Boom Live
  • फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरीज़
  • राजनीति
  • वीडियो
  • Home-icon
    Home
  • Authors-icon
    Authors
  • Careers-icon
    Careers
  • फैक्ट चेक-icon
    फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स-icon
    एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक-icon
    फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय-icon
    अंतर्राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरीज़-icon
    वेब स्टोरीज़
  • राजनीति-icon
    राजनीति
  • वीडियो-icon
    वीडियो
  • Home
  • फैक्ट चेक
  • लंदन के होटल में खाने में इंसानी मल...
फैक्ट चेक

लंदन के होटल में खाने में इंसानी मल परोसने का सांप्रदायिक दावा फिर से वायरल

बूम ने पाया कि 2014 की घटना को फर्जी तरीके से सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है.

By - Jagriti Trisha |
Published -  16 Jun 2024 11:45 AM
  • लंदन के होटल में खाने में इंसानी मल परोसने का सांप्रदायिक दावा फिर से वायरल

    सोशल मीडिया पर 'डेलीमेल' की रिपोर्ट के हवाले से एक दावा वायरल है, जिसके मुताबिक लंदन के एक होटल 'खैबर पास टेकअवे' में मोहम्मद अब्दुल बासित और अमजद इंसानी मल मिलाकर लोगों को खाना परोसते थे. जांच के बाद पुलिस ने इनदोनों को गिरफ्तार कर लिया है.

    इस लंबे पोस्ट के साथ कथित तौर पर आरोपी मोहम्मद अब्दुल बासित और अमजद की तस्वीर भी शेयर की जा रही है. कुछ पोस्ट में इन तस्वीरों के अलावा न्यूज वेबसाइट जी न्यूज की एक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भी है, जिसमें वायरल दावे वाली ही खबर देखी जा सकती है. यहां, यहां देखें.

    बूम ने पाया कि यह दावा भ्रामक है. साल 2014 की घटना को गलत सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है. मामला ब्रिटेन के नॉटिंघम शहर का है. जहां इस होटल के खाने की वजह से कई लोगों को फूड पॉइजिनिंग हो गई थी.

    बूम इस दावे का फैक्ट चेक 2020 में भी कर चुका है. उस समय जी न्यूज समते कई भारतीय मीडिया आउटलेट्स ने भी इसी तरह के फर्जी फारवर्ड किए गए मैसेज के आधार पर घटना को सांप्रदायिक रूप देकर यह स्टोरी की थी.

    उस समय कोरोना महामारी का संक्रमण चरम पर था. तबलीगी जमात के कई सदस्य इस महामारी के चपेट में आ गए थे. जी न्यूज ने इसी घटना से जोड़कर 'डेलीमेल' की पुरानी खबर के हवाले से सांप्रदायिक रंग देते हुए स्टोरी की. हालांकि बाद में इन्होंने बिना किसी स्पष्टीकरण के स्टोरी में बदलाव कर दिए थे.

    एक्स पर इसे शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'अब्दुल और अमजद, लोगों को परोसते थे 'इंसानी टट्टी' मिला हुआ खाना, होटल मालिक गिरफ्तार. लंदन: कहीं पेशाब, कहीं थूक तो अब मानव मल भी, आप इसे कौन सा कृत्य कहेंगे, कौन सा आतंकवाद कहेंगे ये आपके ऊपर है, पर ये खबर आपके और आपके परिवार के सदस्यों के लिए बेहद जरुरी है, क्यूंकि आप सब भी बाहर ढाबे, रेस्तरा, होटल इत्यादि में खाना खाते ही होंगे और आप कभी इस पर ध्यान नहीं देते होंगे की ढाबा, रेस्तरा, होटल मजहबी उन्मादियों का है या किसी और का...'


    पोस्ट का आर्काइव लिंक.


    यह भी पढ़ें -मुस्लिमों द्वारा खाने में नपुंसकता की दवाई मिलाने वाला सांप्रदायिक दावा फिर से वायरल


    फैक्ट चेक

    पोस्ट में मेंशन 'डेलीमेल' की 24 मई 2015 की इस मूल रिपोर्ट के अनुसार यह नॉटिंघम की घटना है, जहां 'खैबर पास टेकअवे' होटल के खाने की वजह से लगभग 150 लोगों की तबियत खराब हो गई थी.


    स्टोरी का आर्काइव लिंक

    होटल की जांच हुई तो पाया गया कि सही साफ-सफाई की कमी और काम करने वाले कर्मचारियों के ठीक से हाथ न धोने के कारण यह घटना हुई थी. हालांकि इस घटना के बाद होटल के मालिक, अब्दुल बासित और अमजद भट्टी को चार महीने की सजा हुई, जुर्माने लगाए गए और उनको होटल चलाने से भी रोक दिया गया.

    इस रिपोर्ट में कहीं भी मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के लिए अलग किचन होने की बात नहीं कही गई थी और न ही यह आरोप नहीं लगाया गया था कि रेस्टोरेंट के मालिक केवल गैर-मुसलमानों को ही दूषित भोजन परोसते थे.

    बूम को 2020 में पड़ताल के दौरान बीबीसी ,द गार्जियन और द टेलीग्राफ यूके सहित कई अन्य मीडिया आउटलेट्स की भी रिपोर्ट मिली थी, जिन्होंने 2015 में इस घटना पर स्टोरी की थी.

    बीबीसी की रिपोर्ट में नॉटिंघम सिटी काउंसिल के फूड, हेल्थ एंड सेफ्टी टीम के पॉल डेल्स के हवाले से बताया गया कि इन मरीजों में ई. कोली नामक एक दुर्लभ बैक्टीरिया पाया गया- जो इंसानी आंत में पाया जाता है. इसकी वजह से 140 से अधिक लोग बीमार पड़े. इसी बैक्टीरिया की वजह से मानव मल होने की आशंका हुई. हालांकि रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि होटल के कर्मचारियों द्वारा बनाए गए सलाद में भी यह पाया गया था.

    Tags

    communal spinLondonIslamophobiaFact Check
    Read Full Article
    Claim :   लंदन के एक होटल में मोहम्मद अब्दुल बासित और अमजद लोगों को इंसानी मल मिलाकर खाना परोसते हैं.
    Claimed By :  Social Media Posts
    Fact Check :  False
    Next Story
    Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
    Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
    X
    Or, Subscribe to receive latest news via email
    Subscribed Successfully...
    Copy HTMLHTML is copied!
    There's no data to copy!