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फैक्ट चेक

न्यूयॉर्क में अरबी को आधिकारिक भाषा बनाने की मांग? AI जनित वीडियो वायरल

बूम ने जांच में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो असली नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है.

By -  Jagriti Trisha
Published -  14 Nov 2025 4:26 PM IST
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    AI-generated fake protest video claiming demand for Arabic as New York’s official language.

    भारतीय मूल के जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुन लिए गए हैं. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक प्रदर्शन का वीडियो वायरल हो रहा है जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि जोहरान की जीत के बाद मुस्लिम समुदाय सड़कों पर उतरकर अरबी को न्यूयॉर्क की आधिकारिक भाषा बनाने की मांग कर रहा है.

    बूम ने पाया कि वायरल वीडियो असली नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की मदद से तैयार किया गया है. ऑडियो एआई डिटेक्शन टूल ने भी इसकी आवाज के एआई जनित होने की संभावना जताई है.

    सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?

    सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस प्रदर्शन के वीडियो में कुछ लोग हाथों में होर्डिंग्स लिए खड़े हैं, जिसपर नारे लिखे हुए हैं. वीडियो में माइक पकड़े एक व्यक्ति अंग्रेजी में कहता है, "..हमें अंग्रेजी की जरूरत नहीं है. यह अप्रवासियों का शहर है, मिडिल ईस्ट के अप्रवासियों का. हम अरबी को न्यूयॉर्क की आधिकारिक भाषा बनाएंगे."

    एक्स और फेसबुक जैसे माध्यमों पर यूजर्स इस वीडियो को असली मनाकर शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि जोहरान ममदानी के मेयर बनने के बाद मुस्लिम अरबी को न्यूयॉर्क की आधिकारिक भाषा बनाने की मांग कर रहे हैं. (आर्काइव लिंक)

    यूजर्स इसके साथ लिख रहे हैं, "न्यूयॉर्क में मुस्लिम मेयर बनते ही हौसले बुलंद हो गए और कहने लग गए हैं कि न्यूयार्क ने अब अंग्रेजी नहीं अरबी चलेगी. न्यूयॉर्क अब हम घुसपैठिए शरणार्थियों का हो गया है. हमें अंग्रेजी नहीं चाहिए. यहां अरबी बोली जाएगी." (आर्काइव लिंक)

    पड़ताल में क्या मिला:

    वीडियो में मौजूद हैं विसंगतियां

    पड़ताल में हमें न्यूयॉर्क में अरबी को आधिकारिक भाषा बनाने की मांग वाली किसी प्रदर्शन से जुड़ी कोई विश्सनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. इससे हमें अंदेशा हुआ कि वायरल दावा गलत है.

    वीडियो को गौर से देखने पर हमें इसमें कुछ विसंगतियां नजर आईं जो अमूमन एआई जनित कंटेंट में पाई जाती हैं. जैसे वीडियो में पीछे की तरफ होर्डिंग्स पकड़े हुए हाथ कुछ अटपटे हैं. इसके अलावा इसमें दिख रहा झंडा फिलिस्तीन के वास्तविक झंडे से अलग है.

    एआई डिटेक्शन टूल्स ने की पुष्टि

    पुष्टि के लिए हमने वीडियो को एआई डिटेक्शन टूल Hivemoderation पर चेक किया. Hivemoderation ने वीडियो में AI जनरेटेड या डीपफेक कंटेंट मौजूद होने की संभावना 99.9 प्रतिशत जताई.



    हमने वीडियो की आवाज की जांच के लिए इसे डीपफेक वॉयस डिटेक्टर टूल 'हिया' पर चेक किया. इस टूल ने आवाज को 19/100 का ऑथेंटिसिटी स्कोर दिया, जो इसके डीपफेक होने की संभावना को दिखाता है.



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    Tags

    New YorkArtificial Intelligence
    Read Full Article
    Claim :   वीडियो में देखा जा सकता है कि न्यूयॉर्क में जोहरान ममदानी के मेयर बनते ही शरणार्थी धमका रहे हैं कि अब न्यूयॉर्क मिडिल ईस्ट का है. यहां अंग्रेजी नहीं अरबी बोली जाएगी.
    Claimed By :  Social Media Posts
    Fact Check :  False
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