ट्रैफिक पुलिस पर हमले का पुराना वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो 2015 का है, जब कुछ लोगों ने दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में ट्रिपल सीट को लेकर चालान काटने पर दो पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी गई थी.
दिल्ली पुलिस नमाज विवाद के बीच सोशल मीडिया पर ट्रैफिक पुलिस की पिटाई का एक वीडियो हालिया बताते हुए सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. यह घटना 2015 में दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में हुई थी, जब यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने की वजह से एक समूह ने ट्रैफिक पुलिस की पिटाई कर दी थी.
गौरतलब है कि 8 मार्च को दिल्ली पुलिस द्वारा सड़क पर नमाज अदा करते लोगों को लात मारने का एक वीडियो सामने आया. सोशल मीडिया पर यह खूब वायरल हुआ. पता चला कि यह दिल्ली के इंद्रलोक इलाके की घटना है, जहां सड़क पर नमाज पढ़ रहे लोगों को हटाने के लिए पुलिस अधिकारी मनोज तोमर ने लोगों को लात मारना शुरू कर दिया. इसके बाद मनोज तोमर को सस्पेंड कर दिया गया. तब से सोशल मीडिया पर इसके पक्ष-विपक्ष दोनों में इससे संबंधित तरह-तरह की भ्रामक और गलत वीडियोज तथा तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. इस क्रम में लगभग 9 साल पुराना यह वीडियो भी वायरल है.
लगभग एक मिनट के इस वीडियो में मुस्लिम वेशभूषा वाले कुछ लोग दो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को पीटते और उनके साथ गाली-गलौज करते नजर आ रहे हैं.
फेसबुक पर एक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'बिना हेलमेट केवल जालीदार टोपी का चालान काटने पर कट्टरपंथी ने पुलिस की पिटाई कर दी, जो कानून के लिए चुनौती है. इससे पता चलता है कि भारत और आगे क्या होता है. कड़वी सच्चाई यह है कि देश को अंदर से ज्यादा खतरा है...'
वीडियो में मारपीट और गालियों का इस्तेमाल किया गया है, कृपया अपने विवेक से देखें.
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म एक्स पर भी वीडियो को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर @ajaychauhan41 ने लिखा, 'बिना हेलमेट केवल जालीदार टोपी का चालान काटने पर कट्टरपंथी ने पुलिस की पिटाई कर दी. जो कानून के लिए चुनौती है. इससे पता चलता है कि भारत और आगे क्या होता है. कड़वी सच्चाई यह है कि देश को अंदर से ज्यादा खतरा है.'
बूम ने पहले भी @ajaychauhan41 (हम लोग We The People) नाम के इस एक्स हैंडल द्वारा फैलाए गए कई गलत दावों का फैक्ट चेक किया है. रिपोर्ट यहां, यहां, और यहां पढ़ी जा सकती है.
हमने पाया कि यह वीडियो इससे पहले भी ऐसे ही सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल था. बूम ने 2020 में भी इसका फैक्ट चेक किया था. रिपोर्ट यहां पढ़ें.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने दावे और वीडियो से संबंधित कीवर्ड, 'चालान काटने पर लोगों ने की पुलिसकर्मी की पिटाई' सर्च किया. इसके जरिए हमें जुलाई 2015 की आजतक की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो से मिलता-जुलता फुटेज देखा जा सकता है.
आगे और सर्च करने पर हमें 14 जुलाई 2015 के एनडीटीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इससे संबंधित रिपोर्टिंग का एक वीडियो मिला. इसके मुताबिक, पूर्वोत्तर दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में भीड़ ने ट्रैफिक पुलिस के दो पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी, क्योंकि उन्होंने ट्रिपलिंग करने और हेलमेट न पहनने के आरोप में तीन युवकों का चालान काटा और उन पर जुर्माना लगाया. इसी को लेकर उनके बीच थोड़ी झड़प हो गई, बाद में तीनों ने भीड़ के साथ मिलकर दोनों पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उनमें से दो सवारों को गिरफ्तार कर लिया गया, तीसरा नाबालिग था.
नीचे वायरल वीडियो और एनडीटीवी की रिपोर्ट में इस्तेमाल वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है.
इन तथ्यों से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो हाल का नहीं बल्कि 2015 का है, जब दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में भीड़ ने यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर हुई झड़प में दो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था.