क्या NIA ने मुस्लिम आतंकियों की सूचना देने के लिए ज़ारी किया है नंबर? फ़ैक्ट चेक
वायरल मैसेज का दावा है कि 'सर तन से जुदा' का नारा लगाते दिखाई देने वाले आतंकी मुस्लिमों के बारे में जानकारी देने के लिए NIA ने हॉटलाइन नंबर ज़ारी किया है.
इन दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जोड़कर एक मैसेज काफ़ी शेयर किया जा रहा है. इस वायरल मैसेज का दावा है कि सोशल मीडिया पर 'सर तन से जुदा' का नारा लगाते दिखाई देने वाले आतंकी मुस्लिमों के बारे में जानकारी देने के लिए NIA ने हॉटलाइन नंबर ज़ारी किया है.
वायरल मैसेज में लिखा है, "NIA ने जारी किया नंबर आपकी जानकारी के अनुसार आतंकी मुसलमानों की रिपोर्ट करने के लिए एक विशेष नंबर, जो मुसलमान सर तन से जुदा का नारा लगाता दिखाई दे जाए फेसबुक कमेंट में या ट्विटर पर कहीं भी, सीधा उसका स्क्रीनशॉट लें, लिंक कॉपी करें और इस नंबर पर कॉल करें."
वायरल मैसेज में कई नंबर और एक ईमेल आईडी भी है, जिनमें मोबाइल नंबर, फैक्स, लैंडलाइन, और व्हाट्सएप नंबर शामिल हैं.
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यह मैसेज फ़ेसबुक पर भी काफ़ी वायरल है.
वायरल पोस्ट को यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.
बूम को यह पोस्ट अपने टिपलाइन पर भी मिली है
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल मैसेज की पड़ताल के लिए सबसे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की वेबसाइट पर मौजूद कांटेक्ट लिस्ट से उन नंबरों को मिलाना शुरू किया, जिनका उल्लेख वायरल मैसेज में किया गया है.
हमने पाया कि मैसेज में मौजूद कॉन्टेक्ट्स एनआईए के दिल्ली मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम के हैं.
इसके बाद हमने इससे जुड़ी ख़बरों को खोजना शुरू किया. आमतौर पर जब जांच एजेंसीज़ सार्वजनिक रूप से ऐसी सूचना के लिए लोगों से अपील करती हैं तो यह ख़बर ज़रूर बनती है. लेकिन इस मैसेज के दावे की पुष्टि करती कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली.
हालांकि, पिछले साल सितंबर में एनआईए ने आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े कई मामलों की जांच के दौरान सोशल मीडिया पर ISIS की विचारधारा का प्रचार करने वाले या युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए उकसाने वाले लोगों की शिकायत दर्ज करने के लिए हॉटलाइन नंबर 011-24368800 ज़ारी किया था.
तब, ट्विटर पर न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने इसकी जानकारी शेयर की थी.
जांच के दौरान हमने एनआईए के ट्विटर अकाउंट को भी खंगाला तो हमें हाल के दिनों में ऐसे कोई ट्वीट नहीं मिले, जो वायरल हो रहे दावे से मेल खाते हों.
हमने अपनी जांच को और पुख्ता करने के लिए एनआईए की पीआरओ विजयंता आर्या से भी संपर्क किया तो उन्होंने हमें एनआईए की तरफ़ से 7 जुलाई 2022 को ज़ारी किया गया प्रेस रिलीज़ भेजा, जिसमें उन्होंने वायरल हो रहे मैसेज का खंडन किया है.
एनआईए की ओर से प्राप्त मैसेज में कहा गया है कि हमें यह पता चला है कि कथित रूप से जारी किए गए कुछ भ्रामक संदेश विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किए जा रहे हैं. सभी को यह सूचित किया जाता है कि एनआईए ने ऐसा कोई मैसेज जारी नहीं किया है. इस तरह के मैसेज पूरी तरह से फ़ेक और दुर्भावना से ग्रसित हैं एवं जनता को गुमराह करने के लिए एक शरारत का हिस्सा है.
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