सहारनपुर में महिला द्वारा एक शख्स की पिटाई का पुराना वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम ने पाया कि वीडियो साल 2021 का है. सहारनपुर पुलिस ने इसकी पुष्टि की कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था. दोनों पक्ष एक ही समुदाय से आते हैं.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो है, जिसमें एक महिला एक शख्स के साथ मारपीट और गालीगलौज करती नजर आ रही है. यूजर्स इसको सांप्रदायिक रंग देते हुए दावा कर रहे हैं कि सहारनपुर के छुटमलपुर में महिला ने छेड़छाड़ करने पर इस मुस्लिम शख्स की पिटाई कर दी.
बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. यह वीडियो साल 2021 का है, जिसमें महिला और पुरुष दोनों ही मुस्लिम समुदाय से आते हैं. घटना के बाद महिला ने थाने में यह भी बताया था कि मामला छेड़छाड़ का नहीं बल्कि पैसों की लेन-देन से संबंधित था.
लगभग डेढ़ मिनट के इस वायरल वीडियो में एक महिला एक बाइक सवार युवक पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए उसके साथ मारपीट करती देखी जा सकती है. साथ ही युवक का परिचय देते हुए घटना का वीडियो बनाने को भी कहती है.
एक्स पर इसे शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'इस बहन ने तो दिल जीत लिया. एक आतंकवादी मुस्लिम लड़का इस बहन को गलत तरीके से इशारा कर रहा था और बोल रहा था. पैसे लोगी चलो मेरे साथ.. फिर किस तरह उसने उस जिहादी का स्वागत किया आप खुद वीडियो में देख लो. लोकेशन- छुटमलपुर, उत्तर प्रदेश.' (वीडियो में अपशब्दों का इस्तेमाल है कृपया अपने विवेक से देखें)
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फेसबुक पर भी यह पुराना वीडियो इसी गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल है.
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फैक्ट चेक: वायरल वीडियो पुराना है
फेसबुक पर संबंधित कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें साल 2021 का पोस्ट किया गया यही वीडियो मिला, इसके साथ भी छेड़छाड़ के बाद हुई पिटाई का ही दावा किया गया था. हालांकि इससे स्पष्ट था कि वायरल वीडियो हाल का नहीं है.
वीडियो के साथ किया जा रहा सांप्रदायिक दावा गलत है
एक्स के वायरल पोस्ट पर सहारनपुर पुलिस ने रिप्लाई करते हुए बताया कि मामला करीब तीन साल पुराना है और दोनों पक्ष एक ही समुदाय के हैं. साथ ही फतेहपुर पुलिस इस संदर्भ में विधिक कार्रवाई कर चुकी है.
हमने सहारनपुर पुलिस के एक्स हैंडल की पड़ताल की. इस दौरान हमें 24 जुलाई 2021 का पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला, जिसे सहारनपुर पुलिस ने हाल के दिनों में दोबारा शेयर किया था.
सहारनपुर पुलिस द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो में वायरल वीडियो वाली महिला देखी जा सकती है. इसमें वह वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए बताती है कि मामला पैसों की लेने-देन से संबंधित था. इसमें महिला अपना और अपने पति का नाम भी बताती है, जिससे स्पष्ट होता है कि दोनों मुस्लिम समुदाय से आते हैं. इससे साफ है कि वीडियो के साथ किया जा रहा सांप्रदायिक दावा गलत है.