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फैक्ट चेक

सेना द्वारा पत्थरबाज़ों पर गोली चलाने पर भी नहीं होगा ऍफ़.आई.आर?

सुप्रीम कोर्ट के हवाले से दावा किया गया है कि सेना पर पत्थर चलाने वालों को सीधा गोली मारने पर भी कोई FIR नही होगी.

By - Saket Tiwari |
Published -  22 Feb 2021 6:50 PM IST
  • सेना द्वारा पत्थरबाज़ों पर गोली चलाने पर भी नहीं होगा ऍफ़.आई.आर?

    सुप्रीम कोर्ट के हवाले से वायरल एक फ़र्ज़ी दावे में कहा जा रहा है कि अब सेना पर पत्थरबाज़ी करने वालों को सीधा गोली मारने पर भी कोई एफ़.आई.आर नहीं होगी. यह दावा फ़र्ज़ी है.

    बूम ने पाया कि वायरल दावा तीन साल पुराने जम्मू कश्मीर के एक मामले के सन्दर्भ में है. तीन साल पहले 27 जनवरी 2018 को भारतीय सेना की गढ़वाल यूनिट को पत्थरबाजों ने शोपियां ज़िले के गानोवपोरा में निशाना बनाया था. झड़प हिंसक हो गयी थी. आर्मी की गोलीबारी में भीड़ में कई लोग मारे गए थे जिसके बाद जम्मू और कश्मीर पुलिस ने आर्मी जवानों के ख़िलाफ मामला दर्ज किया था.

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    यह दावा इसी मामले के सन्दर्भ में अब वायरल है. पोस्ट में लिखा है: "सेना पर पत्थर चलाने वालों को सीधा गोली मारने पर भी कोई FIR नही होगी - सुप्रीम कोर्ट"

    पोस्ट नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्ज़न यहां और यहां देखें.


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    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने सुप्रीम कोर्ट के ऐसे किसी फ़ैसले को ढूंढने के लिए कीवर्ड्स खोज की पर हमें कहीं कोई रिपोर्ट नहीं मिली जो पत्थरबाज़ों को गोली मार देने पर भी एफ़.आई.आर पर रोक लगाती हो.

    हालांकि हमें जम्मू कश्मीर के शोपियन ज़िले में हुए एक मामले पर रिपोर्ट मिली. द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक़, तीन साल पहले 27 जनवरी 2018 को आर्मी की गढ़वाल यूनिट को निशाना बनाते हुए कुछ लोगों की भीड़ ने शोपियां ज़िले के गानोवपोरा में उनके काफ़िले पर पत्थरबाज़ी की. सेना की गोलीबारी में दो आम नागरिक की मौत हुई और 9 लोग घायल हुए. जम्मू कश्मीर पुलिस ने आर्मी जवानों के ख़िलाफ मामला दर्ज किया था.

    यह मामला रणबीर पीनल कोड के सेक्शन 302 और 307 के तहत दर्ज हुआ था, रिपोर्ट के मुताबिक़, "इस एफ़.आई.आर में आर्मी की गढ़वाल यूनिट के मेजर सहित 10 जवानों के नाम थे."

    यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था और सुप्रीम कोर्ट ने मेजर आदित्य कुमार के ख़िलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 5 मार्च 2018 को जम्मू कश्मीर पुलिस को मेजर आदित्य कुमार के ख़िलाफ कार्यवाही करने से 24 अप्रैल - अगली सुनवाई - तक रोका था.

    बाद में यह रोक आगे बढ़ाई गयी थी. हालांकि वायरल दावों में कहा गया है कि मामला दर्ज नहीं हो सकेगा, ऐसा कोई कानून या फ़ैसला सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर नहीं है. यदि यह फ़ैसला होता या सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर कोई सुनवाई होती तो कई लेख और रिपोर्ट्स प्रकाशित की गयी होती.

    सुप्रीम कोर्ट के लोगो पर 'सत्यमेव जयते' कभी नहीं लिखा गया था

    Tags

    Supreme Court newsSupreme CourtFAKE NEWSFact CheckJammu and KashmirPolice EncounterIndian Army
    Read Full Article
    Claim :   सेना पर पत्थर चलाने वालों को सीधा गोली मारने पर भी कोई FIR नही होगी - सुप्रीम कोर्ट
    Claimed By :  Facebook posts
    Fact Check :  False
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