पश्चिम बंगाल में पुलिस लाठीचार्ज का पुराना वीडियो काँवड़ियों से जोड़कर वायरल
बूम ने पाया वीडियो पिछले साल अगस्त महीने का है जब कोरोना के चलते मंदिर को बंद रखा गया था.
सावन का महीना शुरू होते ही शिव भक्त काँवड़ यात्रा शुरू कर देते हैं जो पूरे महीने चलती है. भक्तजन धार्मिक मतानुसार पवित्र स्थानों से जल लाकर शिव जी का अभिषेक करते हैं. इस वक्त भी सावन का महीना चल रहा है और देश भर से काँवड़ यात्रा से जुड़ी घटनाओं की तस्वीरों और वीडियो की सोशल मीडिया पर भरमार है. इसी संदर्भ में एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है जिसके साथ दावा किया जा है कि काँवड़ियों को पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर पुलिस द्वारा पीटा जा रहा है.
वीडियो के ऊपर एक टेक्स्ट है जिसमें लिखा है, "बंगाल में ममता सरकार के आदेशानुसार कांवड़ियों पर प्रेम बरसाती पुलिस". वीडियो में पुलिसकर्मी युवकों को डंडे से पीटते देखे जा सकते हैं. जिनको पीटा जा रहा है वे नारंगी रंग के कपड़े पहने हुए हैं. कुछ युवतियों को भी पुलिस समझाइश देती प्रतीत हो रही है. वीडियो में काफ़ी भीड़ दिख रही है जिसके चलते बेरिकेड भी लगे हुए हैं.
बूम ने पाया वीडियो अगस्त 2021 का है और काँवड़ यात्रा से इसका कोई संबंध नहीं है.
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फ़ेसबुक पर वीडियो काफ़ी वायरल है. एक यूज़र ने शेयर करते हुए लिखा,'बंगाल में एक बार फिर से हिंदू बना शिकार, बंगाल पुलिस का घिनौना चेहरा आया सामने…किस तरह कांवड़ यात्रियों के साथ मारपीट कर रहे हैं, ममता बानो का हिन्दू विरोधी चेहरा बेनकाब'
ट्विटर पर भी इसी तरह के काँवड़ियों की पटाई से जोड़ते हुए ये वीडियो वायरल है. एक यूज़र ने ट्वीट करते हुए लिखा,'योगी सरकार में कांवड़ियों पर फूल बरसते हैं और ममता की सरकार में डंडे...मुस्लिम वोटों के तुष्टिकरण के लिए ममता ने बंगाल को बांग्लादेश बना दिया है...'
फ़ैक्ट चेक
वीडियो को ध्यान से देखने पर एक जगह सफ़ेद पट्टी पर बांग्ला में कुछ लिखा दिखता है तथा वीडियो में बांग्ला भाषा में बात करते हुए भी सुना जा सकता है.
इसके बाद हमने बंगाल और कोलकाता को ध्यान में रखते हुए कीवर्ड से सर्च किया तो दैनिक भास्कर की एक वर्ष पुरानी रिपोर्ट मिली जिसके अनुसार कोरोना की दूसरी लहर के बाद प्रदेश के लगभग सभी मंदिरों को खोल दिया गया था. लेकिन उस समय तक कोलकाता का भूतनाथ मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद था. इस दौरान मंदिर के बाहर से ही पूजा करने के लिए शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिसके बाद पुलिस को भक्तों पर लाठी चार्ज करना पड़ा.
आगे हमें दैनिक जागरण और TV9 की 16 अगस्त 2021 की न्यूज़ रिपोर्ट मिली. दोनों रिपोर्ट में कुल मिला कहा गया है कि कोरोना के चलते कोलकाता स्थित मंदिर बंद है लेकिन राज्य भर के सभी बड़े-बड़े मंदिर खुल गये थे. इस कारण भक्त मंदिर के आसपास एकत्रित होते हैं और बाहर से ही आशीर्वाद लेते हैं. लेकिन सावन का आखिरी सोमवार होने के कारण भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी जिसे काबू में करने के लिए पुलिस ने लठियाँ बरसा दीं.
उपरोक्त तीनों रिपोर्ट में कहीं भी काँवड़ यात्रा अथवा काँवड़ियों का ज़िक्र नहीं किया गया है. 16 अगस्त 2021 को पश्चिम बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष रितेश तिवारी ने भी वीडियो को ट्वीट कर ममता सरकार को घेरा था. उनके ट्वीट में भी काँवड़ियों व काँवड़ यात्रा का कोई ज़िक्र नहीं था.
इसके बाद बूम ने भूतनाथ मंदिर के नजदीकी नॉर्थ पोर्ट पुलिस स्टेशन से संपर्क किया तो ए एस आई पी. चंद ने बताया कि इस पूरे सावन के महीने में भूतनाथ मंदिर के आसपास पुलिस द्वारा कोई लाठीचार्ज या अन्य कार्यवाही नहीं की गई.. अबतक पूरा महीना शांतिपूर्वक गुजरा है.
वायरल वीडियो के समय के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
आपको बता दें, सावन महीने के सोमवार का शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि सावन के महीने में ही देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव प्रकट हुए थे. इसके बाद उनका विवाह हुआ इसलिए शिव और पार्वती का ये प्रिय महीना है. हिन्दू धर्म में सोमवार का दिन शिव को समर्पित माना जाता है. यही कारण है कि शिवभक्त सावन महीने में सोमवार को शिव की पूजा का विशेष महत्व मानते हैं.
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