MP के पुराने वीडियो को UP के कौशांबी की घटना से जोड़कर शेयर किया गया
बूम ने अपनी जांच में पाया की वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत है. वीडियो असल में 2 साल से ज़्यादा पुराना है और मध्यप्रदेश के धार ज़िले की एक घटना से सम्बंधित है.
उत्तर प्रदेश के कौशांबी (Kaushambi) ज़िले में भीड़ द्वारा ज़फ़र आलम नाम के एक मुस्लिम युवक की हत्या के बाद से एक वीडियो सोशल मीडिया पर ग़लत दावे के साथ वायरल है. वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह यूपी के कौशांबी में हिन्दुओं के समूह को ज़फ़र आलम की हत्या करते दिखाता है.
वायरल वीडियो कौशांबी ज़िले की घटना की पृष्ठभूमि में शेयर किया जा रहा है, जहां असरौली गांव के ज़फ़र आलम को 21 मार्च को प्रेम प्रसंग के चक्कर में भीड़ ने पीट पीटकर मार डाला था, जबकि उसके छोटे भाई नूर आलम की हालत गंभीर है.
बूम ने अपनी जांच में पाया की वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत है. वीडियो असल में 2 साल से ज़्यादा पुराना है और मध्यप्रदेश के धार ज़िले की घटना से सम्बंधित है.
पुलिस द्वारा मारपीट का पुराना वीडियो ग़लत दावे के साथ वायरल
मुस्लिम आवाज़ नाम के ट्विटर हैंडल से शेयर किये गए वीडियो के साथ कैप्शन दिया गया है, "हिन्दू संगठन के भिड़ ने 2 मुस्लिम युवकों की बेरहमी से लिंचिंग करदी, एक कि मौके पर मौत हो गई मरने वाले का नाम जफर बताया जा रहा हैं,घटना कौशाम्बी की भीड़ ने जफर को जान से मार दिया दूसरे की हालत नाजुक बताई जा रही है."
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य ट्वीट यहां और यहां देखें.
फ़ेसबुक पर वायरल
वीडियो को इसी दावे के साथ कई यूज़र्स ने फ़ेसबुक पर शेयर किया है.
फ़ेसबुक यूज़र कादिर अंसारी ने लिखा, "2 मुस्लिम युवकों की बेरहमी से लिंचिंग करदी, एक कि मौके पर मौत हो गई मरने वाले का नाम जफर बताया जा रहा हैं, घटना कौशाम्बी की भीड़ ने जफर को जान से मार दिया दूसरे की हालत नाजुक बताई जा रही है."
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया की वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत है. वीडियो असल में 2 साल से ज़्यादा पुराना है और मध्यप्रदेश के धार ज़िले की एक घटना से सम्बंधित है.
बूम ने वायरल वीडियो के कीफ़्रेम को रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो 6 फ़रवरी 2020 को प्रकाशित वनइंडिया की रिपोर्ट में हूबहू दृश्य दिखाती एक तस्वीर पायी.
रिपोर्ट में बताया गया है कि मध्य प्रदेश के धार ज़िले के मनावर इलाके में 5 फ़रवरी 2020 को हुई मॉब लिंचिग में 38 वर्षीय किसान गणेश की मौत हो गई और छह घायल हो गए. रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीणों ने बच्चा चोर की अफ़वाह पर इनकी पिटाई की थी.
न्यूज़ 18 एमपी-छत्तीसगढ़ के यूट्यूब चैनल पर अपलोडेड 5 फ़रवरी की रिपोर्ट में भी इसी वीडियो को देखा जा सकता है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि धार ज़िले के बोरलई गांव में लोगों ने 7 युवकों को बुरी तरह पीटा. इसमें एक युवक की मौत हो गई, जबकि अन्य बुरी तरह घायल हैं. बच्चा चोर की अफ़वाह के चलते इनको पीटा गया था, जबकि मामला पैसों के लेन-देन के विवाद का था.
5 फ़रवरी 2020 को प्रकाशित टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के धार ज़िले में बुधवार दोपहर बच्चा चोर होने के संदेह में सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा हमला किए जाने के बाद एक किसान की मौत हो गई और पांच अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
वहीं, दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना तिरला इलाके के खड़किया गांव की है. पीड़ित उज्जैन ज़िले के लिंबी पिपलिया गांव के रहने वाले हैं. 5 किसान मजदूरों से अपना एडवांस रुपया लेने गांव पहुंचे थे, जहां रुपए नहीं देने का मन बना चुके मजूदरों ने बच्चा चोरी की अफ़वाह फैला दी.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी अपने एक ट्वीट में वायरल वीडियो के साथ किये जा रहे दावे को ख़ारिज कर किया है.
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