यूपी विधानसभा चुनाव से जोड़कर मायावती का पुराना बयान हालिया बताकर वायरल
बूम ने पाया कि न्यूज़ ग्राफ़िक अक्टूबर 2020 का है, जब मायावती ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनावों से पहले यह बयान दिया था.
बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) का बयान दिखाता एक न्यूज़ चैनल के ग्राफ़िक का स्क्रीनशॉट फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से जोड़कर स्क्रीनशॉट इस दावे से वायरल है कि उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी को हराने के लिए भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करेगी.
बूम ने पाया कि वायरल दावा भ्रामक है. वायरल न्यूज़ ग्राफ़िक अक्टूबर 2020 का है, जो उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव से पहले का है. इसका आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है.
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से जोड़कर आजतक न्यूज़ का फ़र्ज़ी स्क्रीनशॉट वायरल
वायरल न्यूज़ ग्राफ़िक में लिखा है, "बीजेपी को सपोर्ट करना पड़ा तो करेंगे – मायावती"
फ़ेसबुक पर स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "बदनीयती की साक्षात प्रतिमा"
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बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल न्यूज़ ग्राफ़िक असल में ज़ी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड चैनल के फ़ेसबुक लाइव से है जोकि 29 अक्टूबर 2020 को प्रसारित हुआ था.
ज़ी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड चैनल के फ़ेसबुक लाइव वीडियो में ऊपरी पट्टी पर स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ देखा जा सकता है – "विधायकों की बग़ावत के बाद मायावती की प्रेस कांफ्रेंस"
वायरल न्यूज़ ग्राफ़िक का स्क्रीनशॉट फ़ेसबुक लाइव वीडियो से ठीक 14 मिनट की समयावधि से निकाला गया है.
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मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि राज्य सभा चुनाव के लिए बसपा विधायकों को ख़रीदने की कोशिश की गई. बसपा नेताओं के समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलों के बाद सपा को हराने के लिए उनकी पार्टी भाजपा सहित किसी भी अन्य विपक्षी दल को वोट देगी.
वीडियो के नीचे पट्टी में बसपा के बाग़ी विधायकों के नाम भी दिए गए हैं.
हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से सर्च किया तो आज तक पर 29 अक्टूबर 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया है कि राज्यसभा चुनाव में बसपा विधायकों ने अखिलेश यादव से मुलाक़ात कर बाग़ी रुख़ अपनाया था, जिससे मायावती ने आक्रामक तेवर अपना लिया है.
आगे बताया गया है कि मायावती ने प्रदेश में एमएलसी चुनाव में सपा को हराने के लिए भाजपा को समर्थन करने की बात कही है. 'एमएलसी चुनाव में सपा के उम्मीदवार को हराने के लिए पूरी ताक़त लगायेंगे. भाजपा को वोट देना पड़ेगा तो भी देंगे. हमारे 7 विधायकों को तोड़ा गया है"
30 अक्टूबर 2020 को "सपा को हराने के लिए भाजपा का भी देंगे साथ: मायावती" शीर्षक के साथ प्रकाशित दैनिक जागरण के न्यूज़ पोर्टल आईनेक्स्ट लाइव की रिपोर्ट में लिखा है कि बसपा प्रमुख मायावतीने राज्यसभा चुनाव का बदला विधानपरिषद चुनाव में सपा उम्मीदवारों को हराकर लेने की बात कही है. सपा को सबक सिखाने के लिए वह किसी भी हद तक जाएंगी.
राज्यसभा चुनाव में सपा द्वारा बसपा के विधायकों को तोड़ने से नाराज़ मायावती ने सपा को हराने के लिए भाजपा का समर्थन करने से गुरेज़ नहीं करने के बयान के बाद सियासी गलियारों में बसपा-भाजपा गठबंधन की चर्चा होने लगी थी.
हमें ANI का 29 अक्टूबर 2020 का ट्वीट भी मिला जिसमें मायावती को सपा के उम्मीदवार को हराने के लिए भाजपा या किसी भी अन्य दल को वोट देने की बात कहते सुना जा सकता है.
नवभारत टाइम्स की 2 नवम्बर 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, बसपा प्रमुख मायावती ने साफ़ कहा कि बसपा कभी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी.
रिपोर्ट में मायावती के हवाले से कहा गया है कि बसपा और भाजपा की विचारधारा एकदूसरे के विपरीत है. भविष्य में विधानसभा या लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ बसपा कभी भी गठबंधन नहीं करेगी.
बूम पहले भी मायावती के ऐसे ही बयान वाले अख़बार की क्लिपिंग का फ़ैक्ट चेक किया था जिसे आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया था.
शराब की दुकान के बाहर बैठे केजरीवाल और भगवंत मान की तस्वीर एडिटेड है