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      कश्मीरी छात्राओं के श्लोकों को गाने का वीडियो फ़र्ज़ी सांप्रदायिक दावे से वायरल

      बूम ने कश्मीर के सल्लर सरकारी गर्ल्स स्कूल के प्रिंसिपल से बात की, जिन्होंने कहा कि वीडियो में नज़र आ रहीं छात्राएं हिंदू हैं और उन्होंने स्वेच्छा से श्लोकों का पाठ किया था.

      By - Nivedita Niranjankumar |
      Published -  23 Aug 2023 9:30 AM
    • Listen to this Article
      कश्मीरी छात्राओं के श्लोकों को गाने का वीडियो फ़र्ज़ी सांप्रदायिक दावे से वायरल

      हिंदू धार्मिक प्रार्थना गाते हुए दो कश्मीरी पंडित स्कूली छात्राओं का एक वीडियो ग़लत दावे के साथ शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि वे मुस्लिम छात्राएं हैं जिन्हें हिंदू धर्मग्रंथों को पढ़ने के लिए मजबूर किया गया है.

      बूम ने पाया कि वीडियो 2022 का है जब जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग ज़िले के सल्लर गांव में सरकारी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की दो छात्राओं ने सुबह की सभा में हिंदू देवता गणेश के लिए प्रार्थना की. हमने यह भी पाया कि दोनों छात्राएं कश्मीरी पंडित, हिंदू हैं, मुस्लिम नहीं है जैसा कि दावा किया जा रहा है.

      वीडियो को फ़ेसबुक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि "मुस्लिम लड़कियों का किया जा रहा ब्रेन वाश. कश्मीर माध्यमिक विद्यालय में मुस्लिम लड़कियों को हिंदू प्रार्थना गणेश आरती पढ़ने के लिए मजबूर किया गया."


      #पहलगाम,दक्षिण कश्मीर ,,

      _मुस्लिम लड़कियों से कराई जा रही गणेश आरती।
      मुस्लिम लड़कियों का किया जा रहा ब्रेन वाश।
      ये मामला सरकारी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल सल्लर की मुस्लिम छात्राओ से गणेश आरती करने के लिए कहा जाता है मेरे अल्लाह बुराई से बचाना पड़ने से भावना आहत होती है! pic.twitter.com/dnLVuix88Z

      — Naushad Khan (@NaushadNk260) August 20, 2023


      यूनाइटेड किंगडम स्थित मानवाधिकार संगठन, डॉक्यूमेंटिंग ऑप्रेशन अगेंस्ट मुस्लिम्स (डीओएएम) ने भी अपने एक्स हैंडल से वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, "कश्मीर को बदला जा रहा है. कश्मीर के एक माध्यमिक विद्यालय में मुस्लिम लड़कियों को हिंदू प्रार्थनाएं पढ़ने के लिए मजबूर किया गया."



      द इस्लामिक इंफॉर्मेशन, क्लेरियन और पाकिस्तान ऑब्जर्वर सहित कई अन्य वेबसाइटों ने भी यही फ़र्ज़ी दावा प्रकाशित किया.


      फ़ैक्ट चेक

      बूम ने पाया कि वीडियो 2022 का है और छात्राएं मुस्लिम नहीं बल्कि कश्मीरी पंडित हिंदू हैं. हमने देखा कि जिस मंच पर छात्राएं खड़ी होकर प्रार्थना कर रही थीं, वहाँ 'गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल (जीजीएचएसएस), सल्लर' लिखा हुआ है और वीडियो में दिख रही बिल्डिंग पर भी यही लिखा है.



      इससे मदद लेते हुए, हमने सर्च किया और पाया कि सल्लर कश्मीर के अनंतनाग ज़िले का एक गांव है. इसके बाद हमने गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल (जीजीएचएसएस), सल्लर के प्रिंसिपल से संपर्क किया, जिन्होंने वायरल दावे को झूठा बताया.

      जीजीएचएसएस, सल्लर की प्रिंसिपल मसूदा अख्तर ने बूम को बताया कि वीडियो मार्च 2022 का है और दोनों छात्राएं कश्मीरी पंडित हिंदू हैं. अख्तर ने कहा, "लड़कियां बहनें हैं, वर्तमान में 12वीं कक्षा में हैं. जब वीडियो रिकॉर्ड किया गया तब वे 11वीं में थीं." उन्होंने आगे बताया, "हमारे यहां छात्रों द्वारा सुबह की सभा के दौरान कभी-कभी गीत या कविता या धार्मिक ग्रंथ का पाठ करने की परंपरा है. 18 मार्च, 2022 को दोनों छात्राओं ने भगवान गणेश की स्तुति करते हुए एक हिंदू प्रार्थना पढ़ी. उन्होंने इसके लिए क्लास टीचर से उचित अनुमति ली थी, जो सुबह की सभा में कुछ भी सुनाने के इच्छुक किसी भी छात्र के लिए जरुरी है."

      प्रिंसिपल ने आगे कहा कि 2022 में भी यह वीडियो इसी फ़र्ज़ी दावे के साथ स्थानीय स्तर पर वायरल हुआ था और जिला शिक्षा बोर्ड ने स्कूल से स्पष्टीकरण मांगा था. "हमने तब शिक्षा बोर्ड को जवाब दिया था कि छात्राएं हिंदू थीं, मुस्लिम नहीं. इसके अलावा, केवल दो छात्राओं ने प्रार्थनाएँ पढ़ीं, उन्होंने अन्य छात्रों को उनके बाद गाने या ऐसा कुछ करने के लिए नहीं कहा. लड़कियों को मजबूर नहीं किया गया था, वास्तव में इसके लिए उनकी प्रशंसा की गई क्योंकि उन्होंने कुछ नया सीखा.'' उन्होंने आगे कहा कि स्कूल सभी धर्मों और त्योहारों को मनाता है और मुस्लिम छात्राओं को हिंदू प्रार्थनाएं पढ़ने के लिए मजबूर किये जाने के सभी दावे झूठे हैं.

      बूम ने उन छात्रों में से एक से भी बात की और जिसने पुष्टि की कि वे कश्मीरी पंडित हैं. "हमने अपने शिक्षक से अनुमति ली थी. हमारी प्रार्थना के बाद एक अन्य शिक्षक ने हमसे पूछा कि प्रार्थना का क्या मतलब है और इसका हमारे लिए क्या महत्व है. हमने गणेश प्रार्थना का महत्व समझाया और सभी ने हमारी प्रशंसा करते हुए तालियाँ बजाईं.

      वीडियो का एक लंबा संस्करण बूम के साथ भी साझा किया गया, जहां गायन के दौरान मौजूद शिक्षकों में से एक ने छात्राओं से प्रार्थना के बारे में सवाल पूछा कि यह किस भाषा में है. छात्राओं ने कहा कि यह संस्कृत में है, तो शिक्षक उनकी प्रशंसा करते हुए कहते हैं, "संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है."


      दिल्ली में मस्जिद छोड़कर सिर्फ़ मंदिर तोड़ने का सुदर्शन न्यूज़ का दावा ग़लत है

      Tags

      KashmirKashmiri PanditJammu & KashmirCommunal SpinFact Check
      Read Full Article
      Claim :   कश्मीर में मुस्लिम छात्राओं ने स्कूल में गणेश आरती कराई गई लडकियों का किया जा रहा है ब्रेनवाश
      Claimed By :  Facebook Users
      Fact Check :  False
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