रेप केस में सजा निलंबित होने के बाद जेल से बाहर आते सेंगर की तस्वीर AI जनरेटेड है
बूम ने पाया कि उन्नाव रेप के दोषी और पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की वायरल तस्वीर वास्तविक नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर को उन्नाव रेप केस के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबित करते हुए उसे जमानत दे दी. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें कुछ लोग जेल के बाहर फूल-माला लिए सेंगर का स्वागत करते नजर आ रहे हैं.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कुलदीप सिंह सेंगर की वायरल तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 2017 में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार का मामला सामने आया था, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था. साल 2019 में आरोपी और भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी करार देते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
अब दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सेंगर की सजा निलंबित करते हुए जमानत दे दी है. वहीं पीड़िता और उसका परिवार हाईकोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रहा है.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर में दिल्ली के तिहाड़ जेल के बाहर कुछ लोग फूल-माले के साथ कुलदीप सिंह सेंगर का स्वागत करते नजर आ रहे हैं. एक्स, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे माध्यमों पर यूजर्स इस तस्वीर को वास्तविक मानकर शेयर करते हुए इसकी निंदा कर रहे हैं. (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला:
कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल जेल में है
जांच के दौरान हमने पाया कि कुलदीप सिंह सेंगर अभी तिहाड़ जेल में है. न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत से जुड़े एक अन्य मामले में सेंगर को 10 साल की सजा मिली थी. इस फैसले के खिलाफ भी सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर की है, जो फिलहाल लंबित है.
वायरल तस्वीर को गौर से देखने पर हमें ऐसी कई विसंगतियां दिखाई दीं, जो आमतौर पर एआई जनरेटेड तस्वीरों में पाई जाती हैं. मसलन तस्वीर में दिख रही तख्ती और सूचना पट्ट की लिखावट अस्पष्ट है, उसमें कई मात्रात्मक गलतियां हैं जबकि सामान्यत: किसी सरकारी सूचना में इस प्रकार की गलतियां नहीं होतीं.
तस्वीर एआई जनरेटेड है
तस्वीर पर गूगल के AI चैटबॉट Gemini का लोगो भी मौजूद है, जो बताता है कि तस्वीर संभवतः इसी टूल की मदद से बनाई गई है.
पुष्टि के लिए हमने तस्वीर को Hivemoderation और Undetectable.ai जैसे AI डिटेक्शन टूल पर चेक किया. Hivemoderation ने तस्वीर के एआई की मदद से बनाए जाने की संभावना 99.9 प्रतिशत जताई. वहीं Undetectable.ai ने भी इसके रियल होने की संभावना केवल एक प्रतिशत बताई, जिसका मतलब था कि तस्वीर के एआई जनरेटेड होने की संभावना 99 प्रतिशत है.


