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फैक्ट चेक

क्या पूर्व एसबीआई चेयरपर्सन ने नोटबंदी को बताया जानलेवा फैसला? फ़ैक्ट चेक

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल ग्राफ़िक फ़र्ज़ी है. पूर्व एसबीआई चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.

By - Sachin Baghel |
Published -  7 April 2023 5:41 PM IST
  • क्या पूर्व एसबीआई चेयरपर्सन ने नोटबंदी को बताया जानलेवा फैसला? फ़ैक्ट चेक

    सोशल मीडिया पर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ( एसबीआई ) की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य की तस्वीर के साथ एक कथन ग्राफ़िक के रूप में वायरल हो रहा है. अरुंधति भट्टाचार्य के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने रिटायर होने के बाद नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा है कि उनकी सरकार में बोलने की आज़ादी नहीं है. साथ ही उन्होंने आगे कहा है कि नोटबंदी एक जानलेवा फैसला था.

    कई विपक्षी नेता और सोशल मीडिया यूज़र्स इस ग्राफ़िक को असल मानकर शेयर कर रहे हैं.

    बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल ग्राफ़िक फ़र्ज़ी है. अरुंधति भट्टाचार्य ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है.

    समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री आई.पी. सिंह ने ट्विटर पर ग्राफ़िक शेयर करते हुए लिखा, "देश के बड़े ओहदों पर बैठे बड़े लोग मोदी के खिलाफ मुँह खोलने लगे हैं. नोटबन्दी देश के लिए जानलेवा फैसला था...."

    देश के बड़े ओहदों पर बैठे बड़े लोग मोदी के खिलाफ मुँह खोलने लगे हैं।

    नोटबन्दी देश के लिए जानलेवा फैसला था.... pic.twitter.com/cBfYClZnbm

    — I.P. Singh (@IPSinghSp) April 2, 2023

    कांग्रेस नेता कीर्ति आज़ाद ने भी यह ग्राफ़िक ट्वीट करते हुए लिखा, "इसको गोदी मीडिया नहीं रिपोर्ट करेगा."

    इसको गोदी मीडिया नहीं रिपोर्ट
    करेगा pic.twitter.com/DlocP2m3EH

    — Kirti Azad (@KirtiAzaad) April 2, 2023

    फ़ेसबुक पर भी अनेक यूज़र्स ने इस ग्राफ़िक को शेयर किया है जिसे यहां देख सकते हैं.



    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने सबसे पहले वायरल दावे से सम्बंधित कीवर्ड्स की मदद से मीडिया रिपोर्ट्स खोजी लेकिन दावे की पुष्टि करती हुई कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली. अगर एसबीआई की पूर्व चेयरपर्सन ने वर्तमान सरकार के सन्दर्भ में ऐसा कोई बयान दिया होता तो वह अवश्य ही मीडिया की सुर्खियों में रहता लेकिन हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई.

    नोटबंदी से सम्बंधित उनके बयान खोजने पर टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 26 अक्टूबर 2017 की रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार को नोटबंदी करने से पहले बैंको को तैयारी के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए था. अचानक लिए गए इस फैसले से बैंको पर भयानक दबाव आ गया. अगर बैंको थोड़ा समय मिल पाता तो निश्चित तौर पर और बेहतर क्रियान्वयन हो सकता था. नोटबंदी के फैसा सही था या गलत इसपर उन्होंने कहा कि इसका जवाब लम्बे समय बाद ही दिया जा सकता है.

    नोटबंदी के फायदे के बारे में बोलने पर उन्होने कहा कि, नोटबंदी के बाद टैक्स पेयर की संख्या बढ़ने से एक बात साफ है कि नवंबर 2016 के पहले जो लोग टैक्स नहीं दे रहे थे उन्होंने टैक्स देने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया. हालांकि, अरुंधति ने कहा कि इस कदम से कालेधन पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगाया जा सकता.



    मार्च 2018 की इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में नोटबंदी की चुनौतियों पर बोलते हुए अरुंधति कहा कि, “हमें 36 घंटे का नोटिस मिला था कि परसों 10 बजे नए नोटों के साथ अपने काउंटर खोल दें. हमें शाम 8 बजे बताया गया था जबकि अगले दिन छुट्टी थी और उस समय, मुझे यह भी नहीं पता था कि नए नोट कहाँ है. मुझे पता था कि वे करेंसी चेस्ट में थे, लेकिन जो लोग करेंसी चेस्ट के प्रभारी थे, उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक गैर-प्रकटीकरण समझौते पर हस्ताक्षर करवाया गया था जिसके तहत वो किसी को इस बारे में कोई सूचना नहीं दे सकते थे.”

    किसी भी रिपोर्ट में अरुंधति भट्टाचार्य का वायरल दावे से सम्बंधित कोई बयान नहीं मिला. बूम ने अरुंधति भट्टाचार्य से संपर्क करने की कोशिश की है, उनका जवाब आते ही है स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा.

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 08 नवम्बर 2016 को शाम 8 बजे नोटबंदी की घोषणा की थी. अरुन्धन्ति भट्टाचार्य उस वक्त एसबीआई की चेयरपर्सन थीं. वह एसबीआई की पहली महिला चेयरपर्सन रही हैं. 2017 में कार्यकाल ख़त्म होने के बाद फ़िलहाल वह क्लाउड आधारित सॉफ्टवेयर कंपनी ‘Salesforce India’ के साथ चेयरपर्सन और सीईओ के तौर पर जुड़ी हुई हैं

    अशोक गहलोत के क्लिप्ड वीडियो को अमृतपाल सिंह का समर्थन करने के दावे से शेयर किया गया

    Tags

    DemonetisationNarendra ModiSBIFact Check
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    Claim :   पूर्व एसबीआई चेयरपर्सन ने नोटबंदी को बताया जानलेवा फैसला.
    Claimed By :  Twitter Posts
    Fact Check :  Misleading
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