'मंदिर तोड़ने वाले' मुसलमानों को ब्रिटेन से निकालने का फ़र्ज़ी दावा वायरल
बूम ने पाया कि वीडियो में किया गया दावा फ़र्ज़ी है.
सोशल मीडिया पर न्यूज़ बुलेटिन के फॉर्मेट में मौजूद करीब 3 मिनट का एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. वीडियो में यह कहा जा रहा कि ब्रिटेन ने मंदिर पर हमला करने वाले मुसलमानों को देश से बाहर निकालने का निर्णय लिया है और वहां की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने इस एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं.
इसके अलावा वायरल वीडियो में यह भी कहा जा रहा है कि ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री ने साफ़ कहा है कि हिंदुओं या उनकी विचारधारा से किसी भी तरह की छेड़खानी बर्दाश्त नहीं होगी. साथ ही वीडियो में यह भी दावा किया जा रहा है कि हाल ही में ब्रिटेन के लेस्टर शहर में उपजे सांप्रदायिक तनाव के बीच हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया था.
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वायरल वीडियो में ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस से जुड़े कई वीडियोज़ और अलग-अलग घटनाओं के वीडियोज़ शामिल हैं. इन सभी वीडियोज़ को मिलाकर एक न्यूज़ बुलेटिन की शक्ल दी गई है. साथ ही वीडियो में वॉयस ओवर भी शामिल है, जिसमें ऊपर लिखे सभी दावे किए जा रहे हैं. साथ ही ये दावे सबटाइटल के रूप में भी वीडियोज़ में मौजूद हैं.
वायरल वीडियो को कई फ़ेसबुक अकाउंट से हाल के दिनों में अपलोड किया गया है.
फ़ेसबुक पर वायरल वीडियो से जुड़े पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
क्या लेस्टर में हिंदू मंदिर को तोड़ा गया?
बूम ने वायरल वीडियो में किए जा रहे दावे की पड़ताल के दौरान सबसे पहले यह पता लगाने की कोशिश की, कि क्या लेस्टर शहर में किसी हिंदू मंदिर को भी तोड़ा गया था? लेकिन हमें वायरल वीडियो में किये गए इस दावे की पुष्टि करती हुई कोई भी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली. हालांकि कई न्यूज़ रिपोर्ट में लेस्टर के बेल्ग्रवे रोड इलाके में स्थित एक मंदिर के बाहर लगे झंडे को उतारने वाली घटना का ज़िक्र ज़रूर था.
क्या ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने दिया है यह बयान?
हमने इसके बाद उस दावे की पड़ताल भी की, जिसमें यह कहा गया है कि ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री ने हिंदुओं या उनकी विचारधारा से किसी भी तरह की छेड़खानी बर्दाश्त नहीं होने की बात कही है. हमने इसकी जांच के लिए भी इससे जुड़े मीडिया रिपोर्ट्स को खोज़ना शुरू किया लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट्स नहीं मिली, जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो. अमूमन, ऐसे बयान या फ़ैसले अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया जगत की सुर्ख़ियाँ जरूर बनते हैं.
ब्रिटेन सरकार के द्वारा मुसलमानों को देश से बाहर निकालने का निर्णय वाला दावा कितना सही?
हमने इस दावे की जांच के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें ब्रिटेन सरकार की वेबसाइट पर 17 अगस्त 2022 को प्रकाशित की गई रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने पाकिस्तानी इंटीरियर मिनिस्टर युसूफ़ नसीम खोखर के साथ एक एग्रीमेंट साइन किया था.
इस एग्रीमेंट के तहत अवैध पाकिस्तानी प्रवासियों और अपराधियों को उनके देश वापस भेजा जाएगा. यह एग्रीमेंट ब्रिटेन के नए प्रवासी प्लान के तहत हुए थे. इस रिपोर्ट में सिर्फ़ अवैध पाकिस्तानी प्रवासी और आपराधिक किस्म के व्यक्तियों को ही वापस भेजने की बात कही गई है.
इसी दौरान हमें यह भी पता चला कि वर्तमान में ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस के कैबिनेट में गृह मंत्रालय का जिम्मा भारतीय मूल की ही सुएला ब्रेवरमैन के पास है. प्रीति पटेल के पास 6 सितंबर 2022 तक ही गृह मंत्रालय का ज़िम्मा था.
जांच के दौरान हमें यह भी पता चला कि ब्रिटेन के लेस्टर में बीते दिनों उपजे सांप्रदायिक तनाव की शुरुआत ही 28 अगस्त को एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए क्रिकेट मैच के बाद हुई थी. हालांकि सितंबर के महीनों में यह तनाव काफ़ी बढ़ गया था और 18 सितंबर को लेस्टर के एक हिंदू मंदिर के बाहर कुछ लोगों द्वारा प्रदर्शन किए जाने की ख़बर भी आई थी.
इसलिए हमारी जांच में यह साफ़ हो गया कि ब्रिटेन ने पाकिस्तान के साथ अवैध प्रवासियों और आपराधिक किस्म के व्यक्तियों को वापस भेजने वाले एग्रीमेंट लेस्टर में उपजे तनाव से काफ़ी पहले ही साइन किए थे.
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