केंद्र सरकार पर फंड न दिए जाने का आरोप लगाते BSF आईजी का डीपफेक वीडियो वायरल
बूम ने पाया कि आईजी, BSF कश्मीर फ्रंटियर अशोक यादव के इस वायरल वीडियो में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से छेड़छाड़ की गई है.

सोशल मीडिया पर आईजी, सीमा सुरक्षा बल (BSF) कश्मीर फ्रंटियर अशोक यादव का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कथित तौर पर वह कहते नजर आ रहे हैं कि हमें काउंटर टेररिज्म के मोर्चे पर जीरो हासिल हुआ है क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा प्रोक्योरमेंट बजट और जरूरी फंड नहीं दिया जा रहा है.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि अशोक यादव के इस वायरल वीडियो में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से छेड़छाड़ की गई है. मूल वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ इस तरह की कोई टिप्पणी नहीं की.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
करीब सवा मिनट के इस वायरल वीडियो में अशोक यादव दावा करते हैं कि बीएसएफ ने 2025 में जीरो टेररिस्ट को न्यूट्रलाइज किया. उनकी जी ब्रांच जो क्रिटिकल इंटेलिजेंस देने का दावा करती है, ने साल का ज्यादातर समय गायों, परछाइयों और कभी-कभी अपने पेट्रोलिंग ग्रुप को हाई-वैल्यू थ्रेट के रूप में पहचान करने में बिताया है. इसके बाद बीएसएफ आईजी आगे कहते दिखाई देते हैं कि 69 लॉन्चिंग पैड्स की कड़ी निगरानी के बाद भी फोर्स को कुछ नहीं मिला क्योंकि हमारी दूरबीनें पिछले साल से प्रोक्योरमेंट का इंतजार कर रही हैं. आगे वह यह भी दावा करते हैं कि ताजा आकलन के मुताबिक करीब 100 से 120 आतंकी पहले ही एलओसी पार कर देश में घुसे हो सकते हैं.
एक्स और फेसबुक जैसे माध्यमों पर इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि अशोक यादव ने अपने बयान में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा सवाल खड़ा किया है. उन्होंने दावा किया है कि काउंटर टेररिज्म के मोर्चे पर जीरो हासिल हुआ है क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा प्रोक्योरमेंट बजट और जरूरी फंड नहीं दिया जा रहा है. संसाधनों की कमी के चलते सुरक्षा बल पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं. (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला:
मूल वीडियो में अशोक यादव ने वायरल वीडियो वाला दावा नहीं किया
हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम को गूगल लेंस की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया. इसके जरिए हमें न्यूज एजेंसी एएनआई के आधिकारिक X हैंडल पर 1 दिसंबर 2025 को पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला, जिसके दृश्य वायरल क्लिप में दिख रहे विजुअल से मेल खा रहे थे. हमने पाया कि इस पोस्ट या बीएसएफ आईजी अशोक यादव के मूल वीडियो में केंद्र सरकार के खिलाफ ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई है जैसा कि वायरल वीडियो में सुनाई दे रहा है.
हमें ANI के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अशोक यादव की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का लाइव प्रसारण भी मिला, जिसे 1 दिसंबर 2025 को स्ट्रीम किया गया था. हमें इसमें भी उनके द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ की गई ऐसी कोई टिप्पणी नहीं मिली.
अशोक यादव द्वारा बीएसएफ की जी यूनिट द्वारा नियंत्रण रेखा पर सभी 69 सक्रिय लॉन्चिंग पैड्स और घुसपैठ की ताक में बैठे आतंकवादियों की निगरानी के बारे में दिया गया मूल बयान यहां देखा जा सकता है.
एआई डिटेक्टर टूल ने जताई छेड़छाड़ की संभावना
जांच के लिए हमने वीडियो को एआई डिटेक्शन टूल DeepFake-O-Meter पर चेक किया. टूल ने क्लिप को डीपफेक पहचानने वाले कई पैरामीटर्स पर परखा, इसके अधिकांश मॉडलों ने वीडियो में एआई के जरिए छेड़छाड़ किए जाने की संभावना जताई.
भारत सरकार की नोडल एजेंसी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट चेक इकाई ने भी इस दावे का खंडन किया और कहा कि अशोक यादव ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है.


