वाहन पर लगे हिन्दू धार्मिक स्टीकर को हटाने को लेकर बहस का यह वीडियो राजस्थान का नहीं है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. यह वीडियो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी स्कूटी पर हिन्दू धर्म से सम्बंधित स्टीकर हटाने को लेकर वाहन चालक से बहस करता हुआ नज़र आ रहा है. वीडियो को राजस्थान का बताते हुए दावा किया जा रहा है कि हिन्दू लोग वाहन पर खाटू श्यामजी का स्टिकर नहीं लगा सकते हैं वार्ना चालान हो जाएगा. आगे राजस्थान सरकार को मुस्लिमपरस्त बताते हुए कहा जा रहा है कि सभी को मुस्लिमों के 20% वोट चाहिए, 80% हिन्दुओं के वोट किसी को नहीं चाहिए.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. यह वीडियो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का है, राजस्थान से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "राजस्थान के हालत ! खाटूश्यामजी का स्टीकर लगा हैं उस पर भी चालान कर रहे हैं ! हिन्दुओं, मुस्लिम परस्त पार्टियों तुम्हें सेकुलर बनाकर तुम्हारा सब कुछ छीन लेंगे !80 परसेंट बिखरे हुए हिन्दुओं के वोट के लिए कोई पार्टी परेशान नहीं हैं ! 20 परसेंट एकजुट मुस्लिम वोट के लिए सारी पार्टियां किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं !"
फ़ेसबुक पर यह वीडियो इसी दावे से कई यूज़र्स ने शेयर किया है. जिसे यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से कीफ्रेम निकालकर सर्च किया तो एक ट्वीट के साथ वायरल वीडियो मिला. ट्वीट में वीडियो को उत्तर प्रदेश का बताते हुए कहा गया कि "स्टिकर लगाने से उत्तर प्रदेश पुलिस को तकलीफ है,लेकिन भारत में कोई सरकारी फॉर्म भरते समय धर्म और जाति प्रमाण पत्र मांगा जाता है,तो ये फालतू का दिखावा प्रशासन क्यू कर रहा हैं??"
इसके बाद हमने पुलिसकर्मी की वर्दी पर लगा लोगो (प्रतीक चिन्ह) ध्यानपूर्वक देखा. राजस्थान पुलिस का लोगो सर्च किया तो इससे बहुत अलग पाया. हालांकि यूपी पुलिस का लोगो इसी के समान नज़र आ रहा है.
आगे पड़ताल करने पर हमें इस वीडियो के साथ किये जा रहे दावे का खंडन करते हुए राजस्थान पुलिस का ट्वीट मिला. राजस्थान पुलिस ने वीडियो के साथ किये जा रहे दावे को झूठा बताया और वीडियो के राजस्थान का न होने की पुष्टि की है.
बूम ने इसके बाद लखीमपुर खीरी और खाटू श्यामजी के पोस्टर पर चालान से सम्बंधित कीवर्ड्स से सर्च किया तो मयंक शकुन अवस्थी का 26 अगस्त 2023 का पोस्ट मिला. घटना को लखीमपुर खीरी का बताते हुए यूज़र ने इस पोस्ट में वायरल वीडियो भी सलंग्न किया है.
यूज़र ने पोस्ट में लिखा है कि "लखीमपुर में ये किस तरह का आदेश है की गाड़ी पर ओम,खाटू श्याम लिखा होने पर हम सबकी गाडी का चालान करेंगे, गाड़ी की फोटो ले ली पर मैंने फोटो नही हटाया🙏दिन भर फर्राटे भरते हुए एसपी,डीएम,सीओ,विधायक,सांसद ,जिलाध्यक्ष,मंडल अध्यक्ष की गाड़ी पर से नाम हटाइए फिर आम आदमी से बात करिए. भगवान का स्टीकर मैने अपने हाथ से लगाया है और मैं अपने हाथ से नही हटा सकता. आप चालान करते रहे मैं महादेव का नाम लेकर भरता रहूंगा." (आर्काइव लिंक)
इसी प्रोफाइल पर आगे एक पोस्ट मिली जिसमें मयंक शकुन अवस्थी ने 03 सितंबर 2023 को ट्रैफिक पुलिसकर्मी दिनेश के साथ तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, "आज निवास पर ट्रैफिक पुलिस के दिनेश सिंह जी मिलने आए. अच्छे व्यक्ति है शासन के आदेश को समझने में शायद गलती हुई और मेरा मानना है की गलतियां हमेशा व्यक्तियों से ही होती है. शायद समाज में ऐसा कोई नही होगा जिससे गलतियां ना हुई हो,मुझसे भी कई बार हुई है. आप सभी से निवेदन है की श्री दिनेश सिंह जी को वही सम्मान दे जैसे पहले देते थे. अपने ही भाई है वो भी."
उपरोक्त पड़ताल से स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का है. राजस्थान से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है.
गौरतलब है कि अगस्त महीने की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उत्तर प्रदेश में वाहनों पर धार्मिक एवं जातिसूचक स्टीकर लगाने पर क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी. सम्भवता इसी सन्दर्भ में यह वीडियो सामने आया है.
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