केरल में BJP MLA की पिटाई के फ़र्ज़ी दावे से वायरल हुआ राजस्थान का पुराना वीडियो
बूम ने पाया कि वीडियो राजस्थान के पाली ज़िले के सुमेरपुर का है और साल 2020 की एक घटना से संबंधित है.
इन दिनों मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें कुछ लोग एक युवक को जबरन जूते से पानी पिलाते हुए नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह केरल में महिलाओं द्वारा बीजेपी विधायक की पिटाई दिखाता है.
हालांकि, बूम की जांच में सामने आया कि वायरल दावा ग़लत है. वीडियो पुराना है और राजस्थान का है.
व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहे वीडियो के साथ कैप्शन दिया गया है, “केरला में बीजेपी एमएलए को नंगा कर के औरतों ने पिटा. ये प्रथा देश में शुरू हो चुकी है.”
बूम ने इस कैप्शन को जब ट्विटर और फ़ेसबुक पर सर्च किया तो एक दूसरा वीडियो मिला, जिसमें महिलाओं के एक समूह को एक व्यक्ति को पीटते हुए देखा जा सकता है. बूम ने इस वीडियो का फ़ैक्ट चेक किया था और पाया था कि वीडियो में बीजेपी विधायक नहीं हैं. यहां पढ़ें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो से स्क्रीनग्रैब निकालकर रिवर्स इमेज सर्च पर खोजा तो साल 2020 में प्रकाशित दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में तस्वीर के रूप में उन दृश्यों को देखा जा सकता है जो वायरल वीडियो में दिखाया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के पाली ज़िले के सुमेरपुर में विवाहिता से प्रेम प्रसंग को लेकर नाराज़ लोगों ने युवक को सजा के तौर पर शराब की बोतल में पेशाब और जूतों में पानी पिलाया. इसके अलावा, पीड़ित युवक के चाचा और भाई को बुलाकर उन्हें रातभर पेड़ से बांध कर रखा गया.
रिपोर्ट में बताया गया है कि सुमेरपुर पुलिस ने 11 जून 2020 के इस घटनाक्रम से जुड़े मामले में 15 जून को दर्ज किया, और इस मामले में पांच लोगों को गिरफ़्तार कर लिया.
न्यूज़18 हिंदी की 18 जून 2020 की रिपोर्ट में सुमेरपुर थाना प्रभारी के हवाले से बताया गया है कि पीड़ित युवक अविवाहित है. वह अपने ही गांव की विवाहिता से अक्सर फ़ोन पर बातें करता था. यह बात विवाहिता के भाई को रास नहीं आई. इस बारे में उसने अपने रिश्तेदारों को ख़बर दी. 11 जून को बाइक और कार सवार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और उसे सिरोही ज़िले के सरदारपूरा गांव ले गए. वहां उसके साथ मारपीट की गयी और जूते में भरकर पानी पिलाया.
रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने उसके माता-पिता से दंड स्वरुप 5 हज़ार रुपये भी वसूले. मामला सामने आने के बाद पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ़्तार किया.
हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट हो जाता है कि वीडियो राजस्थान का है और इसका केरल की किसी भी घटना से संबंध नहीं है. इसके अलावा, ध्यान देने वाली बात यह भी है कि केरल विधानसभा में बीजेपी का एक भी प्रतिनिधि नहीं है, यानी एक भी विधायक नहीं है.
बूम ने इस वीडियो का साल 2022 में भी फ़ैक्ट चेक किया था, जब इसे हालिया बताकर शेयर किया गया था. यहां देखें.
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यहां जानकारी के लिए बता दें कि बीते सप्ताह में कई असंबंधित वीडियोज़ को केरल से जोड़कर फ़र्ज़ी और सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया गया है. बूम ने इनका फ़ैक्ट चेक किया है. यहां पढ़ें