बंगाल चुनाव: ममता बनर्जी का चोटिल पैर और उससे जुड़ी फ़र्ज़ी खबर
सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि ममता बनर्जी दो दिन से पैर में प्लास्टर बांधे दर्द से कराह रही थीं और फिर अचानक से व्हीलचेयर से उठ कर चलने लगीं. सच क्या है?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की एक तस्वीर जिसमें वो व्हीलचेयर के सामने से चलते हुए दिखाई देती हैं, काफ़ी वायरल है. दावा किया जा रहा है कि ममता दो दिन से पैर में प्लास्टर बांधे दर्द से कराह रही थीं और व्हीलचेयर पर घूम रही थीं. अब शाम को व्हीलचेयर से उठ कर चलने लगीं.
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर को दो असंबंधित तस्वीरों को फ़ोटोशॉप की मदद से एडिट करके बनाया गया है और तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है.
वायरल तस्वीर में ममता बनर्जी व्हीलचेयर के सामने से चलते हुए दिखती हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अभिषेक बनर्जी और फ़िरहाद हकीम व्हीलचेयर के पीछे खड़े हैं.
पुरानी, असंबंधित तस्वीरें भैंसा हिंसा के दावों के साथ वायरल
गौरतलब है कि 10 मार्च को बंगाल के नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के वक़्त ममता बनर्जी ने अरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने उनके पैर पर कार का दरवाजा बंद कर दिया था और कुछ लोगों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की थी जिससे उनके पैर पर चोट आई थी. उन्होंने यह भी कहा था कि उस समय उनके साथ कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था. हालांकि, अगले दिन ममता ने इस घटना को 'हमला' नहीं बताया.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "ये दो दिन पहले पाँव में #प्लास्टर बांधे कराह रही थीं आज दिन भर व्हीलचेयर पर घूम रही थीं अब शाम को व्हीलचेयर से उठ कर चल पड़ी..#बंगाल में चमत्कार पर चमत्कार हो रहे हैं."
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
वायरल पोस्ट फ़ेसबुक के अलावा ट्विटर पर भी इसी दावे के साथ बड़े पैमाने पर शेयर किया गया है.
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
फ़ैक्ट चेक: अख़बार पढ़ते हुए राहुल गांधी की यह तस्वीर क्यों वायरल है
फ़ैक्ट चेक
ट्विटर हैंडल एथीस्ट कृष्णा ने सबसे पहले तस्वीर को एक व्यंग्यात्मक कैप्शन के साथ ट्वीट किया था, जिसमें लिखा, "अगर अच्छा फ़ोटोशॉपर होता तो दीदी आज ठीक होती." इस हैंडल को फ़ोटोशॉपिंग तस्वीरों के लिए जाना जाता है जो अंततः दक्षिणपंथी नेटिज़न्स के बीच वायरल हो जाते हैं, जो उन्हें सच मानते हैं.
बूम ने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो पाया कि यह तस्वीर दो असंबंधित तस्वीरों को फ़ोटोशॉप की मदद से एडिट करके बनाई गई है.
हमें अपनी जांच के दौरान 12 मार्च, 2021 की कई न्यूज़ रिपोर्ट मिली, जिसमें मूल तस्वीर दिखाई गई. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, यह तस्वीर उस समय ली गई जब ममता बनर्जी को 12 मार्च को एस.एस.के.एम अस्पताल से छुट्टी दी गई. हिंदुस्तान टाइम्स ने तस्वीर का श्रेय वायर एजेंसी ए.एन.आई को दिया है. यहाँ उसी समय का एक वीडियो है.
दूसरी तस्वीर, जिसमें ममता बनर्जी घूमती हुई देखी जा सकती हैं, मूल रूप से 2012 की है. यह 2012 में हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित हुई थी.
हमने अपनी जांच में पाया कि इन दोनों तस्वीरों को फ़ोटोशॉप की मदद से एडिट किया गया है. इन असंबंधित तस्वीरों को आपस में जोड़कर एक कहानी रची गई है. इसके अलावा ममता बनर्जी की साड़ी के रंग में भी तब्दीली की गई है जिससे तस्वीर वास्तविक लगे. नीचे असल तस्वीर और वायरल तस्वीर के बीच तुलना की गई है.
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