लोगों की हत्या करने वाले गिरोह का दावा करने वाला ये वीडियो फ़र्ज़ी है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो में इस्तेमाल की गई तस्वीर यूपी के मैनपुरी में आपस में रंजिश के चलते हुई हत्या की है. ऑडियो 2019 के एक वीडियो से लिया गया है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे एक तस्वीर के साथ एक ऑडियो का इस्तेमाल कर बनाया गया है. तस्वीर में चारपाई पर दो व्यक्ति मृत पड़े हैं और आसपास कई लोग खड़े हुए नजर आ रहे हैं तथा ऑडियो में कहा जा रहा कि "15-20 लोगों की एक टोली आयी जिसमें बच्चे और महिलाएं भीं है और उनके पास हथियार भी हैं. ये लोग आधी रात को आते हैं, कृपया दरवाजा न खोले. और इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें."
सोशल मीडिया यूज़र्स इसे वास्तविक मानकर लोगों से सुरक्षा की अपील करते हुए इसे शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो फ़र्ज़ी है उसके साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह ग़लत है.
इंस्टाग्राम पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर किया है. आर्काइव वर्जन यहां देखें.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो में दिख रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो 23 जून 2023 का एक ट्वीट मिला, जिसमें चार तस्वीरों के साथ वीडियो में इस्तेमाल की गयी तस्वीर भी शामिल है. ट्वीट के साथ कैप्शन में लिखा गया है कि "बाबा जी का अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश दिल दहला देने वाली थाना किशनी गांव गोकुलपुर अरसारा मैं 6 लोगों की धारदार हथियार से हत्या. एक ही परिवार के 6 लोगों की सोते समय की गई हत्या. परिवार में 3 दिन पहले घर मे हुई थी शादी. पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है."
उपरोक्त ट्वीट से मदद लेते हुए हमने मीडिया रिपोर्ट खोजी तो एक सप्ताह पहले की एक लोकल वेबसाइट पर इस सन्दर्भ में रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में घटना की कई तस्वीर प्रकाशित की हैं जिनमें वायरल तस्वीर भी शामिल है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 'उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के किशनी थाना क्षेत्र में सोते समय एक ही परिवार के 6 लोगों की हत्या हो गयी'.
टाइम्स नाउ हिंदी और हिंदुस्तान की 24 जून 2023 की रिपोर्ट्स में भी इस घटना को कवर करते हुए कहा गया है कि 'मैनपुरी के किशनी इलाके में एक ही परिवार के 8 लोगों पर कातिलाना हमला हुआ जिसमें 6 लोगों की मौत हो गयी और दो लोगों की हालत गंभीर है. बताया गया कि आरोपी परिवार का ही था और उसने हत्या करने के बाद खुद को भी गोली मार ली. मामले की जांच पुलिस कर रही हैं.'
आगे हमने वीडियो में इस्तेमाल की गयी ऑडियो के सन्दर्भ में पड़ताल की. बूम इससे पहले बच्चा चोरी को लेकर कई तस्वीरें और वीडियो का फ़ैक्ट चेक कर चुका है. वायरल ऑडियो को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद हमने बच्चा चोरी को लेकर अपनी पुरानी रिपोर्ट खंगाली तो सितम्बर 2019 की एक रिपोर्ट में शामिल वीडियो में वायरल ऑडियो मिला.
दरअसल, 2019 में पुलिसकर्मी के वीडियो के साथ वॉइसओवर कर दावा किया गया था कि यूपी के गोरखपुर के आसपास कुछ भिखारी टोली बनाकर बच्चों की हत्या कर, किडनी और लीवर निकल ले जाते हैं अथवा बच्चों का अपहरण कर लेते हैं. बूम ने पुलिसकर्मी से संपर्क कर स्पष्ट किया था ये दावा फ़र्ज़ी है. इसी वीडियो में इस्तेमाल किया गया ऑडियो का एक छोटा हिस्सा इस वक्त वायरल वीडियो में भी इस्तेमाल किया गया है जिसे नीचे संलग्न वीडियो में हम 1 मिनट 06 सेकंड से 1 मिनट 20 सेकंड तक सुन सकते हैं. इस हिस्से को काटकर इस्तेमाल किया जा रहा है.
उपरोक्त जांच से स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो और उसके साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है.
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