बिहार में मुहर्रम जुलूस में लहराए गए इस्लामिक झंडे को पाकिस्तान का बताया
बिहार पुलिस ने बूम को बताया कि वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा झंडा पाकिस्तान का नहीं है.

एक जुलूस के दौरान झंडे लहराते लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं. दावा किया जा रहा है कि बिहार के जमुई में मुहर्रम जुलूस (6 जुलाई 2025) के दौरान पाकिस्तान का झंडा लहराया गया.
बूम ने जांच में पाया कि यह दावा गलत है. तस्वीरों में दिखाई दे रहा झंडा पाकिस्तानी नहीं है. यह एक इस्लामिक झंडा है. बिहार पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की है.
सोशल मीडिया पर दावा क्या है?
दक्षिणपंथी मीडिया आउटलेट ऑपइंडिया ने अपने एक्स हैंडल पर इस जुलूस की एक फोटो शेयर कर दावा किया कि मुहर्रम जुलूस में पाकिस्तान का झंडा लहराया गया. फेसबुक पर भी कई यूजर यही दावा कर रहे हैं.
दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बिहार के जमुई के सोनो प्रखंड अंतर्गत पैरामटिहाना गांव में 6 जुलाई की शाम को मुहर्रम जुलूस में एक युवक पाकिस्तान का झंडा लहराते हुए दिखाई दिखा.
पड़ताल में क्या मिला:
बूम ने दावे की पड़ताल के वायरल तस्वीर को ध्यान से देखा तो पाया कि तस्वीर इस्लामिक झंडे की है. यह बिहार के जमुई में 6 जुलाई की शाम को निकाले गए मुहर्रम जुलूस की है.
1. वायरल तस्वीर इस्लामिक झंडे की है
यह तस्वीर दैनिक भास्कर की एक वीडियो रिपोर्ट से ली गई है. हमने इस तस्वीर-वीडियो को ध्यान से देखा तो पाया कि यह पाकिस्तान का झंडा नहीं है, बल्कि एक इस्लामिक फ्लैग है. पाकिस्तान के झंडे में बाईं ओर सफेद बॉर्डर होता है. वायरल झंडे में एक चांद और तारा दिखाई दे रहा है, जो एक सामान्य धार्मिक प्रतीक है.
नीचे इन झंडों की तुलना देखी जा सकती है.
2. पुलिस ने पाकिस्तान का झंडा होने से इंकार किया
रिपोर्ट के अनुसार, घटना जमुई के सोनो प्रखंड क्षेत्र की थी. इसलिए बूम ने इस तस्वीर के संदर्भ में अधिक स्पष्टिकरण के लिए सोनो थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह से संपर्क किया.
उन्होंने कहा, "मीडिया के माध्यम से हमारे पास एक वीडियो आया था. इसे जमुई के पैरामटिहाना गांव का बताया जा रहा है. वीडियो निश्चित तौर पर कहां का है? अभी इसकी जांच की जा रही है. हालांकि वीडियो में दिखाई दे रहा झंडा पाकिस्तानी नहीं है और इस संबंंध में कोई कार्रवाई भी नहीं की गई है."
3. पहले भी इस्लामिक झंडे को पाकिस्तान का बताकर गलत दावा किया गया
बूम इससे पहले भी ऐसे कई दावों का फैक्ट कर चुका है जब इस्लामिक झंडे को पाकिस्तान का बताकर गलत दावा किया गया. सितंबर 2024 में मिलाद उन नबी के मौके पर कर्नाटक के चिकोडी में लगाये गये धार्मिक (इस्लामी) झंडे को पाकिस्तानी झंडे फहराए जाने का गलत दावा किया गया.
इसी समय यूपी के बागपत में कुछ युवकों के पास ईद-ए-मिलाद से संबंधित हरे कपड़े होने पर पाकिस्तानी झंडा मिलने का झूठा दावा किया गया था.