अनुवादक को टोकते हुए अमित शाह का पुराना वीडियो कर्नाटक चुनाव से जोड़कर वायरल
बूम ने पाया वायरल वीडियो मई 2018 का है. हालिया कर्नाटक विधानसभा चुनाव से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है.
सोशल मीडिया पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह भाषण देते हुए नज़र आ रहे हैं. वीडियो में अमित शाह हिंदी में भाषण देते हैं और अनुवादक कन्नड़ में अनुवाद करता है. अमित शाह अनुवादक को गलत अनुवाद करने के लिए टोकते हैं. वीडियो को हाल का बताकर यूज़र्स मज़ाक बनाते हुए इसे शेयर कर रहे हैं.
बूम ने पाया वायरल वीडियो मई 2018 का है. हालिया विधानसभा चुनाव से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है.
'नो वोट टू बीजेपी' प्लेकार्ड के साथ वायरल वीडियो का कर्नाटक चुनाव से कोई सम्बन्ध नहीं है
फेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'कर्नाटक में चुनाव प्रचार हमेशा मजेदार होता है। जाने कहां कहां से ले आते हैं! ये क्लिप देखिए और हंसते हंसते लोटपोट न हो जाएं तो कहिए (3 लाख 55 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं। कमाल है!
अन्य यूज़र्स ने इस वीडियो को हाल का समझते हुए शेयर किया है जिसे यहां और यहां देखा जा सकता है.
ट्विटर पर भी यूज़र्स इसे 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव से जोड़ते हुए शेयर कर रहे हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से स्क्रीनग्रैब निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो 19 अप्रैल 2019 की एक फेसबुक पोस्ट मिली जिसमें यही वीडियो देखी जा सकती है.
आगे और पड़ताल करने पर टीवी9 कन्नड़ न्यूज़ के यूट्यूब चैनल पर 08 मई 2018 को यही वीडियो अपलोडेड मिला. वीडियो का शीर्षक 'नेलमंगला सभा में अमित शाह के भाषण का गलत अनुवाद करने वाली महिला' था. वीडियो के 48वें सेकंड से हम वायरल वीडियो वाला हिस्सा सुन सकते हैं.
अमित शाह राहुल गांधी की आलोचना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हैं जिसका अनुवाद कन्नड़ भाषा में करती हुई महिला अनुवादक को वह टोकते हैं. इसके बाद एक पुरुष अनुवाद करना शुरू करता है.
यही वीडियो न्यूज़18 के कन्नड़ यूट्यूब चैनल पर भी 10 मई 2018 से मौजूद है.
हिंदी अख़बार जनसत्ता की 9 मई 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की राज्य के नेलमंगला में रैली थी. रैली को हिंदी में सम्बोधित करते समय कन्नड़ में सही अनुवाद न करने पर अमित शाह अनुवादक पर नाराज़ हो गये. ऐसा दो बार हुआ जिसके बाद अनुवादक को बदलना पड़ा. अमित शाह के साथ अनुवाद के दौरान पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी है.
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