नहीं, यह तस्वीर मणिपुर यौन उत्पीड़न वीडियो के आरोपियों के समर्थन में रैली नहीं दिखाती
बूम ने पाया कि यह तस्वीर 29 जुलाई को मणिपुर की राजधानी इंफाल में आयोजित नार्को-आतंकवाद के ख़िलाफ़ एक विरोध रैली की है.
मणिपुर में एक विरोध-प्रदर्शन की तस्वीर सोशल मीडिया पर ग़लत दावे के साथ वायरल हो रही है. इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि बहुसंख्यक मैतेई समूह उन आरोपियों की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे हैं जिन्होंने कुकी महिलाओं की नग्नावस्था में सार्वजनिक रूप से परेड और उनके साथ यौन उत्पीड़न किया था.
हालांकि, बूम की जांच में सामने आया कि तस्वीर के साथ किया गया दावा ग़लत है. असल में, यह तस्वीर 29 जुलाई को मणिपुर की राजधानी इंफाल में आयोजित नार्को-आतंकवाद के ख़िलाफ़ एक विरोध रैली की है.
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच दो महीने से अधिक समय से हिंसा चल रही है, जिसमें 140 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. हाल ही में एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया था जिसमें बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की भीड़ दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाती हुई दिखी थी; उनमें से एक के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था. घटना 4 मई को कांगपोकपी ज़िले में हुई. इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 28 जुलाई को आधिकारिक तौर पर वीडियो से संबंधित जांच की कमान संभाल ली है,
प्रोफ़ेसर अशोक स्वैन ने तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन दिया, "कुकी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से परेड करने और यौन उत्पीड़न करने वालों की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ बहुसंख्यक मैतेई समूह द्वारा मणिपुर में विरोध रैली. मोदी ने मणिपुर को एक और गुजरात बना दिया है!"
हालांकि, उन्होंने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया है.
आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
इसी तस्वीर को फ़ेसबुक पर शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, “कुकी महिलाओं की सार्वजनिक रूप से परेड कराने और उनका यौन उत्पीड़न करने वालों की गिरफ्तारी के खिलाफ बहुसंख्यक मैतेई समूह द्वारा मणिपुर में विरोध रैली. अब आप समझ ही रहे होंगे देश में बलात्कारियों के समर्थन में कौन सी पार्टी के गुंडे रैली निकालते हैं.”
पोस्ट यहां देखें.
इसी तस्वीर को सियासत डेली ने भी ग़लत दावे के साथ प्रकाशित किया.
आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
'स्टार' सिंबल वाला 500 रुपये का नोट नकली नहीं; वायरल मैसेज भ्रामक है
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च पर चलाया तो हमें 29 जुलाई, 2023 को इम्फाल टाइम्स पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रैली का आयोजन मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (COCOMI) द्वारा चिन कुकी नार्को-आतंकवादी के ख़िलाफ़ अपने रुख को स्पष्ट करने के लिए किया गया था. रैली थांगमेइबैंड के टीएचएयू मैदान से शुरू हुई और थंबुथोंग की ओर बढ़ी जहां एक सार्वजनिक बैठक आयोजित की गई.
हमने उस तस्वीर को भी ध्यान से देखा जहां प्रदर्शनकारियों को “Mass Rally Against Chin-Kuki Narco-Terrorism” (चिन-कुकी नार्को-आतंकवाद के ख़िलाफ़ सामूहिक रैली) का उल्लेख करते हुए एक बैनर पकड़े देखा जा सकता है.
नॉर्थईस्ट लाइव ने 29 जुलाई, 2023 को रैली के बारे में रिपोर्ट करते हुए बताया, "आज मणिपुर की राजधानी इम्फाल की सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े और मांग की कि सरकार नार्को-आतंकवाद पर रोक लगाए और साथ ही 'अलग प्रशासन' की मांग का भी विरोध किया. आंदोलनकारी अपनी मांगों के समर्थन में थांगमीबंद के थाउ मैदान से हप्ता कांगजीबुंग तक आगे बढ़े.”
वहीं, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस विरोध-प्रदर्शन में क़रीब एक लाख लोग शामिल हुए. इस दौरान मणिपुर में वर्तमान संघर्ष को समाप्त करने और विदेशी "चिन-कुकी नार्को-आतंकवादियों" के "निष्कासन" की मांग की गई. प्रदर्शनकारियों ने कुकियों की अलग प्रशासन की मांग को सिरे से ख़ारिज कर दिया और एनआरसी लागू करने पर जोर दिया.
इसके अलावा, हमें द संगाई एक्सप्रेस की 29 जुलाई की रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीर मिली, जिसमें बताया गया है कि प्रदर्शन में शामिल लोगों ने हजारों की संख्या में तख्तियां पकड़ी थीं जिन पर लिखा था, "बाहरी लोग मालिकाना हक का दावा नहीं कर सकते", "मणिपुर में कोई अलग प्रशासन नहीं", "आइए सभी शरणार्थियों और अप्रवासियों को निकाल फेंकें", "आइए नार्को-आतंकवाद को ख़त्म करें", "मणिपुर में तुरंत एनआरसी लागू करें", "मणिपुर ज़िंदाबाद", "मणिपुर से असम राइफल्स वापस लो"
मणिपुर स्थित समाचार चैनल TOM TV ने भी इस घटना को कवर किया और 29 जुलाई, 2023 को अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया.
भयावह वीडियो के आरोपियों की गिरफ़्तारी का विरोध
इम्फाल फ्री प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, थौबल ज़िले के अपुनबा क्लब और मीरा पैबिस ने 28 जुलाई को वायरल वीडियो मामले में कई आरोपियों की गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए एक विरोध रैली का आयोजन किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी राज्य में मेईतियों के समर्थन में तख्तियां लेकर थौबल उपायुक्त कार्यालय गए थे.
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बूम ने मणिपुर हिंसा से संबंधित फ़ेक न्यूज़ फैलाने वाले कई वायरल पोस्ट का फ़ैक्ट चेक किया है. हिंदी में पढ़ने के लिए यहां और अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.