क्या इस वीडियो में नितिन गडकरी नरेंद्र मोदी की आलोचना कर रहे हैं?
यह वीडियो 2011 का है जब गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की थी.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का 2011 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना दर्शाता एक वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है. दावा है कि वे नरेंद्र मोदी की प्रदर्शनकारियों को 'आन्दोलनजीवी' कहने के लिए आलोचना कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आन्दोलनजीवी' शब्द 10 फ़रवरी 2021 को लोकसभा में अपने भाषण के दौरान व्यंग्यात्मक रूप से उस व्यक्ति को परिभाषित करने के लिए किया जो आंदोलन पर जीता है.
उन्होंने भाषण में किसान आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आंदोलनकारी और आन्दोलनजीवी में फ़र्क करना ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि आन्दोलनजीवी अपने मतलब के लिए आंदोलन में हैं.
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वायरल वीडियो में गडकरी कहते हुए सुने जा सकते है कि "प्रधानमंत्री जो बात कर रहे हैं वो लोकतंत्र के विरोध में है. इस देश में भ्रष्ट नेताओं के ख़िलाफ़, भ्रष्ट सरकारों के ख़िलाफ़ आंदोलन करना लोकतंत्र में संवैधानिक अधिकार है, जनता का अधिकार है..."
यह वीडियो इस दावे के साथ वायरल है कि गडकरी ने प्रधानमंत्री की 'आन्दोलनजीवी' टिप्पणी की आलोचना की है.
कांग्रेस के नेता सुभाष कुमार सजोतिया ने इस वीडियो को शेयर कर लिखा, "केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने रवि शंकर प्रसाद की उपस्थिति में प्रंधानमंत्री के #आंदोलनजीवी शब्द पर प्रधानमंत्री की खुले आम आलोचना एवं भर्त्सना की! #आंदोलनजीवी."
इंडियन युथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव श्रीनिवास बी वी ने इस वीडियो को शेयर किया है.
बूम को यही वीडियो हेल्पलाइन पर भी प्राप्त हुआ है जहाँ यूज़र इसकी सच्चाई के बारे में पता लगाना चाहता है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वीडियो 15 अगस्त 2011 का है. नितिन गडकरी उस वक़्त के भाजपा प्रेजिडेंट थे जब उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की थी. उस वक़्त मनमोहन सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अन्ना हज़ारे द्वारा शुरू आंदोलन के दौरान भूख हड़ताल पर टिपण्णी की थी. अन्ना हज़ारे भूख हड़ताल अगले दिन शुरू करने वाले थे.
कीवर्ड्स खोज करने पर हमें यही वीडियो बीजेपी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 16 अगस्त 2011 को अपलोड हुआ मिला.
इसका शीर्षक था: "BJP Byte: Anna Hazare & Prime Minister"
स्वतंत्रता दिवस के भाषण में मनमोहन सिंह ने कहा था कि यहाँ कोई जादू की छड़ी नहीं है और मसले को सुलझाने के लिए भूख हड़ताल को एक निंदनीय तरीका बताया था. यह अन्ना हज़ारे की भूख हड़ताल के सन्दर्भ में था जो 16 अगस्त 2011 को शुरू होने वाली थी, पीटीआई की 15 अगस्त 2011 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़.
वायरल वीडियो में गडकरी की टिपण्णी भी पीटीआई की रिपोर्ट में है.