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फैक्ट चेक

बागपत में युवकों के पास मिला धार्मिक झंडा पाकिस्तानी झंडे के झूठे दावे से वायरल

बागपत के सिंघावली अहीर थाने के एसएचओ ने बूम से इसकी पुष्टि की कि युवकों के पास पाकिस्तानी नहीं बल्कि धार्मिक झंडा था.

By -  Jagriti Trisha
Published -  18 Sept 2024 3:01 PM IST
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    बागपत में युवकों के पास मिला धार्मिक झंडा पाकिस्तानी झंडे के झूठे दावे से वायरल
    CLAIMबागपत के थाना सिंघावली छेत्र स्थित अमीनगर सराय में युवक पाकिस्तान का झंडा लहरा रहे थे, जिन्हें स्थानीय लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.
    FACT CHECKFact Check: बूम ने पाया कि युवकों के पास से मिला झंडा पाकिस्तानी नहीं बल्कि धार्मिक झंडा था.

    सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित सिंघावली में हुई घटना के दावे से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग बाइक सवारों के पास पाकिस्तानी झंडा पाए जाने का दावा करते हुए उनसे पूछताछ करते नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर यूजर्स इस घटना को सच मानकर वीडियो को शेयर कर रहे हैं और युवकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

    बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि युवकों के पास से पाकिस्तान का झंडा मिलने का दावा गलत है. बागपत पुलिस के मुताबिक घटना बीते 16 सितंबर की है, जब राह चलते कुछ स्थानीय लोगों ने युवकों के बाइक पर रखे हरे कपड़े को पाकिस्तानी झंडा समझ लिया और उसका विरोध किया. वह हरा कपड़ा असल में ईद-ए-मिलाद से संबंधित था.

    वायरल वीडियो में युवकों की बाइक में हरे रंग का कपड़ा दिख रहा है. इसको पाकिस्तानी झंडा बताते हुए कुछ लोग युवक को थप्पड़ मारते, उसके साथ गाली-गलौज करते नजर आ रहे हैं. इस क्रम में वह उससे पाकिस्तानी झंडे के बारे में पूछते हुए पुलिस को बुलाने की बात भी कर रहे हैं.

    सोशल मीडिया पर भी इस घटना के वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स ने उनके पास पाकिस्तानी झंडा पाए जाने का ही दावा किया. एक्स पर दक्षिणपंथी यूजर अजय चौहान ने इसके साथ लिखा, 'बागपत के थाना सिंघावली छेत्र के अमीनगर सराय में पाकिस्तान का झंडा लहरा रहे व्यक्तियों को स्थानीय लोगो ने पकड़ा एवं पुलिस के हवाले कर दिया.' (वीडियो में अपशब्दों का इस्तेमाल है, कृपया अपने विवेक से देखें)


    पोस्ट का आर्काइव लिंक.

    फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी तरह के दावों से वायरल है.


    पोस्ट का आर्काइव लिंक.

    फैक्ट चेक: युवकों के पास धार्मिक झंडा था

    वायरल पोस्ट के साथ-साथ हमें कई ऐसे फेसबुक भी पोस्ट मिले, जिसमें यूजर्स ने पुलिस के हवाले से वायरल दावे का खंडन करते हुए झंडे को ईद मिलाद-उन-नबी से संबंधित झंडा बताया था.

    आगे हमने बागपत में हुई इस घटना से संबंधित कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया, इसके जरिये हमें अमर उजाला की 17 सितंबर की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया कि मेरठ-बागपत नेशनल हाईवे पर कुछ लोगों ने मुस्लिम समुदाय के दो युवकों को पाकिस्तानी झंडा लहराने के शक में पकड़कर पिटा और उसके बाद पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने जांच की तो झंडे पाकिस्तानी नहीं, धार्मिक निकले.

    रिपोर्ट के मुताबिक, गौसपुर निवासी अरबाज और आमिर 16 सितंबर को मेरठ-बागपत नेशनल हाईवे पर हरे रंग के झंडे को लहराते और नारे लगाते हुए सराय मोड़ से गुजर रहे थे. हिंदू संगठन के कार्यकर्त्ताओं ने पाकिस्तानी झंडा लहराए जाने के शक में उनका पीछा किया और सिंघावली अहीर पुलिया के पास पकड़कर उनके साथ मारपीट की.

    आस-पास के दुकानदारों ने युवकों को बचाकर पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए धर्मगुरुओं को बुलाकर जांच कराई तो झंडा धार्मिक निकला. इसके बाद युवकों को छोड़ दिया गया.

    घटना का वीडियो वायरल होने के बाद बागपत पुलिस ने अपने एक्स पर इस संदर्भ में खंडन भी जारी किया. उनके पोस्ट में वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट भी मौजूद है.

    इस खंडन में बताया गया कि 16 सितंबर को गौसपुर से मेरठ जा रहे युवकों के पास एक हरे रंग का कपड़ा था. स्थानीय लोगों ने उसे पाकिस्तानी झंडा बताते हुए उसका विरोध किया. सिंघावली पुलिस ने इसकी जांच की तो झंडा पाकिस्तान का नहीं बल्कि ईद-ए-मिलाद-नबी त्योहार से संबंधित पाया गया.

    साथ ही खंडन में पुलिस ने इसे भ्रामक खबर बताते हुए इसे फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी बात की.

    इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी के लिए हमने सिंघावली अहीर के थाना प्रभारी से भी संपर्क किया. उन्होंने बूम से की गई बातचीत में सभी सांप्रदायिक दावों का खंडन करते हुए इसकी पुष्टि की कि "झंडे पाकिस्तानी नहीं बल्कि मिलाद-उन-नबी से संबधित थे. जांच के बाद युवकों छोड़ दिया गया."

    मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने बताया कि "युवकों या उनके परिवार वालों की तरफ से कोई तहरीर नहीं आई. शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी."

    आपको बताते चलें बीते 16 सितंबर को ईद मिलाद-उन-नबी (ईद-ए-मिलाद) का त्यौहार था, जो मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक है. ऐसी मान्यता है कि इस महीने इस्लाम के आखरी पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म हुआ था. मुस्लिम समुदाय, पैगंबर मोहम्मद के जन्म के इस अवसर पर प्राथनाएं करते हैं और जगह-जगह जुलूस भी निकालते हैं.

    Tags

    Pakistan FlagCommunal ClaimFact Check
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    Claim :   बागपत में युवकों के पास मिला पाकिस्तानी झंडा, लोगों ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले किया.
    Claimed By :  Social Media Posts
    Fact Check :  False
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