में स्थित खीर भवानी मंदिर का बताया गया है.
हालांकि बूम ने अपनी जांच के दौरान यह पाया कि वायरल तस्वीर 2016 की है और तब जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू था.
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वायरल तस्वीर में महबूबा मुफ़्ती मंदिर में पूजा अर्चना करती दिख रही हैं, इस दौरान उनके साथ एक अन्य व्यक्ति भी मौजूद है जो पूजा करने में उनकी मदद करता हुआ दिख रहा है. वहीं वायरल फ़ोटो को जिस अख़बार की कटिंग के साथ शेयर किया जा रहा है, उसमें बतौर हेडलाइन लिखा हुआ है, 'महबूबा ने मंदिर में पूजा की'.
साथ ही फ़ोटो के नीचे एक कैप्शन भी मौजूद है जिसमें लिखा हुआ है 'श्रीनगर के गांदरबल स्थित खीर भवानी मंदिर में चल रहे वार्षिक मेले के दौरान रविवार को कश्मीरी हिंदुओं के साथ पूजा-अर्चना करती जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती'.
एक फ़ेसबुक पेज ने इस वायरल तस्वीर को प्रधानमंत्री मोदी और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने से जोड़कर शेयर किया है और लिखा है, "सब कुछ ऐसे बदलेगा भरोसा नहीं था, मोदी जी आपने तो कमाल कर दिया, आपने क्या से क्या कर दिया 370 क्या समाप्त हुआ मानो इनकी दुनिया ही बदल गई.".
वहीं एक अन्य यूज़र ने भी इस तस्वीर को अपने फ़ेसबुक अकाउंट से शेयर किया है और कैप्शन दिया है, "मेरा देश बदल रहा है".
फ़ेसबुक पर वायरल तस्वीर वाले अन्य पोस्ट्स को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल हो तस्वीर की पड़ताल के लिए उसके कैप्शन में मौजूद जानकारियों के आधार पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर 13 जून 2016 को प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में महबूबा मुफ़्ती की वायरल तस्वीर मौजूद थी. न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार महबूबा मुफ़्ती कश्मीर पंडितों की धार्मिक यात्रा पर पथराव के बाद पूजा करने मंदिर पहुंची थी.
इसी दौरान हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 13 जून 2016 को प्रकाशित की गई रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीर शामिल थी. रिपोर्ट के अनुसार जम्मू कश्मीर की तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती रविवार (12 जून 2016) को श्रीनगर से थोड़ी दूर पर स्थित माता खीर भवानी मंदिर में दर्शन करने पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने एक दिन पहले कुलगाम जिले में कश्मीरी पंडितों के वाहन पर हुए पथराव पर चिंता जाहिर की थी.
अपनी जांच के दौरान ही हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एनडीटीवी की एक वीडियो रिपोर्ट भी मिली, जिसे 12 जून 2016 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था. वीडियो में महबूबा मुफ़्ती के द्वारा पूजा अर्चना किए जाने का दृश्य मौजूद है. साथ ही वीडियो में वह व्यक्ति भी मौजूद हैं, जो वायरल तस्वीर में महबूबा मुफ़्ती के साथ खड़े दिख रहे हैं.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार भी जम्मू कश्मीर की तत्कालीन महबूबा मुफ़्ती खीर भवानी मेला के मौके पर कश्मीर के गांदरबल में स्थित खीर भवानी मंदिर पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने मंदिर में आए लोगों से भी मुलाक़ात की थी.
इस दौरान हमने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तारीखों का भी पता लगाने की कोशिश की, तो हमें इससे जुड़ी कई रिपोर्ट मिली. इन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संसद ने जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 और 35ए द्वारा दिए गए विशेष दर्जे को हटाने के लिए 5 अगस्त, 2019 को मंजूरी दी थी. इसके साथ ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया था.
बता दें कि 2014 के जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद महबूबा मुफ़्ती की पार्टी पीडीपी ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी और उनके पिता मुफ़्ती मोहम्मद सईद राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. 2016 में मुफ़्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद महबूबा मुफ़्ती प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं थी. हालांकि वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं और भाजपा के साथ 2018 में गठबंधन टूटने के बाद तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया गया.
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