यूपी में महिला कॉन्स्टेबल के साथ बदसलूकी का वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल
मुरादाबाद एसपी सिटी ने बूम से इसकी पुष्टि की कि पीड़ित कॉन्स्टेबल हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय से आती हैं.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में महिला कॉन्स्टेबल के साथ बदसलूकी और मारपीट का सीसीटीवी फुटेज गलत सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है. सोशल मीडिया यूजर दावा कर रहे हैं कि एक मुस्लिम शख्स ने एक महिला कॉन्स्टेबल के साथ इसलिए मारपीट की क्योंकि वह हिंदू थी.
बूम ने पाया कि घटना में कोई सांप्रदायिक पहलू नहीं था. 30 नवंबर को मुरादाबाद में हुई इस घटना में पीड़िता और आरोपी दोनों ही मुस्लिम हैं. फिलहाल दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
वायरल फुटेज में देखा जा सकता है कि पहले एक बाइक सवार एक महिला को रोककर कुछ कहता है. फिर अचानक उसे बेरहमी से पीटना शुरू कर देता है. इसके बाद वहां भीड़ इकठ्ठा हो जाती है. लगभग ढाई मिनट के इस वीडियो के अंत में कुछ और लोग भी उस महिला के साथ बदसलूकी करते नजर आ रहे हैं.
एक्स पर दक्षिणपंथी यूजर जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महिला कॉन्स्टेबल मुरादाबाद में सड़क पर जा रही थी. तभी इरफान नामक एक मुस्लिम व्यक्ति कुछ पूछने के बहाने उसे रोकता है और जब उसे पता चलता है कि यह हिंदू कॉन्स्टेबल है तब उस पर जानलेवा हमला कर देता है.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
बूम पहले भी जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा शेयर की गई कई गलत सूचनाओं का फैक्ट चेक कर चुका है. रिपोर्ट यहां, यहां और यहां पढ़ें.
एक्स पर एक अन्य वेरीफाइड यूजर विक्की हिंदू ने भी वीडियो के साथ इसी तरह का सांप्रदायिक दावा करते हुए महिला कॉन्स्टेबल की पहचान एक हिंदू के रूप में की.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक: सांप्रदायिक दावा गलत है
हमने घटना से संबंधित न्यूज रिपोर्ट की तलाश की. आजतक की रिपोर्ट में पीड़िता के हवाले से बताया गया कि घटना 30 नवंबर 2024 की है. अमरीन नाम की महिला सिपाही सिविल लाइन के एक मोहल्ले से होते हुए अपने मकान मालिक के यहां जा रही थी. तभी आरोपी इरफान और सालिम ने उसे आवाज लगाई. उसके पीछे आकर उससे बाइक स्टार्ट करने को कहने लगे. जब अमरीन ने मना किया तो उन्होंने उसके साथ गाली-गलौज और बदसलूकी की. साथ ही मारपीट भी की.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जब उन्हें पता चला कि अमरीन एक कॉन्स्टेबल है तो वे वहां से भाग गए. अमरीन ने मिलक निवासी इरफान और सालिम समेत छह अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है.
यूपी तक, पत्रिका न्यूज, टीवी 9 भारतवर्ष समेत कई न्यूज आउटलेट में भी पीड़ित कॉन्स्टेबल का नाम अमरीन बताया गया. इन मीडिया रिपोर्ट में कहीं भी सांप्रदायिक पहलू का जिक्र नहीं किया गया था.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी इस वीडियो को शेयर किया और उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. वीडियो के वायरल होने के बाद मुरादाबाद पुलिस ने इसको संज्ञान में लिया. एक दिसंबर को वायरल पोस्ट पर कमेंट करते हुए पुलिस ने बताया कि सिविल लाइन थाने में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
एक दिसंबर को पुलिस ने घटना के संदर्भ में एसपी सिटी का एक बयान भी साझा किया. इस बयान में उन्होंने घटना का विवरण देते हुए मुकदमा दर्ज करने और एक्शन लेने की बात की.
पुलिस ने 3 दिसंबर को इस संदर्भ में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की. इसमें बताया गया कि 30 नवंबर को महिला आरक्षी के साथ मारपीट व बदसलूकी करने वाले दो आरोपियों मोहम्मद नईम और सालिम को गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि इसमें महिला कॉन्स्टेबल की पहचान उजागर नहीं की गई थी.
महिला कॉन्स्टेबल हिंदू नहीं है: एसपी सिटी
सांप्रदायिक दावों की पड़ताल के लिए हमने एसपी सिटी रणविजय सिंह से संपर्क किया. उन्होंने सभी सांप्रदायिक दावों का खंडन करते हुए बूम को बताया, "वायरल दावा गलत है. पीड़िता का नाम अमरीन है. वह हमारे यहां कॉन्स्टेबल है. आरोपी और पीड़िता दोनों ही मुस्लिम समुदाय से आते हैं."