क्या मौलाना महमूद मदनी ने की MCD चुनाव में 'आप' को वोट न देने की अपील? फ़ैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि मौलाना महमूद मदनी एवं उनकी संस्था जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से ऐसा कोई अपील-पत्र जारी नहीं किया गया है.
सोशल मीडिया पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के नाम से एक पत्र काफ़ी वायरल है जिसपर उनकी तस्वीर भी लगी है. पत्र में आम आदमी पार्टी को मुसलमानों की दुश्मन पार्टी बताते हुए उसे वोट न देने की अपील की जा रही है. दरअसल 4 दिसंबर 2022 को दिल्ली में नगर निगम चुनाव की वोटिंग होनी है इसी सन्दर्भ में ये पत्र वायरल हो रहा है.
पत्र में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल को मुस्लिमों के लिए धोखेबाज़ बताते हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD) में वोट न देकर सबक सिखाने की बात की गयी है. पत्र को जारी करने की तारीख़ 30 नवंबर 2022 लिखी हुई है. लोग इसे सच मानते हुए शेयर कर रहे हैं
बूम ने अपनी जांच में पाया कि मौलान महमूद मदनी के नाम से वायरल पत्र फ़र्ज़ी है.
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बूम को हेल्पलाइन पर ये पत्र प्राप्त हुआ.
फ़ेसबुक पर पत्र शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा,'मौलाना महमूद मदनी का दिल्ली के मुसलमानो से खास अपील, अबकी बार केजरीवाल को उनकी औकात याद दिलाना है'.
फ़ेसबुक पर कई यूज़र्स ने इसे शेयर किया है जिसे यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
जमीयत उलमा-ए-हिंद के मीडिया इंचार्ज ने कहा- फ़र्ज़ी है वायरल पत्र
बूम ने सबसे पहले वायरल दावे से सम्बंधित कीवर्ड्स की मदद से इंटरनेट पर सर्च किया तो ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली जो इस दावे की पुष्टि करती हो. मौलाना महमूद मदनी से सम्बंधित सबसे हालिया ख़बर 2 नवम्बर 2022 की अमर उजाला की रिपोर्ट में मिली.
रिपोर्ट के अनुसार जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी को रॉयल इस्लामिक स्ट्रेटजिक स्टडीज सेंटर की प्रभावशाली मुस्लिमों की नयी सूची में भारत में पहला स्थान मिला है. साथ ही वैश्विक सूची में उनका नाम 15वें स्थान पर है. रॉयल इस्लामिक स्ट्रेटजिक स्टडीज सेंटर जॉर्डन का मशहूर शोध संगठन है और यह दुनिया की प्रभावशाली मुस्लिम शख्सियतों का सर्वे करता है. संगठन ने उन्हें पर्सन ऑफ़ द ईयर के अवार्ड से भी नवाज़ा.
पत्र को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने करने पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से 3 दिसंबर 2022 का एक ट्वीट मिला. पत्र को फ़र्ज़ी बताते हुए ट्वीट में कहा गया कि मौलाना महमूद मदनी या जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से ऐसी कोई अपील नहीं की गयी है.
बूम ने मौलाना महमूद मदनी के फ़ेसबुक प्रोफाइल को खंगाली तो 03 दिसंबर 2022 की पोस्ट में इस पत्र को फ़र्ज़ी बताया गया.
बूम ने मौलाना महमूद मदनी से संपर्क किया तो उनके मीडिया इंचार्ज अजीमुल्लाह ने बताया कि 'यह पत्र बिल्किल झूठा है, मौलाना महमूद मदनी अथवा जमीयत उलमा-ए-हिंद ने ऐसी कोई अपील नहीं की है.'
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