सरकारी कार्यक्रम में पूजा पर आपत्ति जताते डीएमके सांसद का वीडियो भ्रामक दावे से वायरल
बूम ने जांच में पाया कि डीएमके सांसद एस सेंथिलकुमार ने जुलाई 2022 में एक सरकारी कार्यक्रम में धार्मिक समारोह आयोजित करने को लेकर सवाल उठाते हुए पूछा था कि “इसमें सिर्फ़ हिंदू रीति रिवाज को क्यों शामिल किया गया है?”
सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति तमिल भाषा में एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू रीति रिवाज से पूजा करने पर सवाल उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो को सोशल मीडिया पर इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि “तमिलनाडु में भूमि पूजन के लिए पंडित बुलाने पर एक अधिकारी काफ़ी गुस्सा हो गए और कहने लगे कि इसके लिए पादरी या इमाम बुलाना था ना कि पंडित को”.
हालांकि बूम ने जांच में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है. वीडियो में दिख रहे शख्स तमिलनाडु की धर्मपुरी लोकसभा सीट से डीएमके सांसद एस सेंथिलकुमार हैं. डीएमके सांसद ने जुलाई 2022 में एक सरकारी कार्यक्रम में धार्मिक समारोह आयोजित करने को लेकर सवाल उठाया था कि “इसमें हिंदू धर्म के अलावा ईसाई, मुस्लिम, नास्तिकता से जुड़े लोगों को क्यों नहीं बुलाया गया”.
वायरल वीडियो क़रीब 1 मिनट 56 सेकेंड का है. इसमें शर्ट जींस पहने एक शख्स एक कार्यक्रम में मौजूद व्यक्ति को तमिल भाषा में डांटते हुए सुनाई दे रहे हैं. इस दौरान वहां एक पुजारी भी मौजूद है जो उस शख्स के गुस्सा होने के बाद वहां से पूजा पाठ वाले सामान को समेटने लगता है.
इस वीडियो को फ़ेसबुक पर लंबे कैप्शन के साथ साझा किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “तमिलनाडु में, भूमि पूजन हेतु पंडित को पूजा देख कर अधिकारी पर चिल्लाते हुवे कहता है. फादर को व मुल्ला को बुलाना था. इस पंडित को क्यों बुलाया गया। किसी अन्य धर्म के धर्मगुरु का इस तरह अपमान होता तो सारा देश सर पर उठा लेते और उस अधिकारी पर फतवे जारी हो जाते कितना सहेगा हिन्दू । बात सिर्फ तमिलनाडु की नहीं है , आये दिन देश में इस तरह की हरकते हो रही है , हिन्दू डर के मारे विरोध तक नहीं करते”.
फ़ेसबुक पर वायरल वीडियो से जुड़े अन्य पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए वीडियो में दिख रहे दृश्यों से संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें द न्यूज़ मिनट की वेबसाइट पर 17 जुलाई 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इसमें वायरल वीडियो का स्क्रीनग्रैब मौजूद था.
द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु में एक झील के जीर्णोद्धार के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए डीएमके सांसद एस सेंथिलकुमार को बुलाया गया था. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर हिंदू पंडित द्वारा पूजा कराए जाने पर आपत्ति जताते हुए सभी धर्मों के प्रतिनिधि को बुलाने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने वहां मौजूद पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को साफ़ लहजे में कहा कि किसी भी सरकारी कार्यक्रम में किसी ख़ास धर्म की पूजा आयोजित नहीं की जानी चाहिए.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि डीएमके सांसद एस सेंथिलकुमार ने अधिकारी को डांटते हुए साफ़ कहा था कि “दूसरे धर्म के प्रतिनिधि कहां हैं? मुस्लिम या ईसाई कहां है? चर्च के फादर और इमाम को भी आमंत्रित करो. इसके अलावा नास्तिक या धर्म नहीं मानने वाले लोगों को भी बुलाओ. इस दौरान उन्होंने यह भी साफ़ कहा कि वह पूजा आयोजित करने के ख़िलाफ़ नहीं हैं, लेकिन इस तरह के कार्यक्रम में सभी धर्म के लोगों को शरीक किया जाना चाहिए.
इस दौरान हमें एस सेंथिलकुमार के ट्विटर अकाउंट पर भी यह वीडियो मिला, जिसे 16 जुलाई 2022 को ट्वीट किया गया था.
इसके अलावा उन्होंने इस वीडियो को हिंदी वोयस ओवर और हिंदी कैप्शन के साथ भी ट्विटर पर साझा किया था. ट्वीट में मौजूद हिंदी कैप्शन में लिखा गया था कि “DMK सांसद डॉ. सेंथिल ने एक सरकारी समारोह में एक ब्राह्मण पुजारी द्वारा भूमि पूजन को रोका, उन्होंने सरकारी अधिकारी से ईसाई, इस्लामी और नास्तिक प्रतिनिधित्व भी लाने को कहा”.
जांच में हमें इस मामले से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट बीबीसी तमिल और बीबीसी हिंदी की वेबसाइट पर मिली. दोनों ही रिपोर्टों में डीएमके सांसद एस सेंथिल कुमार का बयान भी मौजूद था.
16 जुलाई 2022 को बीबीसी तमिल की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु की धर्मपुरी लोकसभा सीट से डीएमके सांसद एस सेंथिलकुमार जिले के अलापुरम झील के जीर्णोद्धार के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे. यह कार्यक्रम लोक निर्माण विभाग(PWD) की तरफ़ से आयोजित किया गया था.
सांसद एस सेंथिलकुमार जैसे ही कार्यक्रम पर पहुंचे तो उन्होंने सरकारी कार्यक्रम में भूमि पूजन जैसे धार्मिक समारोह आयोजित करने को लेकर इसकी आलोचना की. साथ ही उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों से पूछा कि सरकारी कार्यक्रमों में धार्मिक समारोह पर रोक के बावजूद यह क्यों किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि इस कार्यक्रम में ईसाई, मुस्लिम या नास्तिकता के प्रतिनिधियों को क्यों नहीं बुलाया गया है. इसके बाद उन्होंने वहां पूजा पाठ के लिए लाई गई चीजों को हटाने के लिए भी कह दिया.
सांसद एस सेंथिलकुमार ने इस पूरे मुद्दे को लेकर बीबीसी से बात भी की थी. उन्होंने कहा था कि यह घटना इसलिए काफ़ी चर्चा में है क्योंकि मैंने इसका वीडियो ट्विटर पर शेयर किया. मैंने हर बार अधिकारियों से यह पूछा है कि इसमें अन्य धर्मों को शामिल क्यों नहीं किया जाता है? किसी ख़ास धर्म को ही बार बार कार्यक्रमों में क्यों शामिल किया जाता है? आप या तो सबको बुलाएं नहीं तो ऐसे चीजों से बचें.
हमारी अभी तक की जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ हो गया था कि डीएमके सांसद ने सरकारी कार्यक्रम में हिंदू रीति रिवाज से पूजा किए जाने पर आपत्ति जताते हुए यह नहीं कहा था कि यहां सिर्फ़ पादरी या इमाम को बुलाना था. बल्कि उन्होंने सरकारी कार्यक्रम में सिर्फ़ धर्म विशेष को शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई थी.
हमने जांच के दौरान इस वीडियो का पूरा अनुवाद हिंदी में भी किया. लेकिन हमें वीडियो में एस सेंथिलकुमार वे बातें कभी भी बोलते हुए दिखाई नहीं दिए, जैसे दावा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है.
हमने संसद एस सेंथिल कुमार से भी संपर्क किया है. उनका जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा.